अलवर. शहर के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान लगातार नए कृषि कानून का विरोध करते हुए धरना दे रहे हैं. केरल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न क्षेत्र से आए किसान लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. किसानों ने सबसे पहले ट्रैक्टर मार्च का आह्वान किया. उसके बाद 1 दिन का अनशन रखा और देशव्यापी चक्का जाम किया. चक्का जाम के दौरान 50 से अधिक सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं ने किसानों के बीच पहुंचकर अपना समर्थन दिया.
चक्का जाम में अलवर से गुजरने वाले सभी नेशनल और स्टेट हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. इसके अलावा कस्बों में भी किसानों की तरफ से जाम लगाए गए है. 3 घंटे तक यातायात पूरी तरह से बंद रहा. इस दौरान दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई.
वाहन चालकों और अन्य लोगों को आने जाने में खासी परेशानी हुई. इस दौरान जाम में फंसे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था किसानों की तरफ से की गई. चक्का जाम के बाद किसानों की हुई सभा में सभी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया गया. इस दौरान किसान नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. किसानों ने कहा कि सरकार को तीनों नए कानून वापस लेने होंगे. जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, किसान अपनी मांग पर अड़े रहेंगे.
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उन्होंने कहा कि किसानों का विरोध दिनों-दिन मजबूत हो रहा है. देशभर के किसानों के साथ अब आम लोग भी आगे आकर किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं. सरकार की तरफ से कई तरह के प्रयास किए गए, लेकिन किसानों का धरना समाप्त नहीं हुआ. सरकार ने किसानों को बदनाम करने के प्रयास किए, लेकिन सरकार विफल रही.
बहरोड़ के जागुवास चौक पर लगा 8 किलोमीटर लंबा जाम
किसान आंदोलन के चलते यातायात का दबाव बढ़ने के कारण सोमवार को बहरोड़ के जागुवास चौक पर 8 किलोमीटर लंबा जाम लग जाने पर वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसके बाद प्रशासन ने भी 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया.