अलवर: अलवर में पंचायत चुनाव पूरे हो चुके हैं. प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 29 अक्टूबर को होना है. कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर दी है. इस बीच कांग्रेस नेताओं ने जिला प्रमुख बनाने और ज्यादा से ज्यादा प्रधान बनाने का दावा किया है.
जीत पक्की है
जिले में पार्टी के नेताओं का विश्वास है कि जीत उनकी पक्की है. जनता ने गहलोत सरकार (Gehlot Government) के विकास को वोट दिया है. तो दूसरी तरफ जनता केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (3 Farm Laws) के खिलाफ थी. ऐसे में जनता ने अपना पूरा समर्थन कांग्रेस (Congress) को दिया है.
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प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी
अलवर के बाबू शोभाराम कला महाविद्यालय में 29 अक्टूबर को सुबह से मतगणना (Counting Of Votes) होगी. इससे पहले भाजपा और कांग्रेस (Congress-Bjp) ने अपने प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर ली है. दोनों पार्टियां निर्दलीय प्रत्याशियों (Independent Candidates) से भी संपर्क कर रही हैं. दावे दोनों ओर से किए जा रहे हैं. पार्टियां अपना जिला प्रमुख बनाने का दावा कर रही हैं.
कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने कहा कि अलवर में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनेगा. सभी प्रत्याशी उनके समर्थन में उनके पास मौजूद हैं. मतगणना पूरी होने के बाद विजेता प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र लेने के लिए भेजा जाएगा.
विधायकों पर बड़ी जिम्मेदारी
सभी कांग्रेस के विधायकों पर अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की जिम्मेदारी दी गई है. दोनों ही पार्टी के नेता अपनी पार्टियों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों के संपर्क में हैं. पंचायत चुनाव में बाड़ेबंदी को लेकर प्रत्याशियों में भी खासा जोश देखने को मिल रहा है. कुछ को जिले से बाहर तो कुछ को हरियाणा क्षेत्र की होटलों में रखा गया है. कांग्रेस नेता आत्मविश्वास से भरे हैं. कह रहे हैं कि सभी वार्डों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीत रहे हैं.
इनकी प्रतिष्ठा दांव पर
चुनाव में अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ, शहर विधायक संजय शर्मा, तिजारा विधायक संदीप यादव, रामगढ़ विधायक साफिया खान, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा, थानागाजी विधायक कांति मीणा, बहरोड़ विधायक बलजीत यादव सहित प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह प्रदेश सरकार के विधायक व अन्य नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.