अलवर. विद्युत निगम की वीसीआर में अब किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी. विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ऑनलाइन वीसीआर भरेंगे. इसके लिए विद्युत निगम में ऑनलाइन एप लॉन्च कर दिया है. बिजली चोरी पकड़े जाने पर फोटो खींचने के बाद अपने आप एप से जुर्माने की राशि निर्धारित करेगा, इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी भी नहीं हो सकेगी.
जयपुर डिस्कॉम ने सतर्कता कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए विजिलेंस एप लॉन्च किया है. अब सतर्कता जांच एप से मोबाइल पर ही ऑनलाइन भरी जाएगी. वीसीआर भरते समय मौके पर ही उपभोक्ता और जांच अधिकारी के हस्ताक्षर मोबाइल स्क्रीम पर होंगे. जयपुर डिस्कॉम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस एप से बिजली छीजत में कमी आएगी. एप के माध्यम से जांच अधिकारी जिस परिसर की जांच करेंगें, वहां के जिओ काॅर्डिनेट खुद ही एप से केप्चर कर लिए जाएंगे. बिजली चोरी के समय मौके पर लिए गए फोटो व वीडियो भी इसमें खुद ही अपलोड हो जाएंगे. वीसीआर नंबर भी जांच स्थल पर अपने आप जनरेट होगी. ऑनलाइन वीसीआर इन्द्राज होने के बाद जांच अधिकारी की ओर से बाद में इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा.
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वहीं, अलवर सिटी एक्सईएन बीएल सैनी ने बताया कि एक मई से निगम मुख्यालय के आदेशानुसार वीसीआर की कार्रवाई ऑनलाइन होगी. विजिलेंस एप के जरिए अभियंता ऑनलाइन वीसीआर की कार्रवाई करेंगे. इससे बिजली चोरी की शिकायतों के साथ छीजत में कमी आने के साथ ही, सतर्कता जांचों में पारदर्शिता आएगी. अभियंता कार्यालय में बैठे वीजिलेंस नहीं कर पाएंगे और उनकी जवाबदेही भी बढ़ेगी. इसके अलावा निगम और उपभोक्ताओं को इससे कई फायदे होंगे. विद्युत निगम के अधिकारियों ने कहा कि आए दिन विद्युत निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों पर जबरन वीसीआर भरने, वीसीआर के नाम पर अवैध वसूली करने व वीसीआर भरने के बाद पैसे के लेनदेन के आरोप लगते हैं. लगातार बढ़ रही शिकायतों को देखते हुए विद्युत निगम के आला अधिकारियों ने वीसीआर का एक विशेष सॉफ्टवेयर बनवाया है. इस सॉफ्टवेयर में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो पाएगी, तो वहीं वीसीआर के नाम पर होने वाली गड़बड़ी हुई रुक सकेगी.