अलवर. जिले के प्रमुख पुस्तक मार्केट मन्नी का बड़ पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद कर दिया. पुस्तक विक्रेता संघ के अध्यक्ष बिहारी पाराशर ने पुलिस पर व्यापारियों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि Copyright Act की कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम आई थी. जिन्होंने जांच के नाम पर जबरन पुस्तक ले जाने की कोशिश की और अभद्र व्यवहार किया.
पुलिस पर उन्होंने धमकाने का भी आरोप लगाया है. इस विवाद के बाद पुस्तक विक्रेताओं ने सभी दुकानें बंद कर दी. घटना की सूचना के बाद व्यापारी नेता और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां समझाइश के बाद मामले को शांत कराया गया. तब जाकर कहीं व्यापारियों ने फिर से दुकानें खोली. वहीं इस मामले में एनईबी थाने में कॉपीराइट का मुकदमा भी दर्ज हुआ है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह ने बताया कि डुप्लीकेट किताबें बेचे जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थी. इसको लेकर प्रशिक्षु आईपीएस जेष्ठा मैत्रीय की ओर से मन्नी का बड स्थित पुस्तक की दुकानों पर कॉपीराइट एक्ट की कार्रवाई की गई थी. जिस पर व्यापारियों का कहना है कि प्रशिक्षु आईपीएस जेस्टा मैत्री की ओर से अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया गया. जिसके विरोध में व्यापारियों के पुस्तक की सभी दुकाने बंद कर दी गई. सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंची और व्यापारियों को समझाइश कर मामले को शांत कराया गया.
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पुलिस का कहना है कि अभी जांच चल रही है यदि कोई दोषी पाया गया तो जांच के बाद पूरा खुलासा किया जाएगा. पुस्तक विक्रेता संघ के अध्यक्ष बिहारीलाल पाराशर ने कहा कि बहुत ही गलत तरीके से पुलिस ने कार्रवाई की है. स्वयं की मनमर्जी से पुलिस किताबें लेकर गई है. उनकी दुकानों से ली गई किताबों की कोई जानकारी भी नहीं दी गई. पुलिस जूते चप्पल लेकर दुकानों और गोदाम में घुस गए. इसलिए पुस्तक विक्रेताओं ने कार्रवाई के तरीके पर विरोध जताया तो जेल में डालने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है.