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अलवर विमंदित बालिका प्रकरण में नया मोड़, FSL टीम की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे - अलवर विमंदित बालिका प्रकरण

अलवर में मानसिक रूप से विमंदित बालिका के साथ हुई घटना को पुलिस एक हादसा बता रही है. लेकिन एफएसएल टीम की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे सामने आए हैं. एफएसएल टीम की जांच (FSL team report in Alwar girl case) में बालिका की सलवार में सीमन मिलने की बात सामने आ रही है. पढ़ें पूरी खबर...

New twist in Alwar girl case
अलवर विमंदित बालिका प्रकरण में नया मोड़
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Published : Jan 29, 2022, 11:05 AM IST

Updated : Jan 29, 2022, 11:12 AM IST

अलवर. जिले में एक 16 वर्षीय बालिका के साथ 11 जनवरी को हुई घटना के मामले में पुलिस अभी तक कोई खुलासा नहीं कर पाई है. पुलिस इस पूरी घटना को हादसा बता रही है. जबकि एफएसएल टीम की जांच (FSL team report in Alwar girl case) में बालिका की सलवार में सीमन मिलने की बात सामने आ रही है. हालांकि, पुलिस ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. लेकिन एफएसएल टीम की रिपोर्ट ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

11 जनवरी की रात करीब 7 बजकर 30 मिनट पर अलवर के तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर एक 16 वर्षीय बालिका लहूलुहान हालत में पड़ी हुई मिली. पुलिस ने उसे इलाज के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया. वहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच पड़ताल के दौरान रेप और गैंग रेप की बात कही. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने दुष्कर्म की बात कहते हुए पॉक्सो की धाराओं में एफआईआर दर्ज की. साथ ही बालिका को इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया. जयपुर के जेके लोन अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने करीब 6 घंटे उसका ऑपरेशन किया.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः घटनास्थल की सफाई कराने पर भड़की भाजपा, अल्का गुर्जर ने कहा-अपराधी को बचाने के लिए सबूत मिटाए जा रहे

ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि इतना भयानक मंजर उन्होंने कभी नहीं देखा. इस घटना ने तूल पकड़ा और पूरे विपक्ष ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए अलवर में अब भी सामाजिक संस्था सैकड़ों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने शुरुआत में डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म की बात से इनकार किया. उसके बाद पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को हिट एंड रन से जोड़कर देख रही थी. इस मामले में पुलिस ने खाना सप्लाई करने वाले एक बाइक सवार युवक को भी हिरासत में लिया.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका केस में पुलिस की नई थ्योरी...हिट एंड रन का हो सकता है मामला

युवक ने पुलिस पूछताछ में कहा कि उसकी बाइक से बालिका की टक्कर हुई है, लेकिन इतनी खतरनाक टक्कर नहीं कि उसके इतनी गंभीर चोटें आई हो. लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने सीन रीक्रिएशन की प्रक्रिया भी की. इसी बीच एफएसएल टीम की रिपोर्ट (FSL team report in Alwar girl case) में नया खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की सलवार पर सीमन मिला है. यह रिपोर्ट 2 दिन से पुलिस दबाने के प्रयास कर रही है.

नहीं मिली कोई रिपोर्ट: इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनको कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उनकी जांच अभी जारी है. इस पूरे मामले पर वो अभी कुछ नहीं बोलना चाहती हैं.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः सरकार को बदनाम करने वाली भाजपा बताए कि अपने राज में कितने मामलों में CBI जांच सौंपी- जोशी

पुलिस और सरकार पर आरोप: पुलिस सूत्रों की मानें तो एफएसएल जांच के अनुसार पीड़िता के शरीर पर खून सलवार पर खून और मिट्टी लगी थी. घटनास्थल से मिट्टी के सैंपल की रिपोर्ट भी एक सप्ताह पहले ही आ चुकी है. इसमें सामने आया है कि बालिका के शरीर पर लगी मिट्टी भी घटनास्थल की ही थी. सलवार में शरीर पर लगा खून भी किशोरी का ही था. पुलिस को अंदेशा था कि बालिका को संभवत: नशीले पदार्थ दिया गया, लेकिन ब्लड सैंपल में ड्रग्स की पुष्टि नहीं हुई है. एफएसएल टीम की रिपोर्ट आने के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस और सरकार इस पूरे मामले को दबाने में लगी है. पुलिस के अधिकारियों ने अभी तक इस रिपोर्ट की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

अलवर. जिले में एक 16 वर्षीय बालिका के साथ 11 जनवरी को हुई घटना के मामले में पुलिस अभी तक कोई खुलासा नहीं कर पाई है. पुलिस इस पूरी घटना को हादसा बता रही है. जबकि एफएसएल टीम की जांच (FSL team report in Alwar girl case) में बालिका की सलवार में सीमन मिलने की बात सामने आ रही है. हालांकि, पुलिस ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. लेकिन एफएसएल टीम की रिपोर्ट ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

11 जनवरी की रात करीब 7 बजकर 30 मिनट पर अलवर के तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर एक 16 वर्षीय बालिका लहूलुहान हालत में पड़ी हुई मिली. पुलिस ने उसे इलाज के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया. वहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच पड़ताल के दौरान रेप और गैंग रेप की बात कही. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने दुष्कर्म की बात कहते हुए पॉक्सो की धाराओं में एफआईआर दर्ज की. साथ ही बालिका को इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया. जयपुर के जेके लोन अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने करीब 6 घंटे उसका ऑपरेशन किया.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः घटनास्थल की सफाई कराने पर भड़की भाजपा, अल्का गुर्जर ने कहा-अपराधी को बचाने के लिए सबूत मिटाए जा रहे

ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि इतना भयानक मंजर उन्होंने कभी नहीं देखा. इस घटना ने तूल पकड़ा और पूरे विपक्ष ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए अलवर में अब भी सामाजिक संस्था सैकड़ों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने शुरुआत में डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म की बात से इनकार किया. उसके बाद पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को हिट एंड रन से जोड़कर देख रही थी. इस मामले में पुलिस ने खाना सप्लाई करने वाले एक बाइक सवार युवक को भी हिरासत में लिया.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका केस में पुलिस की नई थ्योरी...हिट एंड रन का हो सकता है मामला

युवक ने पुलिस पूछताछ में कहा कि उसकी बाइक से बालिका की टक्कर हुई है, लेकिन इतनी खतरनाक टक्कर नहीं कि उसके इतनी गंभीर चोटें आई हो. लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने सीन रीक्रिएशन की प्रक्रिया भी की. इसी बीच एफएसएल टीम की रिपोर्ट (FSL team report in Alwar girl case) में नया खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की सलवार पर सीमन मिला है. यह रिपोर्ट 2 दिन से पुलिस दबाने के प्रयास कर रही है.

नहीं मिली कोई रिपोर्ट: इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनको कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उनकी जांच अभी जारी है. इस पूरे मामले पर वो अभी कुछ नहीं बोलना चाहती हैं.

पढ़ें- अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः सरकार को बदनाम करने वाली भाजपा बताए कि अपने राज में कितने मामलों में CBI जांच सौंपी- जोशी

पुलिस और सरकार पर आरोप: पुलिस सूत्रों की मानें तो एफएसएल जांच के अनुसार पीड़िता के शरीर पर खून सलवार पर खून और मिट्टी लगी थी. घटनास्थल से मिट्टी के सैंपल की रिपोर्ट भी एक सप्ताह पहले ही आ चुकी है. इसमें सामने आया है कि बालिका के शरीर पर लगी मिट्टी भी घटनास्थल की ही थी. सलवार में शरीर पर लगा खून भी किशोरी का ही था. पुलिस को अंदेशा था कि बालिका को संभवत: नशीले पदार्थ दिया गया, लेकिन ब्लड सैंपल में ड्रग्स की पुष्टि नहीं हुई है. एफएसएल टीम की रिपोर्ट आने के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस और सरकार इस पूरे मामले को दबाने में लगी है. पुलिस के अधिकारियों ने अभी तक इस रिपोर्ट की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

Last Updated : Jan 29, 2022, 11:12 AM IST
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