अलवर. पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अलवर न्यायालय ने 14 अगस्त को फैसला सुनाते हुए इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. उसके बाद न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया था. जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में खासी हलचल देखी गई थी तो वहीं उनके ट्वीट पर भाजपा की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अलवर के अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने सीजीएम न्यायालय में याचिका दायर की.
जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 27 अगस्त का दिन निर्धारित किया था. इसी मामले में मंगलवार को जितेंद्र शर्मा व अन्य अधिवक्ताओं ने न्यायालय में पेश होकर दस्तावेज पेश किए. इस पर न्यायालय ने आगामी तारीख 17 सितंबर निर्धारित करते हुए अधिवक्ताओं को इस संबंध में साक्ष्य पेश करने के निर्देश दिए हैं. अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार के सामने यह मामला विचाराधीन है.
अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि न्यायालय के फैसले पर आप उच्च न्यायालय में जा सकते हैं. लेकिन न्यायालय के फैसले पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं कर सकते. प्रियंका गांधी ने पहलू खान मामले में न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया. इससे न्यायालय की अवमानना हुई. इसलिए अधिवक्ताओं की तरफ से अलवर के न्यायालय में याचिका दायर की गई. उन्होंने कहा कि न्यायालय की तरफ से 27 अगस्त को साक्ष्य पेश करने के लिए कहा गया था. इस पर अधिवक्ताओं ने पेश होकर अपनी बात रखी. वहीं, अधिवक्ता प्रवीण कुमार ने बताया कि न्यायालय की तरफ से आगामी तारीख 17 सितंबर निर्धारित की गई है. 17 सितंबर को इस संबंध में साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए जाएंगे व बयान कराए जाएंगे.
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ये था मामला...
गौरतलब है कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अलवर न्यायालय ने 14 अगस्त को फैसला सुनाते हुए गिरफ्तार सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. उसके बाद न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा था, 'पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है, हमारे देश में मान्यता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है'. जिसे लेकर अलवर के अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने सीजीएम न्यायालय में याचिका दायर की थी.