अलवर. कोरोना काल का हर वर्ग पर काफी प्रभाव पड़ा है. देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है. साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है, लेकिन इन सबके बीच कुछ वर्ग ऐसे हैं, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं फोटोग्राफर की. शादी, पार्टी और मांगलिक कार्यों पर फोटोग्राफर का व्यवसाय निर्भर रहता है. लेकिन एक तरफ देव शयन और दूसरी तरह कोरोना की वजह किसी भी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होने से फोटोग्राफर्स की आर्थिक रूप से स्थिति बेहद बिगड़ गई है.
अलवर जिले में हजारों की संख्या में लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. जो लगातार सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. आने वाले समय में हालात ठीक होते भी नजर नहीं आ रहे हैं. कुछ लोगों ने तो मजबूरी में अपना व्यवसाय भी बदल लिया है. ऐसे में जानकार कहते हैं की पहली बार इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं.
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फोटोग्राफर का नाम आते ही लाइट कैमरा और एक्शन याद आने लगता है. चकाचौंध भरी इस दुनिया में हजारों लाखों लोग फोटोग्राफी को अपना करियर बनाते हैं. तो वहीं, फोटोग्राफी का स्वरूप समय के साथ बदला है. शादी-पार्टियों में आज फोटोग्राफी पर डेढ़ से दो लाख रुपए तक खर्च होते हैं. लोग स्पेशल शूट करवाते हैं.
वहीं, प्री वेडिंग शूट, कैंडल शूट सहित कई ऐसे नए पैटर्न हैं. जो लगातार समय के साथ बदल रहे हैं. इसके अलावा शादी के दौरान ड्रोन से विशेष शूट होता है और एलईडी लगती है. कार्यक्रम के दौरान बेहतर शॉर्ट्स लेने के लिए क्रेन तक लगाई जाती है. इसके अलावा एक शादी फंक्शन में चार से पांच कैमरे चलते हैं, लेकिन मार्च माह से फोटोग्राफरों का काम पूरी तरह से ठप हो चुका है.
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अलवर शहर में 3 हजार से अधिक लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. तो वहीं, जिले की बात करें तो करीब 12 हजार से अधिक लोग ऐसे हैं, जो विभिन्न फोटोग्राफरों से जुड़कर काम करते हैं. सरकार और प्रशासन की तरफ से शादी में मांगलिक कार्यों के लिए 50 लोगों की अनुमति दी गई थी. ऐसे में लोग फोटोग्राफर को बुलाने से बच रहे हैं. हालांकि प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि अगर आप सौ व्यक्ति को अपने कार्यक्रम में बुलाना चाहते हैं तो आपके पास 200 व्यक्तियों के क्षमता वाला कार्यक्रम स्थल होना चाहिए. उसके बाद भी लोग कम से कम लोगों को अपने कार्यक्रम में बुला रहे हैं. फोटोग्राफरों की मानें तो अगर ऐसा हुआ तो आने वाला समय में फोटोग्राफरों के लिए परेशानी भरा हो सकता है.
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हालांकि अब मोबाइल फोन भी कई सारे खास टेक्नोलॉजी के साथ आने लगा है. अच्छी पिक्चर क्वालिटी होने के कारण मोबाइल से ली हुई वीडियो और फोटो की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है. लोग शादी में फोटोग्राफर का खर्चा बचाने के लिए मोबाइल भी काम में ले रहे हैं. जबकि कुछ लोग अभी भी फोटोग्राफरों को बुला रहे हैं, लेकिन उसके लिए फोटोग्राफर का बजट बीते सालों की तुलना में खासा कम हो गया है. फोटोग्राफी व्यवसाय से जुड़े लोगों ने कहा सब्जी, राशन, पेट्रोल जैसी कई चिजों के दाम बढ़ रहे हैं केवल फोटोग्राफी ही है जिसके दाम तेजी से गिर रहे हैं. यही हालात रहे तो यह व्यवसाय आने वाले समय में पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा.
हजारों लोग हो रहे हैं प्रभावित
अलवर जिले में 12 हजार से अधिक लोग फोटोग्राफी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा फोटो स्टूडियों में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं. उन लोगों का जीवन पूरी तरह से इसी व्यवसाय पर निर्भर रहता है. कुछ लोग तो शादियों के सीजन में काम करके साल भर अपना जीवन यापन करते हैं.
कई तरह की तकनीक आती है काम
फोटोग्राफी में समय के साथ काफी बदलाव भी हुआ है. आज के दौर में कई नई तकनीकों से फोटोग्राफी की जाती है. शादी से पहले प्री वेडिंग शूट होता है. शादी में कैंडल शूट, सिनेमैटिक शूट, सामान्य फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, ड्रोन शूट, सहित कई ऐसी टेक्निक है. जिनमें एक खास कैमरे पर मशीनें काम आती है. इस पूरी प्रक्रिया में लाखों रुपए खर्च होते हैं.
लाखों में रहता है बजट
आज के समय में शादी पार्टियों में अन्य मांगलिक कार्यों के लिए फोटोग्राफी का बजट एक लाख से पांच लाख तक रहता है. कुछ शहरों में तो इससे ज्यादा भी लोग फोटोग्राफी और अन्य कार्यों पर खर्च करते हैं. इस व्यवसाय से लाखों लोग जुड़े हुए हैं. जो अब पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं. फोटोग्राफी के साथ इससे जुड़े हुए अन्य कार्य भी बंद हो चुके हैं. बता दें कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हालात एक जैसे ही हैं.