ETV Bharat / city

अलवर में 200 से अधिक गांवों का पानी नहीं है पीने योग्य - water supply department alwar

अलवर में 210 गांव ऐसे हैं, जिसका पानी-पीने योग्य नहीं है. इस पानी में फ्लोराइड और टीडीएस की मात्रा अधिक है. ऐसे में लगातार पानी का सेवन करने से हड्डियों और दांतों से संबंधित बीमारी होने का खतरा रहता है. हालांकि जलदाय विभाग की तरफ से इन गांवों में कई उपकरण लगाए जा रहे हैं, लेकिन यह काम खासा धीमा है.

etv bharat news  water crisis in alwar  water crisis in rajasthan  fluoride and TDS  drinkable water  water supply department alwar
अलवर में पानी की कमी
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 12:57 AM IST

अलवर. कहते हैं जीवन जीने के लिए हवा और पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. बिना हवा और पानी के जीवन असंभव है. लेकिन अलवर के 210 गांव ऐसे हैं, जिसका पानी-पीने योग्य नहीं है. इस पानी में क्लोराइड और टीडीएस की मात्रा अधिक है. इससे हड्डी और दांतों से संबंधित बीमारी होने का खतरा रहता है.

अलवर में पानी की कमी

हालांकि जलदाय विभाग और सरकार की तरफ से इन गांव में आरओ प्लांट व फ्लोराइड कम करने वाले प्लांट लगाए जा रहे हैं. लेकिन यह काम खासा धीमा चल रहा है. ऐसे में सालों से परेशान लोग अब भी खासे परेशान हैं. विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो रामगढ़-खेड़ली-कठूमर-बानसूर-थानागाजी-बहरोड़ और नीमराना क्षेत्र के 210 गांव में से 147 गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है. जबकि 63 गांव के पानी में टीडीएस की मात्रा प्रचुर मात्रा में है.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL: व्यर्थ हो रहे पानी को संरक्षित कर दूर किया जल संकट, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने पेश की मिसाल

इससे गांव में रहने वाले लोगों के हड्डी और दांतों संबंधित बीमारियां होने लगी हैं. हालात खराब होते देख सरकार और प्रशासन की तरफ से योजना बनाकर इन गांव में आरओ प्लांट व फ्लोराइड कम करने के प्लांट लगाए जा रहे हैं. हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार जिले में 74 आरो प्लांट लग चुके हैं. जबकि 49 पानी में फ्लोराइड कम करने वाले प्लांट लग चुके हैं. इसके अलावा 12 प्लांट लगने का काम चल रहा है. जल्द ही यह प्लांट भी लग जाएंगे.

यह प्लांट पानी में फ्लोराइड की मात्रा कम करता है. ग्रामीण क्षेत्र में इन प्लांटों के लगने से ग्रामीणों को नया जीवन मिला है तो वहीं ग्रामीण अब अपने गांव का पानी पी रहे हैं. हालांकि जलदाय विभाग और सरकार की तरफ से कुछ जगहों पर नए आरओ प्लांट लगाने का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा. आरओ प्लांट लगाने का काम दो कंपनियों को दिया गया था. इसमें एक कंपनी काम बीच में छोड़ कर चली गई. ऐसे में फिर से नई कंपनी को प्लांट लगाने का जिम्मा दिया गया है. आरओ प्लांट और फ्लोराइड प्लांट लगने के बाद ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी.

घनी आबादी वाला जिला है अलवर

अलवर जिला घनी आबादी वाला जिला है. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा आबादी अलवर जिले में है. वहीं जनसंख्या के हिसाब से पानी कम आता है. सतही पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. ऐसे में लगातार भूमिगत जल स्तर में गिरावट आ रही है.

अलवर. कहते हैं जीवन जीने के लिए हवा और पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. बिना हवा और पानी के जीवन असंभव है. लेकिन अलवर के 210 गांव ऐसे हैं, जिसका पानी-पीने योग्य नहीं है. इस पानी में क्लोराइड और टीडीएस की मात्रा अधिक है. इससे हड्डी और दांतों से संबंधित बीमारी होने का खतरा रहता है.

अलवर में पानी की कमी

हालांकि जलदाय विभाग और सरकार की तरफ से इन गांव में आरओ प्लांट व फ्लोराइड कम करने वाले प्लांट लगाए जा रहे हैं. लेकिन यह काम खासा धीमा चल रहा है. ऐसे में सालों से परेशान लोग अब भी खासे परेशान हैं. विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो रामगढ़-खेड़ली-कठूमर-बानसूर-थानागाजी-बहरोड़ और नीमराना क्षेत्र के 210 गांव में से 147 गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है. जबकि 63 गांव के पानी में टीडीएस की मात्रा प्रचुर मात्रा में है.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL: व्यर्थ हो रहे पानी को संरक्षित कर दूर किया जल संकट, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने पेश की मिसाल

इससे गांव में रहने वाले लोगों के हड्डी और दांतों संबंधित बीमारियां होने लगी हैं. हालात खराब होते देख सरकार और प्रशासन की तरफ से योजना बनाकर इन गांव में आरओ प्लांट व फ्लोराइड कम करने के प्लांट लगाए जा रहे हैं. हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार जिले में 74 आरो प्लांट लग चुके हैं. जबकि 49 पानी में फ्लोराइड कम करने वाले प्लांट लग चुके हैं. इसके अलावा 12 प्लांट लगने का काम चल रहा है. जल्द ही यह प्लांट भी लग जाएंगे.

यह प्लांट पानी में फ्लोराइड की मात्रा कम करता है. ग्रामीण क्षेत्र में इन प्लांटों के लगने से ग्रामीणों को नया जीवन मिला है तो वहीं ग्रामीण अब अपने गांव का पानी पी रहे हैं. हालांकि जलदाय विभाग और सरकार की तरफ से कुछ जगहों पर नए आरओ प्लांट लगाने का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा. आरओ प्लांट लगाने का काम दो कंपनियों को दिया गया था. इसमें एक कंपनी काम बीच में छोड़ कर चली गई. ऐसे में फिर से नई कंपनी को प्लांट लगाने का जिम्मा दिया गया है. आरओ प्लांट और फ्लोराइड प्लांट लगने के बाद ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी.

घनी आबादी वाला जिला है अलवर

अलवर जिला घनी आबादी वाला जिला है. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा आबादी अलवर जिले में है. वहीं जनसंख्या के हिसाब से पानी कम आता है. सतही पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. ऐसे में लगातार भूमिगत जल स्तर में गिरावट आ रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.