अलवर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बसपा (BSP) के 6 विधायकों ने बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. विधायकों ने सरकार में भागीदारी की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें सरकार में न मंत्री बनाया गया और न ही अन्य लाभ के पद दिए गए. उल्टे अब बसपा की ओर से दल-बदल कानून के तहत विद्यायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के लिए संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए गए थे.
इसके बाद विधायकों को अपने विधायकी जाने का खतरा मंडराता हुआ दिखाई दिया. जिसके बाद बसपा से जीते 4 विधायकों ने दिल्ली की ओर कूच की है. अब सुप्रीम कोर्ट में अपने केस की पैरवी करने के लिए वकीलों से विचार-विमर्श कर रणनीति बनाई जा रही है.
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बसपा के सभी विधायक राजस्थान हाउस में रुके हुए हैं व लगातार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के संपर्क में हैं. इसी को लेकर गुरुवार को कई विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के कई नामी वकीलों से मुलाकात की व आगामी नोटिस के संबंध में जवाब देने और आगे की प्रक्रिया को लेकर चर्चा की.
वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश की राजनीति में बसपा के विधायकों को नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है व कई तरह के मामले भी सामने आने लगे हैं. दूसरी ओर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है. पंजाब में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच राजस्थान में भी राजनीतिक बदलाव की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं.