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अलवर: अस्पताल में जन्म के 12 घंटे बाद हुई नवजात की मौत, विवाद के बाद कराया गया पोस्टमॉर्टम

अलवर के एक सामुदायिक अस्पताल में जन्म के कुछ घंटे बाद एक नवजात शिशु की मौत हो गई. इस मामले को लेकर पिहर पक्ष और ससुराल पक्ष के लोगों में विवाद हो गया. इसके बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. सदर थाना के सहायक उप निरीक्षक रूप सिंह ने बताया कि इस संबंध में कोई भी मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ है.

alwar news, नवजात की मौत
अलवर में नवजात की मौत
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Published : Dec 27, 2020, 2:56 AM IST

अलवर. जिले के रामगढ़ के सामुदायिक अस्पताल में जन्म के 12 घंटे बाद एक नवजात शिशु की मौत हो गई. इस मामले को लेकर पिहर पक्ष और ससुराल पक्ष के लोगों में विवाद हो गया, जिसके बाद सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और पोस्टमॉर्टम करा कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

पढ़ें: 90 साल की बुजुर्ग महिला से लूटे चांदी के कड़े, फिर कर दी हत्या...पुलिस ने दो संदिग्धों को उठाया

पीड़ित बहादुर पुर निवासी जगदीश यादव ने बताया कि उसकी दो बच्चियों की शादी भामू बास टपूकड़ा में जनवरी 2019 में हुई थी. दहेज प्रताड़ना के चलते बेटियां पिहर में रह रही थीं और बड़ी बेटी का इलाज अलवर के रामगढ़ के अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार को उसके लड़के का जन्म हुआ. रात तक बच्चे की तबीयत सही थी. लेकिन, शनिवार सुबह उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे अलवर के राजकीय गीतांजलि शिशु अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया, जहां रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. इसकी सूचना के बाद सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची.

अलवर में नवजात की मौत

पढ़ें: सीकर: दांतारामगढ़ मॆं रवाना हुई स्काउट गाइड साइकिल रैली, कोरोना को लेकर किया जा रहा जागरूक

सदर थाना के सहायक उप निरीक्षक रूप सिंह ने बताया कि दहेज प्रताड़ना के चलते लड़कियां घर पर ही रह रही थी और दहेज मांंगने का मुकदमा सदर थाने में दर्ज था. नवजात शिशु की मौत के बाद लड़के पक्ष को भी बुला लिया गया और पोस्टमॉर्टम कराकर दोनों पक्षों की सहमति से नवजात शिशु के शव को लड़के पक्ष को सुपुर्द कर उसे दफनाया गया. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में कोई भी मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ है.

अलवर. जिले के रामगढ़ के सामुदायिक अस्पताल में जन्म के 12 घंटे बाद एक नवजात शिशु की मौत हो गई. इस मामले को लेकर पिहर पक्ष और ससुराल पक्ष के लोगों में विवाद हो गया, जिसके बाद सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और पोस्टमॉर्टम करा कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

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पीड़ित बहादुर पुर निवासी जगदीश यादव ने बताया कि उसकी दो बच्चियों की शादी भामू बास टपूकड़ा में जनवरी 2019 में हुई थी. दहेज प्रताड़ना के चलते बेटियां पिहर में रह रही थीं और बड़ी बेटी का इलाज अलवर के रामगढ़ के अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार को उसके लड़के का जन्म हुआ. रात तक बच्चे की तबीयत सही थी. लेकिन, शनिवार सुबह उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे अलवर के राजकीय गीतांजलि शिशु अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया, जहां रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. इसकी सूचना के बाद सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची.

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सदर थाना के सहायक उप निरीक्षक रूप सिंह ने बताया कि दहेज प्रताड़ना के चलते लड़कियां घर पर ही रह रही थी और दहेज मांंगने का मुकदमा सदर थाने में दर्ज था. नवजात शिशु की मौत के बाद लड़के पक्ष को भी बुला लिया गया और पोस्टमॉर्टम कराकर दोनों पक्षों की सहमति से नवजात शिशु के शव को लड़के पक्ष को सुपुर्द कर उसे दफनाया गया. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में कोई भी मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ है.

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