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कोरोना फ्रंट लाइन का रियल हीरो, जब अपनों ने छोड़ा साथ तो शुभकरण बना सहारा

कोरोना में जहां अपनों ने एक दूसरे से दूरी बना ली है. वहीं भिवाड़ी का एक ऐसे शख्स हैं, कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों को अपनी गाड़ी में शमशान घाट तक पहुचाते हैं, उसका अंतिम संस्कार करते हैं. हम बात कर रहे हैं भिवाड़ी क्षेत्र में रहने वाले शुभकरण की. क्षेत्र में जब भी कोई दुर्घटना होती है, उसकी सूचना मिलते ही शुभकरण वहां पहुंच जाते हैं.

moksha vahini driver auspiciousness, philanthropist in bhiwadi
कोरोना फ्रंट लाइन का रियल हीरो
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Published : May 9, 2021, 10:08 AM IST

अलवर. कोरोना में जहां अपनों ने एक दूसरे से दूरी बना ली है. वहीं भिवाड़ी का एक ऐसे शख्स हैं, कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों को अपनी गाड़ी में शमशान घाट तक पहुचाते हैं, उसका अंतिम संस्कार करते हैं. हम बात कर रहे हैं भिवाड़ी क्षेत्र में रहने वाले शुभकरण की. क्षेत्र में जब भी कोई दुर्घटना होती है, उसकी सूचना मिलते ही शुभकरण वहां पहुंच जाते हैं.

कोरोना फ्रंट लाइन का रियल हीरो

बेसहारा या घायलों की मदद करने और मृत्यु के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए शुभकरण हमेशा तत्पर रहते हैं. महामारी के इस दौर में जब सभी अपनी जान बचाने के लिए घरों में बैठे हैं और सरकारें भी लॉकडाउन, कर्फ्यू आदि लागू कर जन जन के प्राण बचाने की कोशिश कर रही हैं. ऐसे कठिन दौर में शुभकरण अपना काम प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.

पढ़ें- बीकानेर के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 3 मरीजों की मौत, प्रशासन ने नकारा

भिवाड़ी उद्योग नगरी में हजारों उद्योग इकाइयां स्थापित हैं, जिनमें देश परदेस के लाखों लोग काम करते हैं. जोकि किसी भी घटना दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो शुभकरण उनकी मदद के लिए तैयार रहते हैं. शुभकरण अस्पताल से शव को उनके घर और मोक्षधाम पंहुचाने का कार्य भी लगातार कर रहे हैं. वे अपने अब तक के कार्यकाल में दो सौ से अधिक शवों को उनके मुकाम तक पंहुचा चुके हैं.

अलवर. कोरोना में जहां अपनों ने एक दूसरे से दूरी बना ली है. वहीं भिवाड़ी का एक ऐसे शख्स हैं, कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों को अपनी गाड़ी में शमशान घाट तक पहुचाते हैं, उसका अंतिम संस्कार करते हैं. हम बात कर रहे हैं भिवाड़ी क्षेत्र में रहने वाले शुभकरण की. क्षेत्र में जब भी कोई दुर्घटना होती है, उसकी सूचना मिलते ही शुभकरण वहां पहुंच जाते हैं.

कोरोना फ्रंट लाइन का रियल हीरो

बेसहारा या घायलों की मदद करने और मृत्यु के बाद शव के अंतिम संस्कार के लिए शुभकरण हमेशा तत्पर रहते हैं. महामारी के इस दौर में जब सभी अपनी जान बचाने के लिए घरों में बैठे हैं और सरकारें भी लॉकडाउन, कर्फ्यू आदि लागू कर जन जन के प्राण बचाने की कोशिश कर रही हैं. ऐसे कठिन दौर में शुभकरण अपना काम प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.

पढ़ें- बीकानेर के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 3 मरीजों की मौत, प्रशासन ने नकारा

भिवाड़ी उद्योग नगरी में हजारों उद्योग इकाइयां स्थापित हैं, जिनमें देश परदेस के लाखों लोग काम करते हैं. जोकि किसी भी घटना दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो शुभकरण उनकी मदद के लिए तैयार रहते हैं. शुभकरण अस्पताल से शव को उनके घर और मोक्षधाम पंहुचाने का कार्य भी लगातार कर रहे हैं. वे अपने अब तक के कार्यकाल में दो सौ से अधिक शवों को उनके मुकाम तक पंहुचा चुके हैं.

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