अलवर. जिले में बालिकाओं के साथ दुष्कर्म और लूट के मामले और पाली में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा है. अब इन जिलों के अपराध पर शिकंजा कसने के लिए गहलोत सरकार अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए आईजी रेंज ऑफिस खोलने जा (IG Range Office will open in Alwar and Pali) रही है. इन जिलों में आईजी रेंज स्थापित होने से आमजन की पुलिस के पास पहुंच बढ़ जाएगी. साथ ही अपराधियों और अपराध पर नियंत्रण होगा.
प्रस्ताव तैयार मंत्री की मंजूरी का इंतजार: गहलोत सरकार प्रदेश में दो नई पुलिस रेंज खोलने की तैयारी में है. पिछले दिनों गृह विभाग के अधिकारियों ने उच्च स्तरीय मीटिंग पाली और अलवर में नई पुलिस रेंज का बनाने का प्रस्ताव को तैयार कर लिया गया है और फाइल को अनुमोदन के लिए गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के पास भिजवाया गया है. मंत्री की मुहर लगने के बाद प्रस्ताव मंजूरी के लिए वित्त विभाग भेजा जाएगा. प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में जनसंख्या बढ़ने के साथ ही अपराध और अपराधी भी बढ़े . ऐसे में क्षेत्रफल और अन्य कारणों से दो नई पुलिस रेंज स्थापित करने की मांग की जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए जोधपुर रेंज को दो भागों में बांटकर पाली और जयपुर रेंज को बांटकर अलवर में नई पुलिस रेंज बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
यह है प्रक्रिया: दरअसल प्रदेश में आपराधिक मामले में अपना पक्ष रखने, महिलाओं, कमजोर वर्ग की सुनवाई के लिए पुलिस थानों पर सीओ ऑफिस, एएसपी-एसपी ऑफिस तथा इनके बाद एसपी ऑफिसों पर रेंज आईजी के दफ्तर बनाए गए हैं. वर्तमान में प्रदेश में 6 रेंज और दो कमिश्नरेट बनाए हुए हैं. रेंज आईजी पुलिस जिलों और पुलिस मुख्यालय के बीच सेतु का कार्य करता है. आईजी ऑफिस के जरिये स्थानीय अपराध और शिकायतों को पुलिस मुख्यालय तक पहुंचती है.
अलवर पुलिस रेंज आईजी क्यों: जयपुर ग्रामीण, झुंझुनू, अलवर और भिवाड़ी की सीमाएं हरियाणा अन्तर्राज्यीय सीमा से जुड़ी हुई है. इन अलवर जिले में पिछले दिनों लूट, दुष्कर्म, बंधक बनाए जाने की घटायें सामने आई थी. इन घटाओं में बाहरी राज्यों की गैंग का शामिल होना पाया गया था. अंतराज्यीय गिरोह की सक्रियता ने क्षेत्र में अशांति का माहौल भी बना दिया है. इसके साथ जयपुर रेंज के अधीनस्थ जिलों का क्षेत्रफल 36135 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 14642480 लाख है. पिछले तीन साल के आंकड़े देखें तो सवा लाख से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. जयपुर रेंज में वर्तमान में 36 सर्कल, 129 पुलिस थाना एवं 141 पुलिस चौकियां हैं. वर्तमान में जयपुर रेंज का क्षेत्रफल काफी अधिक होने के कारण अपराधों पर अंकुश लगाने, कानून-व्यवस्था, दृष्टि से जयपुर रेंज को दो भागों में बांटे जाने की आवश्यक लगातार महसूस की जा रही थी.
जिलों का बंटवारा यह होगा: जयपुर पुलिस रेंज के अधीनस्थ जिले में जयपुर ग्रामीण, सीकर, झुन्झुनू होंगे. जबकि नई अलवर पुलिस रेंज के अधीनस्थ जिले अलवर, भिवाड़ी, दौसा, शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
पाली में क्यों जरूरी है पुलिस आईजी रेंज: पाली और उसके आस पास के जिलों में पिछले पिछले दिनों दलितों को लेकर हुई घटनाओं ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर दलितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किये थे. इसके साथ सीमावर्ती राज्य की जिला होने से यहां तस्करी के भी मामले लगातार सामने आते रहे हैं. इसके साथ ही हालात यह है कि जोधपुर रेंज में 60,000 से अधिक अपराधों से संबंधित मामले एक वर्ष में दर्ज किये गए हैं. रेंज महानिरीक्षक के विभिन्न प्रशासनिक कार्य, कांस्टेबल भर्ती, स्थानान्तरण, पदस्थापन, पदोन्नति, विभागीय कार्रवाई संबंधी कार्यभार भी ज्यादा है. वर्तमान में जोधपुर पुलिस रेंज के अधीन 6 जिले जोधपुर ग्रामीण, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर और जैसलमेर हैं. जोधपुर रेंज के अधीनस्थ जिलों का क्षेत्रफल 117567 वर्ग किलोमीटर है.
यह होगा जिलों का बंटवारा: जोधपुर पुलिस रेंज के अधीनस्थ जिले जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, जैसलमेर शामिल होंगे, जबकि पाली रेंज के अधीन जालोर, पाली, सिरोही को जोड़ा जायेगा. आईजी रेंज स्थापित होने से काम का बंटवारा भी विभाजित हो जाएगा और क्राइम ग्राफ में कमी आएगी.
अंतर्राष्ट्रीय, अंतरराज्यीय सीमा जुड़ी है रेंज से: जिला बाड़मेर एवं जिला जैसलमेर की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है, जिसकी लम्बाई बाड़मेर में 227.5 किलोमीटर एवं जैसलमेर में 471 किलोमीटर है. इसी प्रकार सिरोही, बाड़मेर और जालौर की सीमाएं गुजरात की अंतर्राज्यीय सीमा से जुड़ी हुई है. इनमें सिरोही 185 किलोमीटर, जालोर 170 एवं जिला बाड़मेर 12 किलोमीटर कुल 367 किलोमीटर है. जोधपुर रेंज में वर्तमान में 24 सर्कल, 117 पुलिस थाना एवं 137 पुलिस चौकियां हैं.