अलवर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा, चिड़चिड़ापन और तनाव की शिकायतें बढ़ रही हैं. जिसे दूर करने के लिए अपनी दिनचर्चा में बदलाव करना आवश्यक है. लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में लगातार डेढ़ महीने से ज्यादा समय से कैद हैं. ऐसे में नशे के आदी लोगों को भी खासी परेशानी हो रही है.
इन सभी हालातों को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता से खास बातचीत की. डॉक्टर ने कहा किस समय के हालातों को देखते हुए लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता है. मोबाइल का उपयोग कम करें, सुबह के समय प्रतिदिन योगा करें, खानपान में बदलाव करें, परिवार के सदस्यों से बातचीत करें.
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इसके अलावा भरपूर नींद लें. जिससे लोगों में होने वाली बीमारी ना हो सके. क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोगों का बायोलॉजिकल सिस्टम गड़बड़ा गया है. इसलिए समय पर सोने के साथ समय पर उठे, घर में व्यायाम करें और घर के काम में हाथ बटाएं.
उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों के लिए भी यह समय बहुत बेहतर है. ऐसे में लोग अपने परिवार के साथ समय बिताएं साथ ही मेडिटेशन करके अपने शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करें. क्योंकि वैसे भी व्यक्ति को शराब छुड़वाने के लिए उसको अलग से आइसोलेट किया जाता है.
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डॉक्टर ओपी गुप्ता ने कहा कि दिमाग में डोपामिन नाम का एक वायरस होता है, जो कई तरह की परिस्थितियों में जनरेट होता है. उसके जनरेट होने के बाद शरीर में कई तरह की नई परेशानी होने लगती है. मानसिक के अलावा शारीरिक और सेक्सुअल परेशानी भी व्यक्ति को होने लगती हैं.