अलवर. वन मंत्री सुखराम बिश्नोई रविवार को अचानक एक दिवसीय दौरे पर अलवर के सरिस्का पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली. सरिस्का में पर्यटकों के लिए नए रूट विकसित करने, सरिस्का क्षेत्र में पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने, सरिस्का क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विस्थापित करने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान वन मंत्री ने सरिस्का के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि लंबे समय बाद सरिस्का में खुशियां आई हैं. सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. यह सरिस्का के लिए बेहतर है. आने वाले समय में सरिस्का के लिए कई जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
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गौरतलब है कि सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान रखता है. लंबे समय से शिकार के लिए सरिस्का बदनाम हो रहा था. लेकिन बीते कुछ समय से सरिस्का में शिकार की घटनाएं रुकी हैं. साथ ही बाघों का कुनबा भी बढ़ा है. इसका असर पर्यटकों की संख्या पर भी नजर आने लगा है. हजारों की संख्या में पर्यटक प्रतिदिन सरिस्का घूमने के लिए पहुंच रहे हैं.
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने सरिस्का नेशनल पार्क का औचक दौरे के दौरान पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वन्यजीवों की स्थिति, पुनर्वास कार्यक्रम तथा दूसरे तमाम मसलों पर विस्तार से चर्चा की. बिश्नोई के कहा कि यह हर्ष की बात है कि पिछले दो साल में सरिस्का नेशनल पार्क में टाइगर जैसे महत्वपूर्ण वन्यजीव की उल्लेखनीय वंशवृद्धि हुई है. पार्क के कोर इलाके में बसे गांवों के पुनर्वास व विलायती बबूल के उन्मूलन की दिशा में भी काम हो रहे हैं. जंगल में वनस्पतियों के पेड़ पौधों को बचाने के लिए भी काम होना आवश्यक है. जल्द ही पर्यावरण विभाग की तरफ से फ्रिस्का में कई कार्य किए जाएंगे.
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बिश्नोई ने आने वाले वक्त में सरिस्का नेशनल पार्क की बेहतरी के लिए कदम उठाए जाने की बात कही. साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों की हौसलाफजाई भी की. उन्होंने कहा कि विस्थापित होने वाले लोगों को सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. किन जगहों पर उनको विस्थापित किया जाएगा, उन क्षेत्रों में भी सड़क, बिजली और पानी सहित अन्य जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी.
बता दें कि सरिस्का में आए दिन शिकार के मामले आते हैं. साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया था. उसके बाद रणथंबोर से बाघों को सरिस्का लाया गया है. फिर से बाघों के कुनबा बसाया गया. साल 20019 में 4 बाघों की मौत के मामले सामने आए. सरिस्का पूरे देश में बदनाम हुआ. लेकिन, अब सरकार की तरफ से लगातार सरिस्का को बेहतर करने का काम किया जा रहा है.