अलवर. तमाम तरह से प्रतिबंधों के बावजूद जिले में खनन माफिया खुलेआम अवैध खनन कर रहा है. माफिया अरावली की पहाड़ियों को लगातार खोखला कर रहे हैं. आए दिन खनन माफिया द्वारा पुलिस व वन विभाग की टीम पर हमला करने का मामला भी सामने आता है.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और निर्देश के बाद भी यह घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसे में अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने पर्ची के माध्यम से जिले में हो रहे अवैध खनन का मुद्दा पुरजोर तरीके से राजस्थान की विधानसभा में उठाया. विधायक ने कहा कि अलवर जिला अरावली पर्वत श्रंखला से घिरा है. यही अरावली पर्वतमाला जिले के पर्यावरण के लिए जरूरी है. लेकिन, खनन माफिया दिन-रात अवैध खनन कर अरावली को समाप्त करने में जुटे हुए हैं.
खनन माफिया की हिम्मत इस कदर बढ़ गई है कि प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली के माध्यम से पहाड़ों को तोड़कर दिल्ली व हरियाणा भेजने का काम किया जा रहा है. तिजारा, रामगढ़ और टपूकड़ा से आसपास क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
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विधायक ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अलवर के जटयाण गांव में खनन विभाग के कार्यालय की दूरी 2 से 3 किलोमीटर दूर है. उसके बावजूद भी लगातार अवैध खनन की घटनाएं हो रही हैं. संजय शर्मा ने कहा कि खनन माफिया लगातार प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
विधायक ने यह भी बताया कि खनन इतने से ही संतुष्ट नहीं है. अवैध खनन से पहाड़ गायब होने के बाद अब यहां अवैध प्लांटिंग का भी काम शुरू कर दिया है. 'फॉरेस्ट ऑफ सर्वे इंडिया' की रिपोर्ट में अकेले अलवर जिले में ही 225 अवैध खनन स्थल चिन्हित किए गए हैं.
विधायक ने दावा किया कि अलवर जिले में अरावली की पहाड़ियों से अब तक लगभग 5 करोड़ 22 लाख मिल्टन खनिज अवैध रूप से निकाला जा चुका है. अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन के कारण राजस्थान सरकार के खनन विभाग को 430 करोड़ का नुकसान अब तक हो चुका है.
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बेखौफ खनन माफिया....
विधायक संजय शर्मा ने यह भी कहा कि खनन माफिया इतना बेखौफ हो चुका है कि वो खुलेआम अधिकारियों पर गाड़ी चढ़ाने से भी कतराता नहीं है. विधायक ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने जिला कलेक्टर को आगामी 19 मार्च को जमानती वारंट से तलब किया है. इसका कारण रामगढ़ की ओर से एक शपथ पत्र पेश किया जाना है.