अलवर. राज्य बाल आयोग की सदस्य वंदना व्यास अलवर में बिगड़ते हालात पर बोलते हुए कहा की निजी गृहों की तरह सरकारी बाल गृहों के हालात सुधारने के लिए लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव दिया जाएगा. साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए सेमिनार और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी बाल आयोग की तरफ से किया जाएगा.
इस दौरान वंदना व्यास ने कहा कि जिस तरह के हालात निजी गृहों में मिले हैं, उस तरह से सरकारी बाल गृह भी बेहतर हो सकते हैं, उसके लिए लोगों को आगे बुलाकर उनकी मदद से गृहों के हालात सुधारे जाएंगे, इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भी दिया जाएगा, जिससे सरकारी बाल गृह में भी बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
वंदना व्यास ने कहा कि प्रदेश में लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे साफ है कि लोग जागरूक हो रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि घटनाएं बढ़ रही हैं. बाल आयोग एक मॉनिटरिंग बॉडी है, जो लगातार घटनाओं पर नजर रखती है. उन पर पर प्रासंज्ञान लिया जाता है. लगातार प्रदेश में होने वाली घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारियों से जवाब मांगा जाता है.
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व्यास ने कहा कि कोरोना के चलते देश में चल रहे कार्यों की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन सरकारी सिस्टम में सेंसेटाइजेशन होना आवश्यक है. क्योंकि सरकार के पास मजबूत सिस्टम है. गांव से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक बेहतर सिस्टम डिवेलप है. लेकिन उसके बाद भी सरकारी सिस्टम में बेहतर काम नहीं हो रहा है. ऐसे में साफ है कि कहीं ना कहीं कुछ कमी है. उस कमी को सुधारते हुए बेहतर कार्य करना आवश्यक है.