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अलवर की सड़कों पर घूम रहे डग्गामार वाहन, आए दिन हो रहे हादसे - अलवर समाचार

प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर में ही होते हैं. इसका प्रमुख कारण जिले की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम डग्गामार वाहन (बिन परमिट के वाहन) है. अलवर में छोटे-बड़े 32 रूट हैं. इन पर बिना परमिट के 400 से अधिक डग्गामार वाहन मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं

Most road accidents occur in Alwar, अलवर में सड़क हादसा
अलवर में मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं डग्गामार वाहन
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Published : Feb 11, 2020, 2:36 PM IST

अलवर. प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर में ही होते हैं. आए दिन होने वाले इन हादसों को देखते हुए परिवहन और पुलिस विभाग की तरफ से कई तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा है. हादसों का प्रमुख कारण अलवर की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम डग्गामार वाहन है.

अलवर में मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं डग्गामार वाहन

अलवर में छोटे-बड़े 32 रूट हैं. इन पर बिना परमिट के 400 से अधिक डग्गामार वाहन मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं. यह वो वाहन है, जिनका ना तो कोई फिटनेस है, ना ही सड़कों पर चलने योग्य है. इसमें जीप, मिनी बस, बस, टेंपो सहित अन्य सवारी वाहन शामिल है. आए दिन होने वाले सड़क हादसों में इसका खुलासा हुआ है.

नियमित रूट पर चलने के लिए अलवर में 4 निजी वाहनों के बस स्टैंड भी सरकार की ओर से बनाए गए हैं, लेकिन इन स्टैंडों पर गाड़ियां खड़ी नहीं होती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल सड़क हादेस में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. प्रतिदिन जिले में 2 से 3 मौत के मामले सामने आते हैं.

यह भी पढ़ें- अलवर : सड़क दुर्घटना में बाइक सवार की मौत, पुलिस की गाड़ी से शव पहुंचाया अस्पताल

लगातार कई सालों से सरकार की ओर से हादसे कम करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन उसमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. अलवर आरटीओ रानी जैन ने कहा कि विभाग की तरफ से लगातार वाहनों की जांच पड़ताल और उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन अभी कुछ रूटों पर वाहन चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई करते हुए अलवर को बेहतर जिला बनाने के प्रयास किया जा रहा है.

अलवर. प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर में ही होते हैं. आए दिन होने वाले इन हादसों को देखते हुए परिवहन और पुलिस विभाग की तरफ से कई तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा है. हादसों का प्रमुख कारण अलवर की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम डग्गामार वाहन है.

अलवर में मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं डग्गामार वाहन

अलवर में छोटे-बड़े 32 रूट हैं. इन पर बिना परमिट के 400 से अधिक डग्गामार वाहन मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं. यह वो वाहन है, जिनका ना तो कोई फिटनेस है, ना ही सड़कों पर चलने योग्य है. इसमें जीप, मिनी बस, बस, टेंपो सहित अन्य सवारी वाहन शामिल है. आए दिन होने वाले सड़क हादसों में इसका खुलासा हुआ है.

नियमित रूट पर चलने के लिए अलवर में 4 निजी वाहनों के बस स्टैंड भी सरकार की ओर से बनाए गए हैं, लेकिन इन स्टैंडों पर गाड़ियां खड़ी नहीं होती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल सड़क हादेस में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. प्रतिदिन जिले में 2 से 3 मौत के मामले सामने आते हैं.

यह भी पढ़ें- अलवर : सड़क दुर्घटना में बाइक सवार की मौत, पुलिस की गाड़ी से शव पहुंचाया अस्पताल

लगातार कई सालों से सरकार की ओर से हादसे कम करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन उसमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. अलवर आरटीओ रानी जैन ने कहा कि विभाग की तरफ से लगातार वाहनों की जांच पड़ताल और उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन अभी कुछ रूटों पर वाहन चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई करते हुए अलवर को बेहतर जिला बनाने के प्रयास किया जा रहा है.

Intro:अलवर
प्रदेश में सबसे अधिक सड़क हादसे अलवर जिले में दर्ज होते हैं। जयपुर के बाद अलवर का दूसरा स्थान है। अलवर की सड़कों पर डग्गामार वाहन मौत बनकर घूम रहे हैं। परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी के चलते खुलेआम बेलगाम वाहन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इनमें बेगुनाह लोगों की जान जा रही है।


Body:प्रदेश में सबसे अधिक सड़क हादसे जयपुर में होते हैं। जयपुर के बाद सड़क हादसों में दूसरा स्थान अलवर का है। हादसों में मरने वालों की संख्या भी अलवर में ज्यादा है। आए दिन होने वाले इन हादसों को देखते हुए परिवहन व पुलिस विभाग की तरफ से कई तरह के दावे किए जाते हैं। लेकिन हालातों में आज तक कोई सुधार नहीं हुआ है। हादसों का प्रमुख कारण अलवर की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम डग्गामार वाहन है। अलवर में छोटे बड़े 32 रूट हैं। इन पर बिना परमिट के 400 से अधिक डग्गामार वाहन मौत बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं। यह वो वाहन है, जिनका ना तो कोई फिटनेस है ना ही यह वाहन सड़कों पर चलने योग्य है। इसमें जीप, मिनी बस, बस टेंपो सहित अन्य सवारी वाहन शामिल है। आए दिन होने वाले सड़क हादसों में इसका खुलासा हुआ है।


Conclusion:नियमित रूट पर चलने के लिए अलवर में 4 निजी वाहनों के बस स्टैंड भी सरकार द्वारा बनाए गए हैं। लेकिन इन स्टैंडों पर गाड़ियां खड़ी नहीं होती हैं। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल भर में सैकड़ों की संख्या में मौत होती है। प्रतिदिन हादसों में जिले भर में 2 से 3 मौत के मामले सामने आते हैं। लगातार कई सालों से सरकार द्वारा हादसे कम करने के दावे किए जाते हैं। लेकिन आज तक उस में कोई सुधार नजर नहीं आया है। अलवर आरटीओ रानी जैन ने कहा कि विभाग की तरफ से लगातार वाहनों की जांच पड़ताल व उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जाती है। लेकिन अभी कुछ रूटों पर वाहन चल रहे हैं। विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई करते हुए अलवर को बेहतर जिला बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

अलवर में अब भी होता है जुगाड़ का संचालन
अलवर की सड़कों पर अभी जुगाड़ खुलेआम घूम रहा है। इस जुगाड़ से हादसे होते हैं व कई बार अनियंत्रित होकर जुगाड़ के पलटने की घटनाएं भी सामने आ चुकी है।

बाइट- रानी जैन, आरटीओ, अलवर
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