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अलवर के केंद्रीय कारागार में कैदी रख रहे नवरात्रों के व्रत...

अलवर की केंद्रीय कारागार में सजा काट रहे कैदी नवरात्रों की पूजा कर रहे हैं. साथ ही बड़ी संख्या में कैदियों ने नवरात्रों का व्रत रखा है. ऐसे में जेल प्रशासन की तरफ से कैदियों के खाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही व्रत के दौरान कैदियों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसका भी जेल प्रशासन की तरफ से ध्यान रखा जा रहा है.

prisoners are keeping the fast of Navratri in the Central Jail of Alwar.
अलवर के केंद्रीय कारागार में कैदी रख रहे नवरात्रों के व्रत
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Published : Oct 10, 2021, 7:45 PM IST

अलवर. केंद्रीय कारागार में सजा काट रहे बंदी नवरात्रों की पूजा कर रहे हैं. साथ ही बड़ी संख्या में बंदियों ने नवरात्रों का व्रत रखा है. ऐसे में जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों के खाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही व्रत के दौरान बंदियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसका भी जेल प्रशासन की तरफ से ध्यान रखा जा रहा है.

अलवर के केंद्रीय कारागार में एक हजार से अधिक बंदी बंद हैं. जिसमें 150 के आसपास महिला बंदी भी शामिल है. वैसे तो जेल में सभी त्यौहार मनाई जाते हैं और धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं. होली, दिवाली, ईद, दशहरा सभी कार्यक्रम के मौके पर बंदियों को विशेष खाना उपलब्ध कराया जाता है. मंदिरों में पूजा के साथ जेल प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम की व्यवस्था भी की जाती है. अलवर की केंद्रीय कारागार में बंद बंदियों में से 136 बंदियों ने नवरात्रों का व्रत रखा है. सभी बंदी सुबह-शाम माता की पूजा करते हैं. साथ ही जेल प्रशासन की तरफ से भी बंदियों के लिए आरक्षित खाने की व्यवस्था की गई है.

पढ़ें. बड़ी खबर : रीट पेपर लीक प्रकरण में फरार चल रहा मुख्य आरोपी बत्तीलाल मीणा गिरफ्तार

जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदियों की निर्धारित डाइट में से कटौती करके उनको फ्रूट और अन्य खाने की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं. अलवर केंद्रीय कारागार में बड़ी संख्या में बंदी बंद हैं. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखंड, दिल्ली, गुजरात, पंजाब सहित कई राज्यों के बंदी बंद है. जेल प्रशासन ने कहा कि ईद हो दिवाली हो दशहरा हो या कोई भी त्यौहार हो. अगर कोई बंदी व्रत रखता है या पूजा करता है तो जेल प्रशासन की तरफ से उसको सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

अलवर के केंद्रीय कारागार में कैदी रख रहे नवरात्रों के व्रत

रमजान व ईद के मौके पर जो लोग रोजे रखते हैं. उनके भी रोजे रखने की व्यवस्था जेल प्रशासन करता है. उनके लिए अलग से खाने के इंतजाम भी किए जाते हैं. जेल अधिकारियों ने कहा कि जेल में वैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होता है. बंदियों को योगा सिखाया जाता है. मोटिवेशनल शिविर भी आयोजित किए जाते हैं. जिससे कैदियों का हृदय परिवर्तन हो सके और कैदी अपने जीवन में अच्छे और सच्चे रास्ते पर चल सके. सरकार की तरफ से भी इस ओर ध्यान दिया जा रहा है और कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

अलवर. केंद्रीय कारागार में सजा काट रहे बंदी नवरात्रों की पूजा कर रहे हैं. साथ ही बड़ी संख्या में बंदियों ने नवरात्रों का व्रत रखा है. ऐसे में जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों के खाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही व्रत के दौरान बंदियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसका भी जेल प्रशासन की तरफ से ध्यान रखा जा रहा है.

अलवर के केंद्रीय कारागार में एक हजार से अधिक बंदी बंद हैं. जिसमें 150 के आसपास महिला बंदी भी शामिल है. वैसे तो जेल में सभी त्यौहार मनाई जाते हैं और धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं. होली, दिवाली, ईद, दशहरा सभी कार्यक्रम के मौके पर बंदियों को विशेष खाना उपलब्ध कराया जाता है. मंदिरों में पूजा के साथ जेल प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम की व्यवस्था भी की जाती है. अलवर की केंद्रीय कारागार में बंद बंदियों में से 136 बंदियों ने नवरात्रों का व्रत रखा है. सभी बंदी सुबह-शाम माता की पूजा करते हैं. साथ ही जेल प्रशासन की तरफ से भी बंदियों के लिए आरक्षित खाने की व्यवस्था की गई है.

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जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदियों की निर्धारित डाइट में से कटौती करके उनको फ्रूट और अन्य खाने की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं. अलवर केंद्रीय कारागार में बड़ी संख्या में बंदी बंद हैं. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखंड, दिल्ली, गुजरात, पंजाब सहित कई राज्यों के बंदी बंद है. जेल प्रशासन ने कहा कि ईद हो दिवाली हो दशहरा हो या कोई भी त्यौहार हो. अगर कोई बंदी व्रत रखता है या पूजा करता है तो जेल प्रशासन की तरफ से उसको सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

अलवर के केंद्रीय कारागार में कैदी रख रहे नवरात्रों के व्रत

रमजान व ईद के मौके पर जो लोग रोजे रखते हैं. उनके भी रोजे रखने की व्यवस्था जेल प्रशासन करता है. उनके लिए अलग से खाने के इंतजाम भी किए जाते हैं. जेल अधिकारियों ने कहा कि जेल में वैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होता है. बंदियों को योगा सिखाया जाता है. मोटिवेशनल शिविर भी आयोजित किए जाते हैं. जिससे कैदियों का हृदय परिवर्तन हो सके और कैदी अपने जीवन में अच्छे और सच्चे रास्ते पर चल सके. सरकार की तरफ से भी इस ओर ध्यान दिया जा रहा है और कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

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