अलवर. शहर के रामगढ़ क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की नीयत से सिख समाज के पूर्व ग्रंथी के केश काटे गए और उनके साथ मारपीट की गई थी. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दो दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने के दावे किए थे लेकिन अब तक आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं. घटना के विरोध में रामगढ़ सहित आसपास के पांच कस्बे सोमवार को पूरी तरह से बंद हैं. इस दौरान व्यापारी भी बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं. वहीं पांचों कस्बों के निजी स्कूल की छुट्टी कर दी (five towns of Alwar are closed today) गई है.
उदयपुर की घटना के बाद अलवर में सिख समाज के पूर्व ग्रंथी गुरुबख्श के साथ मारपीट की गई थी. ग्रंथी ने कहा कि आरोपियों के हाथ में चाकू था. वो गर्दन काटने की फिराक में थे लेकिन केवल केश काटकर चले गए. घटना के विरोध में सिख समाज और हिंदू संगठन ने प्रदर्शन (hair of former granthi of Sikh society was cut) किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पहले 24 घंटे और बाद में दो दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही थी.
इस दौरान पीड़ित ने कहा कि अगर आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं तो वो सबके सामने थाने के बाहर आत्महत्या कर लेंगे. घटना को 2 दिन का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. ऐसे में सर्व समाज की तरफ से सोमवार को अलवर के रामगढ़, मुबारकपुर, नौगावा, अलावड़ा और मिलकपुर क्षेत्र को बंद करने का आह्वान किया गया. पांचों कस्बों में बाजार पूरी तरह से बंद हैं. साथ ही रामगढ़ क्षेत्र कि सभी निजी स्कूल संचालकों ने भी स्कूल बंद कर के विरोध को अपना समर्थन दिया. इस दौरान बाजारों में भारी पुलिस बल तैनात है.
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हिन्दू संगठनों और सिख समाज की ओर से पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया (protest against police in alwar ) गया. स्थानीय लोग भी विरोध और बंद को समर्थन दे रहे हैं. इस मामले को लेकर लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है. दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने और हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.
आंदोलन से जुड़े सिख समाज के सरदार प्रीतम सिंह ने बताया कि इस संबंध में रविवार को मिलकपुर कस्बे में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी आए थे और पुलिस की ओर से अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक के तबादले की मांग की. कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों का आरोप है कि अलवर में तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन पुलिस अधीक्षक एक विशेष समुदाय को संरक्षण देने में लगी हुई हैं. कमेटी ने जब पुलिस अधीक्षक से वार्ता की तो उन्होंने रविवार शाम को 6 बजे तक का समय दिया था लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने से चार कस्बों के बंद कर निर्णय लिया गया.
रविवार सिख समाज की बैठक में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस ने 3 अगस्त तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो 1000 सिख अलवर में पुलिस अधीक्षक आवास के सामने प्रदर्शन करेंगे. मामले में पूर्व प्रधान रामगढ़ सुखवंत सिंह ने कहा कि पूर्व ग्रंथी के केश काटने के मामले में पुलिस की ओर से अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है जिससे सिख समाज में आक्रोश है. इसलिए आज चार कस्बों को पूर्णत: बंद किय गया है. व्यापारियों ने भी बंद को समर्थन किया है.