अलवर. अलवर में दिनोंदिन पानी की समस्या बढ़ रही है. दिन भर पानी के लिए लोग जाम लगाते हैं और पूरा जिला ट्यूबवेल पर निर्भर है. अलवर में तेजी से भूमिगत जल स्तर कम हो रहा है. उसका प्रभाव ट्यूबवेल पर भी देखने को मिल रहा है. जिले में तेजी से ट्यूबवेल सूख रहे हैं और ट्यूबवेल में पानी का जलस्तर कम हो रहा है.
हाल ही में जलदाय विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर शहर में बीते 6 माह के द्वारा 25 से अधिक ट्यूबवेल सूख चुके हैं. जबकि बड़ी संख्या में ऐसे ट्यूबवैल भी हैं, जिनमें पानी का स्तर कम हुआ है. ऐसे में पुराने मोहल्लों में रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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लोगों की परेशानी को देखते हुए जलदाय विभाग ने 10 नए ट्यूबवेल लगाने का फैसला लिया है. साथ ही इसका काम भी शुरू हो चुका है. शहर के दारूकुटा मोहल्ले में एक ट्यूबवेल लगाया गया है. इसमें जलदाय विभाग को बेहतर पानी मिला है. इसके अलावा अन्य जगहों का भी चयन हो चुका है.
इस तरह से जरूरत के हिसाब से नए ट्यूबवेल खोदे जा रहे हैं. जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कई मोहल्ले और कॉलोनी ऐसी है, जहां पानी के कोई इंतजाम नहीं है. पुराने ट्यूबवेल सूख चुके हैं. ऐसे में लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसी जगहों पर जल्द ट्यूबवेल खोदें जाएंगे. इससे वहां रहने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है.
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सप्लाई कम डिमांड ज्यादा है, वहीं तेजी से सूख रहे हैं ट्यूबवेल-
अकेले अलवर में प्रतिदिन 80 से 90 एमएलडी पानी की डिमांड होती है. जबकि जलदाय विभाग 35 से 40 एमएलडी पानी सप्लाई करता है. ऐसे में डिमांड पूरी नहीं होने के कारण लोग पानी के लिए परेशान होते हैं. साथ ही अलवर में तेजी से ट्यूबवेल सूख रहे हैं. हर माह चार से पांच ट्यूबवेल ड्राई हो जाते हैं. वहीं इसके अलावा नए ट्यूबवेल में भी पानी नहीं निकलता है.