अलवर. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का खामियाजा अलवर के लोगों को उठाना पड़ रहा है. प्रदूषण के चलते अलवर जिले में औद्योगिक इकाइयां बंद (Industries shut down in Alwar due to pollution in Delhi) कर दी गई हैं. क्रेशर, बड़े जनरेटर, सड़क निर्माण कार्य व अन्य ऐसे काम जिनसे प्रदूषण फैलता है, उन सभी पर रोक लगाई गई है. हालांकि जिले में औद्योगिक इकाइयों को राहत देते हुए 8 घंटे चलाने की अनुमति दी गई है. हालांकि इससे भी जिले के लोग खासे परेशान हैं व लोगों का कामकाज प्रभावित हो रहा है.
कारोबारियों को राहत
अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. अलवर के 15 औद्योगिक क्षेत्रों में 20 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. इनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. भिवाड़ी, नीमराना खुशखेड़ा, शाहजहांपुर, टपूकड़ा, अलवर व राजगढ़ बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं. दिल्ली में तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी केंद्र सरकार ने एनसीआर में आने वाले शहरों में औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश दिए. केवल सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी से चलने वाली औद्योगिक इकाइयां ही चल रही थीं. इसके अलावा सभी तरह का खनन कार्य, क्रेशर, सड़क बनाने वाली मिक्सर प्लांट, बड़े निर्माण कार्य, बड़े जनरेटर सेट, सभी पर रोक लगाई गई. अलवर में अभी पीएनजी गैस की सप्लाई पाइप लाइन से नहीं है. हालांकि अलवर व भिवाड़ी के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों को 8 घंटे औद्योगिक इकाई चलाने की अनुमति दी गई है. इससे कारोबारियों को कुछ राहत मिल सकती है.
13 औद्योगिक इकाइयों को किया बंद
प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में चलने वाले चार क्रेशर को सील किया गया है. साथ ही 140 डीजल से चलने वाले बड़े जनरेटर को सील किया गया है. इसके अलावा सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम व प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 13 औद्योगिक इकाइयों को भी बंद कराया गया है. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों व प्रदूषण विभाग की गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अलवर जिले में 8 घंटे पहले से बंद है. इसके अलावा अन्य गतिविधियों पर भी प्रदूषण विभाग की टीम नजर रख रही है.
भिवाड़ी में कारोबारियों ने जताया विरोध
कारोबारियों ने भिवाड़ी में प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए औद्योगिक इकाइयां शुरू कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाई बंद होने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है. साथ ही लोग भी बेरोजगार हो रहे हैं.
एनसीआर का हो रहा नुकसान
अलवर जिला एनसीआर में आता है. इसका अलवर को कोई फायदा नहीं है. उल्टा नुकसान हो रहा है. अलवर में पेट्रोल महंगा है. जबकि पड़ोसी राज्यों के शहरों में पेट्रोल सस्ता है. अलवर में लोगों को अतिरिक्त कई तरह के टैक्स देने पड़ते हैं. एनसीआर में आने के चलते ही अलवर की औद्योगिक इकाइयों को केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बंद किया. इसके अलावा आए दिन एनजीटी व केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों के चलते अलवर के लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है.
खनन कार्य से जुड़े हुए हजारों लोग
जिले में खनन कार्य से हजारों लोग जुड़े हुए हैं. यहां से लाखों टन पत्थर हरियाणा, दिल्ली के आसपास के शहरों में जाता है. यहां डेढ़ सौ से अधिक क्रेशर हैं. इसके अलावा अन्य खनन गतिविधियां भी होती हैं. इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोग जुड़े हुए हैं. सरकार की रोक के बाद लोगों की रोजी रोटी पर संकट मंडराने लगा है.