अलवर. सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही यहां आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी हैं. सरिस्का 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सरिस्का में 10 बाघिन, 6 बाघ व 6 शावक हैं. इसके अलावा सरिस्का में 500 से अधिक पैंथर, सियार, लोमड़ी, बारहसिंघा नीलगाय सैकड़ों वन्यजीव है, जो जंगल क्षेत्र में रहते हैं. जंगल में पर्यटकों के घूमने के लिए 4 रूट बनाए गए हैं, जिन पर पर्यटक सफारी का आनंद लेते हैं.
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सरिस्का में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. इनको देखने के लिए पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. साल 2020 में सरिस्का में छह नए शावकों का जन्म हुआ है. सरिस्का में प्रतिदिन 700 से अधिक पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं. सरिस्का के अधिकारियों के पास सरिस्का की जानकारी लेने के लिए फोन आ रहे हैं.
सरिस्का के अधिकारियों की मानें तो आगामी तीन से चार दिनों तक सरिस्का में पर्यटक की घुमने के लिए जिप्सी की ऑनलाइन बुकिंग फुल है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सरिस्का में 12 जिप्सी व 12 कैंटर ऑनलाइन फुल है. इसके अलावा बाला किला स्थित बफर जोन सफारी में भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. साथ ही सरिस्का के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए पहुंच रहे हैं.
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सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि लगातार बाघों की संख्या बढ़ने के कारण सरिस्का में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. सरिस्का में प्रतिदिन यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बाघों की साइटिंग हो रही है. बाघ एसटी-9 के लिए प्रतिदिन पर्यटकों की साइटिंग हो रही है. 1 अक्टूबर से सरिस्का कोबरा पर्यटकों के लिए खोला गया था. अलवर में सरिस्का के अलावा कई अन्य पर्यटन स्थल है. नए साल के मौके पर अलवर की डिमांड ज्यादा रहती है. हर साल नए साल का जश्न मनाने के लिए अलवर हजारों पर्यटक आते हैं. गौरतलब है कि अलवर एनसीआर का हिस्सा है. दिल्ली व जयपुर के मध्य में होने के कारण अलवर आना आसान रहता है.