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स्पेशल: लॉकडाउन के दौरान तनाव और चिड़चिड़ेपन को कैसे करें दूर, यहां जानें - Ways to relieve irritability

लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा, चिड़चिड़ापन और तनाव की शिकायतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति को देखते हुए लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता है.

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा, Domestic violence in lockdown
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता
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Published : May 8, 2020, 4:44 PM IST

अलवर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा, चिड़चिड़ापन और तनाव की शिकायतें बढ़ रही हैं. जिसे दूर करने के लिए अपनी दिनचर्चा में बदलाव करना आवश्यक है. लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में लगातार डेढ़ महीने से ज्यादा समय से कैद हैं. ऐसे में नशे के आदी लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत (पार्ट-1)

इन सभी हालातों को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत की. डॉक्टर ने कहा किस समय के हालातों को देखते हुए लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता है. मोबाइल का उपयोग कम करें, सुबह के समय प्रतिदिन योगा करें, खानपान में बदलाव करें, परिवार के सदस्यों से बातचीत करें.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत (पार्ट-2)

पढ़ें- स्पेशल: पाली के कपड़ा उद्योग पर मंडरा रहा 'संकट', श्रमिकों के पलायन सहित कई समस्याएं

इसके अलावा भरपूर नींद लें. जिससे लोगों में होने वाली बीमारी ना हो सके. क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोगों का बायोलॉजिकल सिस्टम गड़बड़ा गया है. इसलिए समय पर सोने के साथ समय पर उठे, घर में व्यायाम करें और घर के काम में हाथ बटाएं.

उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों के लिए भी यह समय बहुत बेहतर है. ऐसे में लोग अपने परिवार के साथ समय बिताएं साथ ही मेडिटेशन करके अपने शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करें. क्योंकि वैसे भी व्यक्ति को शराब छुड़वाने के लिए उसको अलग से आइसोलेट किया जाता है.

पढ़ें- अब कोटा मेडिकल कॉलेज करेगा कोरोना मरीजों पर रिसर्च, 4 टॉपिक तय

डॉक्टर ओपी गुप्ता ने कहा कि दिमाग में डोपामिन नाम का एक वायरस होता है, जो कई तरह की परिस्थितियों में जनरेट होता है. उसके जनरेट होने के बाद शरीर में कई तरह की नई परेशानी होने लगती है. मानसिक के अलावा शारीरिक और सेक्सुअल परेशानी भी व्यक्ति को होने लगती हैं.

अलवर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा, चिड़चिड़ापन और तनाव की शिकायतें बढ़ रही हैं. जिसे दूर करने के लिए अपनी दिनचर्चा में बदलाव करना आवश्यक है. लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में लगातार डेढ़ महीने से ज्यादा समय से कैद हैं. ऐसे में नशे के आदी लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत (पार्ट-1)

इन सभी हालातों को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत की. डॉक्टर ने कहा किस समय के हालातों को देखते हुए लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता है. मोबाइल का उपयोग कम करें, सुबह के समय प्रतिदिन योगा करें, खानपान में बदलाव करें, परिवार के सदस्यों से बातचीत करें.

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत (पार्ट-2)

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इसके अलावा भरपूर नींद लें. जिससे लोगों में होने वाली बीमारी ना हो सके. क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोगों का बायोलॉजिकल सिस्टम गड़बड़ा गया है. इसलिए समय पर सोने के साथ समय पर उठे, घर में व्यायाम करें और घर के काम में हाथ बटाएं.

उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों के लिए भी यह समय बहुत बेहतर है. ऐसे में लोग अपने परिवार के साथ समय बिताएं साथ ही मेडिटेशन करके अपने शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करें. क्योंकि वैसे भी व्यक्ति को शराब छुड़वाने के लिए उसको अलग से आइसोलेट किया जाता है.

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डॉक्टर ओपी गुप्ता ने कहा कि दिमाग में डोपामिन नाम का एक वायरस होता है, जो कई तरह की परिस्थितियों में जनरेट होता है. उसके जनरेट होने के बाद शरीर में कई तरह की नई परेशानी होने लगती है. मानसिक के अलावा शारीरिक और सेक्सुअल परेशानी भी व्यक्ति को होने लगती हैं.

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