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अलवर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, 'समाज को संदेश देने वाली फिल्में शामिल'

अलवर में अलवर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू हो चुका है. इसमें सिने जगत के कई कलाकार भी शामिल हुए हैं. शॉर्ट फिल्म 'बघेरा' की कलाकार प्रीति ने इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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अभिनेत्री प्रीति ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत
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Published : Jan 5, 2020, 7:46 AM IST

अलवर. पहली बार अलवर में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है. दुनिया के 70 देशों की चयनित 35 फिल्में दिखाई जा रहीं हैं. पहले दिन 'बघेरा' फिल्म की कलाकार प्रीति ने कहा, कि फिल्म फेस्टिवल में समाज को संदेश देने वाली फिल्में शामिल होती हैं.

अभिनेत्री प्रीति ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

शॉर्ट फिल्म 'बघेरा' की कलाकार प्रीति ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा, कि वे पहली बार अलवर आईं हैं. अलवर बड़ा ही खूबसूरत शहर है. अलवर में कई तरह की लोकेशन हैं, जहां पर विभिन्न फिल्में बन सकती हैं. उनकी फिल्म 'बघेरा' लड़कियों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर है. प्रीति के मुताबिक इस फिल्म के जरिए महिलाओं और लड़कियों को हर परेशानी का मुकाबला करने का संदेश दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा, कि हमारे समाज में कई तरह की बुराइयां व कुरीतियां है. ऐसे में समाज को जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्में काफी कारगर साबित होती हैं. क्योंकि यह फिल्में दिमाग पर सीधा असर डालती हैं और विशेष संदेश पर आधारित होती हैं.

यह भी पढ़ें : कृपया ध्यान दें! 22 और 24 जनवरी की रात से दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी

प्रीति ने बताया, कि हमारे समाज में लड़कियों व महिलाओं को हर कदम पर परेशानी का सामना करना पड़ता है. परिवार हो या बाहर, लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में उनको कठोर बनते हुए सबसे मुकाबला करना आना चाहिए. गलत के खिलाफ खड़ा होना व गलत को गलत कहने की हिम्मत होना जरूरी है. क्योंकि हम गलत का साथ देंगे तो हम खुद भी गलत साबित होंगे. उन्होंने कहा, कि फिल्म फेस्टिवल में वही फिल्में पहले स्थान पर आती हैं, जो ज्यादा से ज्यादा संदेश देने वाली होती हैं और जिनका समाज पर सीधा असर पड़ सकता है.

अलवर. पहली बार अलवर में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है. दुनिया के 70 देशों की चयनित 35 फिल्में दिखाई जा रहीं हैं. पहले दिन 'बघेरा' फिल्म की कलाकार प्रीति ने कहा, कि फिल्म फेस्टिवल में समाज को संदेश देने वाली फिल्में शामिल होती हैं.

अभिनेत्री प्रीति ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

शॉर्ट फिल्म 'बघेरा' की कलाकार प्रीति ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा, कि वे पहली बार अलवर आईं हैं. अलवर बड़ा ही खूबसूरत शहर है. अलवर में कई तरह की लोकेशन हैं, जहां पर विभिन्न फिल्में बन सकती हैं. उनकी फिल्म 'बघेरा' लड़कियों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर है. प्रीति के मुताबिक इस फिल्म के जरिए महिलाओं और लड़कियों को हर परेशानी का मुकाबला करने का संदेश दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा, कि हमारे समाज में कई तरह की बुराइयां व कुरीतियां है. ऐसे में समाज को जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्में काफी कारगर साबित होती हैं. क्योंकि यह फिल्में दिमाग पर सीधा असर डालती हैं और विशेष संदेश पर आधारित होती हैं.

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प्रीति ने बताया, कि हमारे समाज में लड़कियों व महिलाओं को हर कदम पर परेशानी का सामना करना पड़ता है. परिवार हो या बाहर, लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में उनको कठोर बनते हुए सबसे मुकाबला करना आना चाहिए. गलत के खिलाफ खड़ा होना व गलत को गलत कहने की हिम्मत होना जरूरी है. क्योंकि हम गलत का साथ देंगे तो हम खुद भी गलत साबित होंगे. उन्होंने कहा, कि फिल्म फेस्टिवल में वही फिल्में पहले स्थान पर आती हैं, जो ज्यादा से ज्यादा संदेश देने वाली होती हैं और जिनका समाज पर सीधा असर पड़ सकता है.

Intro:अलवर
अलवर में पहली बार फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। 70 देशों की 35 फिल्में दिखाई जा रही है। पहले दिन बघेरा फिल्म की कलाकार प्रीति ने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में समाज को संदेश देने वाली फिल्में शामिल होती है।


Body:शॉर्ट फिल्म बगीरा की कलाकारी प्रीति रे ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि पहली बार अलवर आई है। अलवर बड़ा ही खूबसूरत शहर है व अलवर में कई तरह की लोकेशन है। जिन पर विभिन्न फिल्में बन सकती है। उनकी फिल्म बघेरा लड़कियों पर होने वाले अत्याचार को लेकर है। इस फिल्म के माध्यम से महिलाओं व लड़कियों को हर परेशानी का मुकाबला करने का संदेश दिया गया है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे समाज में कई तरह की बुराइयां व कुर्तियां है। ऐसे में समाज को जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्में काफी कारगर साबित होती है। क्योंकि यह फिल्में दिमाग पर सीधा असर डालती है। तो वहीं विशेष संदेश पर आधारित होती है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि हमारे समाज में लड़कियों व महिलाओं को हर कदम पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। परिवार हो या बाहर लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में उनको कठोर बनते हुए सबसे मुकाबला करना चाहिए। गलत के खिलाफ खड़ा होना व गलत को गलत कहने की शक्ति रखना जरूरी है। क्योंकि हम गलत का साथ देंगे हैं, तो हम खुद भी गलत साबित होंगे। होलिका की फिल्म फेस्टिवल में वही फिल्में पहले स्थान पर आती है जो ज्यादा ज्यादा संदेश देने वाली होती है व जिनका समाज पर सीधा असर पड़ सकता है।

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