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90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले लोग का होगा अब सीएचसी स्तर पर इलाज...

अलवर में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है. ऐसे में जिला अस्पताल पर मरीजों का भार बढ़ने लगा है. स्थिति को काबू करने तो मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अब 90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले मरीजों का इलाज सीएचसी स्तर पर करने का फैसला लिया गया है.

90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वालों का सीएचसी पर इलाज, 90 to 80 oxygen saturation patients treated on CHC
90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वालों का सीएचसी पर इलाज
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Published : May 10, 2021, 1:45 PM IST

अलवर. शहर में कोरोना बेकाबू हो रहा है. जिले में एक्टिव केसों की संख्या 10,000 है. प्रतिदिन नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में जिला अस्पताल पर मरीजों का भार बढ़ने लगा है. स्थिति को काबू करने तो मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अब 90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले मरीजों का इलाज सीएचसी स्तर पर करने का फैसला लिया गया है. सीएचसी स्तर पर सभी तरह की व्यवस्थाएं कर दी गई है, जिससे मरीजों को कोई दिक्कत ना हो.

90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वालों का सीएचसी पर इलाज

अलवर की राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में इस समय 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं. जबकि अन्य मरीज आईसीयू वेंटीलेटर ऑब्जर्वेशन में है. इसके अलावा लॉट्स कोविड सेंटर, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में 500 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. जिला स्तरीय अस्पतालों पर लगातार मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 80 से 90 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले मरीजों का इलाज सीएचसी स्तर पर करने का फैसला लिया गया है.

अलवर जिले में 22 सीएचसी हैं. सभी सीएचसी पर ऑक्सीजन सिलेंडर, कोरोना में काम आने वाली जीवन रक्षक दवा इंजेक्शन और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करा दिए गए हैं. जिससे मरीजों को तुरंत बेहतर इलाज मिल सके. इसके अलावा सीएससी स्तर के सभी डॉक्टरों को भी पाबंद कर दिया गया है. क्योंकि आए दिन सीएससी से डॉक्टरों के गायब होने की सूचना मिलती है.

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने कहा कि सभी जिले की सीएचसी पर कोरोना मरीज का इलाज होगा. इसकी व्यवस्था पूरी हो चुकी है. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी कमियों को पूरा कर लिया गया है. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए अलवर आने की आवश्यकता नहीं है, वो अपने क्षेत्र में इलाज करा सकते हैं. ऐसे में सीएचसी में उनको बेहतर इलाज मिलेगा और जिला अस्पताल पर मरीजों का भार भी कब होगा.

पढ़ें- Rajasthan Lockdown : श्रमिकों का पलायन रोकने और उद्योगों के संचालन के लिए जारी हुई गाइड लाइन, यह है खास बातें

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि जिला स्तर पर मरीजों का दबाव बढ़ने के कारण गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है और बेड की कमी हो रही है. जरूरत के समय गंभीर मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाता है. इसके अलावा भी जिला स्तर पर कई तरह की परेशानियां हो रही है. ऐसे में जिन मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से 80 के बीच है, वो लोग अपने आसपास के सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. प्रशासन के इस फैसले से मरीजों को भी राहत मिलेगी. उनको इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा अपने आसपास क्षेत्र में इलाज हो सकेगा.

अलवर. शहर में कोरोना बेकाबू हो रहा है. जिले में एक्टिव केसों की संख्या 10,000 है. प्रतिदिन नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में जिला अस्पताल पर मरीजों का भार बढ़ने लगा है. स्थिति को काबू करने तो मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अब 90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले मरीजों का इलाज सीएचसी स्तर पर करने का फैसला लिया गया है. सीएचसी स्तर पर सभी तरह की व्यवस्थाएं कर दी गई है, जिससे मरीजों को कोई दिक्कत ना हो.

90 से 80 ऑक्सीजन सैचुरेशन वालों का सीएचसी पर इलाज

अलवर की राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में इस समय 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं. जबकि अन्य मरीज आईसीयू वेंटीलेटर ऑब्जर्वेशन में है. इसके अलावा लॉट्स कोविड सेंटर, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में 500 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. जिला स्तरीय अस्पतालों पर लगातार मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 80 से 90 ऑक्सीजन सैचुरेशन वाले मरीजों का इलाज सीएचसी स्तर पर करने का फैसला लिया गया है.

अलवर जिले में 22 सीएचसी हैं. सभी सीएचसी पर ऑक्सीजन सिलेंडर, कोरोना में काम आने वाली जीवन रक्षक दवा इंजेक्शन और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करा दिए गए हैं. जिससे मरीजों को तुरंत बेहतर इलाज मिल सके. इसके अलावा सीएससी स्तर के सभी डॉक्टरों को भी पाबंद कर दिया गया है. क्योंकि आए दिन सीएससी से डॉक्टरों के गायब होने की सूचना मिलती है.

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने कहा कि सभी जिले की सीएचसी पर कोरोना मरीज का इलाज होगा. इसकी व्यवस्था पूरी हो चुकी है. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी कमियों को पूरा कर लिया गया है. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए अलवर आने की आवश्यकता नहीं है, वो अपने क्षेत्र में इलाज करा सकते हैं. ऐसे में सीएचसी में उनको बेहतर इलाज मिलेगा और जिला अस्पताल पर मरीजों का भार भी कब होगा.

पढ़ें- Rajasthan Lockdown : श्रमिकों का पलायन रोकने और उद्योगों के संचालन के लिए जारी हुई गाइड लाइन, यह है खास बातें

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि जिला स्तर पर मरीजों का दबाव बढ़ने के कारण गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है और बेड की कमी हो रही है. जरूरत के समय गंभीर मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाता है. इसके अलावा भी जिला स्तर पर कई तरह की परेशानियां हो रही है. ऐसे में जिन मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से 80 के बीच है, वो लोग अपने आसपास के सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. प्रशासन के इस फैसले से मरीजों को भी राहत मिलेगी. उनको इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा अपने आसपास क्षेत्र में इलाज हो सकेगा.

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