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अलवर: जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी के ऊपर से लाइन पार करते नर्सिंग कर्मी हाई वोल्टेज तार को छुआ, दर्दनाक मौत

अलवर रेलवे स्टेशन पर नर्सिंग कर्मी स्टेशन पर खड़ी पेट्रोलियम मालगाड़ी के ऊपर से जाने का प्रयास कर रहा था. इस दौरान वे रेलवे लाइन से गुजर रही 25 हजार गोल्ड की विद्युत लाइन की चपेट आ गए. इसस हादसे में नर्सिंग कर्मी की मौत हो गई.

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जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी के ऊपर से लाइन पार करते नर्सिंग कर्मी हाई वोल्टेज तार को छुआ
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Published : Jan 18, 2021, 4:31 AM IST

अलवर. जंक्शन पर रविवार को एक बड़ा हादसा हुआ. जंक्शन पर देखते ही देखते एक नर्सिंग कर्मी का शव आग का गोला बन गया. नर्सिंग कर्मी स्टेशन पर खड़ी पेट्रोलियम मालगाड़ी के ऊपर से जाने का प्रयास कर रहा था. उस दौरान रेलवे लाइन से गुजर रही 25 हजार गोल्ड की विद्युत लाइन की चपेट में आने से उसका शव चिपक गया. मामले की जानकारी मिलते ही स्टेशन कर्मचारी मौके पर पहुंचे. लकड़ी के बांस से शव को अलग हटाया गया. मामले की जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई. डॉक्टरों ने नर्सिंग कर्मी को मृत घोषित कर दिया है.

जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी के ऊपर से लाइन पार करते नर्सिंग कर्मी हाई वोल्टेज तार को छुआ

मनीष कुमार पुत्र हरभजन निवासी अंबेडकर कॉलोनी गोविंदगढ़ बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में नर्स ग्रेड सेकंड के पद पर कार्यरत था. मनीष कि रविवार को शादी की सालगिरह थी. वो बीकानेर से आया था. काफी देर तक मालगाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी रही. इसलिए वो मालगाड़ी के ऊपर से चढ़कर दूसरी तरफ जाना चाहता था, जैसे ही वो माल गाड़ी के ऊपर चढ़ा. उसी दौरान विद्युत लाइन के संपर्क में आने से मनीष का बैग बिजली की लाइन से टच हो गया, जिसके बाद मनीष के शरीर में आग लग गई. आग लगने की सूचना स्टेशन पर तेजी से फैल गई. तुरंत जीआरपी और आरपीएफ रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे.

स्टेशन अधीक्षक रंग लाल मीणा ने बताया कि तुरंत लकड़ी के बांस से शव को हटाया गया. इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को दी गई. डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया है. मनीष के सामान से एक आई कार्ड मिला है, जिससे उसकी पहचान हुई है. पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद शव को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. अलवर स्टेशन अधीक्षक रंग लाल मीणा ने कहा कि मालगाड़ी असम से मथुरा की तरफ जा रही थी, जिसमें करीब 55 से अधिक टैंक थे. एक टैंक में 100000 लीटर से अधिक पेट्रोल और डीजल आता है, लेकिन माल गाड़ी खाली थी. इसलिए बड़ा हादसा होने से टल गया है.

यह भी पढ़ें- जालोर बस अग्निकांड: जिंदा जले 6 लोग, मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की सहायता देगी सरकार

उन्होंने बताया कि अगर मालगाड़ी पेट्रोल-डीजल से भरी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था. रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि जैसे ही मनीष 25 हजार वोल्ट के संपर्क में आया, उसका शरीर आग का गोला बन गया. शुरुआत में लगा कि मनीष वहां से गुजर रहा है. आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन में जाने के लिए मालगाड़ी पर चढ़ा हैय अलवर जंक्शन पर करंट लगने से मौत का यह पहला मामला है. इससे पहले बंदर और अन्य जानवरों की करंट से मौत हो चुकी है, लेकिन पहली बार करंट लगने से युवक की मौत का मामला सामने आया है.

अलवर. जंक्शन पर रविवार को एक बड़ा हादसा हुआ. जंक्शन पर देखते ही देखते एक नर्सिंग कर्मी का शव आग का गोला बन गया. नर्सिंग कर्मी स्टेशन पर खड़ी पेट्रोलियम मालगाड़ी के ऊपर से जाने का प्रयास कर रहा था. उस दौरान रेलवे लाइन से गुजर रही 25 हजार गोल्ड की विद्युत लाइन की चपेट में आने से उसका शव चिपक गया. मामले की जानकारी मिलते ही स्टेशन कर्मचारी मौके पर पहुंचे. लकड़ी के बांस से शव को अलग हटाया गया. मामले की जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई. डॉक्टरों ने नर्सिंग कर्मी को मृत घोषित कर दिया है.

जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी के ऊपर से लाइन पार करते नर्सिंग कर्मी हाई वोल्टेज तार को छुआ

मनीष कुमार पुत्र हरभजन निवासी अंबेडकर कॉलोनी गोविंदगढ़ बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में नर्स ग्रेड सेकंड के पद पर कार्यरत था. मनीष कि रविवार को शादी की सालगिरह थी. वो बीकानेर से आया था. काफी देर तक मालगाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी रही. इसलिए वो मालगाड़ी के ऊपर से चढ़कर दूसरी तरफ जाना चाहता था, जैसे ही वो माल गाड़ी के ऊपर चढ़ा. उसी दौरान विद्युत लाइन के संपर्क में आने से मनीष का बैग बिजली की लाइन से टच हो गया, जिसके बाद मनीष के शरीर में आग लग गई. आग लगने की सूचना स्टेशन पर तेजी से फैल गई. तुरंत जीआरपी और आरपीएफ रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे.

स्टेशन अधीक्षक रंग लाल मीणा ने बताया कि तुरंत लकड़ी के बांस से शव को हटाया गया. इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को दी गई. डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया है. मनीष के सामान से एक आई कार्ड मिला है, जिससे उसकी पहचान हुई है. पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद शव को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. अलवर स्टेशन अधीक्षक रंग लाल मीणा ने कहा कि मालगाड़ी असम से मथुरा की तरफ जा रही थी, जिसमें करीब 55 से अधिक टैंक थे. एक टैंक में 100000 लीटर से अधिक पेट्रोल और डीजल आता है, लेकिन माल गाड़ी खाली थी. इसलिए बड़ा हादसा होने से टल गया है.

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उन्होंने बताया कि अगर मालगाड़ी पेट्रोल-डीजल से भरी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था. रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि जैसे ही मनीष 25 हजार वोल्ट के संपर्क में आया, उसका शरीर आग का गोला बन गया. शुरुआत में लगा कि मनीष वहां से गुजर रहा है. आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन में जाने के लिए मालगाड़ी पर चढ़ा हैय अलवर जंक्शन पर करंट लगने से मौत का यह पहला मामला है. इससे पहले बंदर और अन्य जानवरों की करंट से मौत हो चुकी है, लेकिन पहली बार करंट लगने से युवक की मौत का मामला सामने आया है.

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