अलवर. हालात ये हैं कि अलवर, भिवाड़ी और नीमराना सहित जिले भर के निजी अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज आस-पास के राज्यों, शहरों या जिलों के हैं. वहां बेड फुल होने के कारण लोग इलाज के लिए अलवर का रुख कर रहे हैं. ऐसे में अलवर में भी बेड फुल होने लगे हैं.
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अलवर के कुछ निजी अस्पतालों में खुद के ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. साथ ही बेड बढ़ाने की व्यवस्था भी की जा रही है. अलवर शहर के सोलंकी अस्पताल, हरीश अस्पताल, सानिया अस्पताल, मित्तल हॉस्पिटल में दिल्ली गुड़गांव सहित आसपास शहरों के बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं. अलवर के अस्पतालों में लगातार पूछताछ के लिए लोग फोन कर रहे हैं. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में बाहर के 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है.
![Corona treatment in Alwar after coming from Delhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11509975_tdsg.png)
सरकार की ओर से तय दाम पर हो रहा इलाज
निजी अस्पताल संचालकों ने बताया कि राजस्थान में प्रदेश सरकार ने कोविड मरीजों का निजी अस्पतालों में इलाज की दर निर्धारित की हुई है. ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर और साधारण बेड का शुल्क तय किया गया है. इससे अधिक शुल्क मरीज से नहीं लिया जा सकता. मरीजों को बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ निजी अस्पतालों में खुद के ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं.
कामगार-कर्मचारी करा रहे परिजनों का इलाज
साथ ही अलवर की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक भी अपने परिजनों और रिश्तेदारों को लेकर इलाज के लिए अलवर पहुंचने लगे हैं. हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में लोगों की इलाज के दौरान मौत के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में प्रशासन की तरफ से सख्ती भी बढ़ती जा रही है. सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई गई है. प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोग अपने परिजन रिश्तेदारों का इलाज करा सकते हैं.
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इसके अलावा कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने में इलाज करा सकता है, वो पूरी तरह से स्वतंत्र है. अलवर के सरकारी अस्पतालों में भी लगातार बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. इसलिए यहां मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है. अलवर के अस्पतालों में बाहर के मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. ऐसे में यहां निजी अस्पताल भी अब फुल होने लगे हैं.
![Corona treatment in Alwar after coming from Delhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11509975_tsdfgg.png)
बड़े शहरों के बजाय छोटे शहरों पर भरोसा
अलवर जिले में 20 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं. जिनमें बड़ी तादाद में श्रमिक काम करते हैं. इसके अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के लोग नौकरी करते हैं. ऐसे में परिजन की तबीयत खराब होने पर श्रमिक और कर्मचारी अपने परिजनों को इलाज के लिए अलवर ला रहे हैं.
एनसीआर के हालात हैं खराब
दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा सहित एनसीआर के शहरों के खराब हालात की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. इसलिए भी लोग बड़े शहरों में इलाज से बच रहे हैं और छोटे शहरों का रुख कर रहे हैं.
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अन्य जिलों के मरीज कर रहे पूछताछ
अलवर के अलावा भरतपुर, दौसा, जयपुर में भी अन्य राज्यों के मरीजों के आने का सिलसिला चल पड़ा है. निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की मानें तो लगातार इस संबंध में मरीज पूछताछ कर रहे हैं. गंभील हालात में पहुंचने के कारण इलाज भी करना पड़ रहा है.