अलवर. जिले के तीजकी शमशान घाट में कई महीनों से बंद गैस शव दाह गृह शुरू हो चुका है. ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार प्रकिया में मदद मिलेगी. कोरोना के चलते लगातार मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में श्मशान घाट में लोगों को अंतिम संस्कार प्रकिया के लिए खासा इंतजार करना पड़ता है और कई अन्य तरह की दिक्कत हो रही थी.
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गौरतलब है कि अलवर में कोरोना के चलते हालात खराब है. कोरोना से प्रतिदिन लोगों की जान जा रही है. श्मशान घाटों पर कोरोना से पहले की तुलना में दोगुना से अधिक शव आने का क्रम जारी है. शहर के अकेले तीजकी श्मशान घाट में एक दिन में 10 से 15 लोगों को अंतिम संस्कार होने लगा है, जबकि पहले केवल औसतन 4 लोगों का अंतिम संस्कार होता था. यही अनुपात शहर के अन्य श्मशान घाटों का है.
अलवर के तीजकी श्मशान घाट में साल 2018 में गैस शव दाह गृह लगाया गया था. पिछले कई महीने से यह खराब पड़ा था. अब कोरोना महामारी में मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा तो गैस शवदाह गृह की जरूरत महसूस होने लगी, जिसे देखते हुए नगर परिषद ने गैस शव दाह गृह ठीक कराया. अब उसमें वापस शव का अंतिम संस्कार होने लग गया है.
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नगर परिषद के कमिश्नर सोहन सिंह नरूका ने बताया कि अहमदाबाद की कंपनी ने गैस शव दाह गृह को लगाया था, लेकिन लंबे समय से ये खराब था. ऐसे में इंजीनियरों से संपर्क कर उसको ठीक कराया गया है. क्योंकि इसके रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी की है. इस शव दाह गृह के ठीक होने से लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.