अलवर. राज्य सरकार की तरफ से कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रात्रि कर्फ्यू लगाने सहित कई तरह के बदलाव करते हुए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत शादी समारोह में 100 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे. सरकार की तरफ से पहली बार जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है. लोगों को अब मास्क ही पहनना होगा बिना मास के घूमने वाले लोगों पर 500 रुपए जुर्माने लगाने के आदेश दिए हैं. सरकार की नई गाइडलाइन ने आम लोगों को परेशान कर दिया है.
दरसअल आज देवउठनी ग्यारस पर अलवर जिले में 2000 से अधिक विवाह कार्यक्रम होने हैं. इसके लिए लड़के वाले और लड़की वालों की तरफ से सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. लाखों रुपए खर्च करते हुए लाइट, टेंट, डेकोरेशन, हलवाई, घोड़ी, बाजा, डीजे, गेस्ट हाउस, मैरिज गार्डन, होटल और रेस्टोरेंट सहित सभी तरह की जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं. लोगों के घर मेहमान भी आ चुके हैं. इन सब के बीच अचानक राज्य सरकार ने अलवर सहित राजस्थान के 8 जिलों में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने व प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं.
ये पढ़ें: Special: सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार सामग्री पर लगाया ग्रहण, खतरे में पड़ा रोजगार
सरकार ने प्रदेश की सीमाओं को सील करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों से आने वाली बारात कैसे आएगी. सरकार की तरफ से प्रतिदिन नई गाइडलाइन जारी की जा रही है. सरकार ने रात्रि कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. ऐसे में हजारों लोग परेशान हो रहे हैं, क्योंकि शादी में लोगों का रात को आना जाना होता है. शादी कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बैंड बाजा, हलवाई, कैटरिंग सहित विभिन्न कार्यों में जुड़े लोग अपना सामान लेकर आते जाते हैं. सभी लोग परेशान हैं कि अब काम कैसे चलेगा, जीवन यापन कैसे होगा.
बन रही असमंजस की स्थिति
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में व्यापारियों ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन से लोग से कंफ्यूज है. लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई है. सरकार के कुछ अधिकारी कहते हैं कि शादी समारोह में 50 लोग आ सकते हैं. वहीं सरकार के कुछ आदेश 100 और 250 लोगों की बात कहते हैं. बेटे और बेटी की शादी के लिए लाखों रुपए खर्च कर चुके लोग अब अधरझूल स्थिति में है. उनको समझ नहीं आ रहा कि क्या करें. प्रशासन से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है कुछ लोगों ने तो मेहमानों को शादी में नहीं आने के संदेश भी भेजना शुरू कर दिया है. जबकि जिन लोगों के 25 नवंबर को शादी है उनके मेहमान भी आ चुके हैं.
आम लोगों में रोष
सरकार के इस रवैया से लोग सरकार से खासे खफा हैं. लोगों का कहना है कि चुनाव में राजनीतिक कार्यक्रमों में कोई गाइडलाइन का पालन नहीं होता है. लेकिन आम आदमी के लिए सरकार आए दिन नया नियम लगाती है. लोगों ने कहा आम व्यक्ति सरकार से खासा परेशान है. लोग सरकार के आदेश के बाद अपने कार्यक्रमों में बदलाव कर रहे हैं.
ये पढ़ें: देवउठनी ग्यारस: आज से विवाह बंधन में बंधेंगे जोड़े, बिना बैंड-बाजे के गूंजेंगी शहनाइयां
9 माह से व्यापारी परेशान और बेरोजगार था. लंबे समय के बाद शादियों के सीजन की शुरुआत से कामकाज फिर से शुरू हुआ है. ऐसे में व्यापारियों के चेहरे पर भी रौनक लौटने लगी है. हजारों लाखों लोगों को फिर से रोजगार मिलने लगा इसी बीच कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने फिर से एक बार सख्ती करते हुए शादी समारोह में लोगों के आने-जाने बाजार के खुलने के समय रात्रि कर्फ्यू सहित कई अन्य सख्ती लगाई है. इसने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
क्या पड़ेगा प्रभाव
अकेले 25 नवंबर को अलवर में 2000 से अधिक शादियां हैं. इसमें हजारों लोगों का व्यवसाय जुड़ा हुआ है. लाइट, डेकोरेशन, डीजे, कैटरिंग, हलवाई, टेंट, मैरिज गार्डन, होटल और रेस्टोरेंट सहित शादी कार्यक्रमों से जुड़ने वाले सभी तरह के लोग सरकार की नई गाइडलाइन से प्रभावित हुए हैं.
कैसे आएगी बारात
कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राजस्थान सरकार की तरफ से सीमाओं को भी सील करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में जिन लोगों की बारात हरियाणा के आसपास के राज्यों से अलवर आनी हैं. वो लोग खासे परेशान हैं. उन लोगों का कहना है यह समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. जबकि सरकारी अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है.