अलवर. प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर में ही होते हैं. आए दिन होने वाले इन हादसों को देखते हुए परिवहन और पुलिस विभाग की तरफ से कई तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा है. हादसों का प्रमुख कारण अलवर की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम डग्गामार वाहन है.
अलवर में छोटे-बड़े 32 रूट हैं. इन पर बिना परमिट के 400 से अधिक डग्गामार वाहन मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं. यह वो वाहन है, जिनका ना तो कोई फिटनेस है, ना ही सड़कों पर चलने योग्य है. इसमें जीप, मिनी बस, बस, टेंपो सहित अन्य सवारी वाहन शामिल है. आए दिन होने वाले सड़क हादसों में इसका खुलासा हुआ है.
नियमित रूट पर चलने के लिए अलवर में 4 निजी वाहनों के बस स्टैंड भी सरकार की ओर से बनाए गए हैं, लेकिन इन स्टैंडों पर गाड़ियां खड़ी नहीं होती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल सड़क हादेस में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. प्रतिदिन जिले में 2 से 3 मौत के मामले सामने आते हैं.
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लगातार कई सालों से सरकार की ओर से हादसे कम करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन उसमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. अलवर आरटीओ रानी जैन ने कहा कि विभाग की तरफ से लगातार वाहनों की जांच पड़ताल और उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन अभी कुछ रूटों पर वाहन चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई करते हुए अलवर को बेहतर जिला बनाने के प्रयास किया जा रहा है.