अलवर. वैसे तो सभी लोग अलग अलग तरह का काम करते हैं. अपना और अपने परिवार का पेट भरते हैं. जीवन यापन और पेट भरने की जद्दोजहद में कुछ लोग मेहनत मजदूरी करते हैं. तो कुछ लोग व्यापार, कुछ लोग भीख मांगकर पेट भरते हैं. ऐसे भी लोग हैं जो लोगों का मनोरंजन करते पैसा कमाते हैं और वो अपने परिवार का पेट भरते हैं.
ऐसे ही एक व्यक्ति फकरु उर्फ फकीरा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. फकरू एमआईए क्षेत्र के नाहरपुर गांव का रहने वाला है. उसने कहा कि वो कई फिल्मी एक्टर और कैरेक्टर के रूप धारण करता है. उनके डायलॉग बोलता है. लोगों को बाजार में घूमकर डायलॉग सुनाता है और लोग खुश होकर उसे पैसा देते हैं. वैसे तो इस काम से दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाता है. लेकिन कोरोना काल में खासी दिक्कत आ रही है.
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उसने दबी हुई आवाज में कहा कि वो खुद भी इन हालातों में बाजार में निकलना नहीं चाहता है. लेकिन परिवार का पेट भरने की मजबूरी के कारण उसे ऐसा करना पड़ता है. परिवार की खुशी के लिए कभी वो हनुमान जी का रूप धारण करता है, तो कभी भगवान शिव का कभी चंद्रकांता का क्रूरसिंह बनता है. उसने कहा कि उसके परिवार के लोग जानते हैं कि वो अलग-अलग रूप धारण करके लोगों का मनोरंजन करता है. प्रतिदिन वो एक बैग में अपनी ड्रेस और मेकअप का सामान लाता है. उसके बाद किसी एक जगह पर तैयार होता है और जीवन जीने के लिए निकलता है.
शुरुआत के समय में इस काम में खासी दिक्कत आई. कई तरह की बेज्जती झेलनी पड़ी. लेकिन मजबूरी के कारण ऐसा करना पड़ा. आज यह काम आदत बन चुका है. तो वही भीषण उमस भरी तेज गर्मी में भी भारी भरकम कॉस्टयूम और कपड़े पहन कर सड़कों पर घूमना पड़ता है. ऐसे में साफ है कि कोरोना ने ऐसे लोगों को भी प्रभावित कर दिया है. जो लोग आम लोगों पर निर्भर रहते हैं.