अलवर. एनसीआर में शामिल अलवर को राजस्थान की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है. देश-दुनिया के लोग अलवर आते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वाहनों की आवाजाही रहती है. अलवर में यातायात व्यवस्था आज भी सालों पुरानी समस्याओं में से एक है. लेकिन, अब प्रशासन ने यातायात को सुगम बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एनसीआर के हिस्से भिवाड़ी और अलवर से हुई है. देखें ये खास रिपोर्ट
गड़बड़ी की संभावना नहीं...
इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ई चालान के लिए मशीनें दी गई है. इन मशीनों से सीधा चालान वाहन चालक के घर पहुंच सकेगा. साथ ही, इन मशीनों से वाहन चालक मौके पर चालान भर सकेगा. मशीनों में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी. क्योंकि, ट्रैफिक पुलिसकर्मी को वाहन चालक और उसके दस्तावेजों की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी. इससे पुलिसकर्मी और चालक के बीच चालान को लेकर होने वाले मतभेद भी खत्म होंगे. अलवर पुलिस को अभी 6 से 7 मशीनें दी गई हैं. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ट्रेंड किया जा रहा है. ट्रेनिंग प्रक्रिया चल रही है. सिस्टम को बेहतर करने के लिए इस दिशा में कई अन्य काम भी चल रहे हैं. यह प्रोजेक्ट अलवर भिवाड़ी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुआ है. अलवर में सफल होने के बाद पूरे प्रदेश में यह सिस्टम लागू होगा.
घर पहुंचेगा चालान...
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि आए दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिलती हैं. इसके अलावा कई बार लोग चालान कटवाने को लेकर पुलिस से बहस करते हैं. ऐसे में ई चालान प्रणाली खासी मददगार रहेगी. चालान सीधा लोगों के घर पर पहुंचेगा. साथ ही, तरह की गड़बड़ी की संभावनाएं भी नहीं रहेगी.
![Pilot Project of E-Challan System, alwar latest hindi news](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10843638_01.png)
पुलिसकर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग...
अलवर ट्रैफिक पुलिस और भिवाड़ी ट्रैफिक पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए ई चालान मशीन दी गई है. इन के माध्यम से ट्रैफिक पुलिसकर्मी चौराहों पर वाहनों का ही चलाना कर सकेंगे. पुलिसकर्मियों और लोगों को कई तरह की बेहतर सुविधाएं होंगी. वाहन चालक अपने कार्ड से पेमेंट कर सकेगा. वाहन चालक और उसके वाहन की फोटो मशीन से ली जाएगी.
कैमरे लगाने का काम...
अकेले अलवर शहर में करीब 350 कैमरे लग चुके हैं. कुल 500 कैमरे लगने हैं. अन्य कैमरे लगने का काम चल रहा है. इसके अलावा पुलिस की तरफ से ऐसे प्वाइंटों को चिन्हित किया जा रहा है. जिन जगहों पर लोग तेज वाहन चलाते हैं, यातायात नियम तोड़ते हैं. उन जगहों पर फोटो हाई रेगुलेशन कैमरे लगाए जाएंगे. जो वाहन चालक की फोटो गाड़ी नंबर सहित छोटी से छोटी जानकारी पुलिस तक हो जाएंगे. इतना ही नहीं, तेज रफ्तार गाड़ी की भी पूरी जानकारी यह कैमरे अपने आप लेकर पुलिस को देंगे.