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असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में किसानों पर पत्थर बरसाए और पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही: योगेंद्र यादव

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Published : Jan 31, 2021, 6:15 PM IST

किसान नेता योगेंद्र यादव ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर हुई पत्थरबाजी को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में किसानों पर पत्थर बरसाए. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही. उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन को कुचलने के भी आरोप लगाए.

alwar news,  yogendra yadav
योगेंद्र यादव का मोदी सरकार पर हमला

अलवर. पिछले लगभग 2 महीने से किसान नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं. अलवर में भी हरियाणा सीमा पर शाहजहांपुर में किसान धरने पर बैठे हैं. गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन सवालों के घेरे में था. सरकार भी किसानों को हटाने का मन बना चुकी थी. लेकिन एक बार फिर से किसान सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में जमा हो गए और सरकार को वापस हटना पड़ा.

योगेंद्र यादव का मोदी सरकार पर हमला

पढे़ं: शहीद निखिल दायमा का अंतिम संस्कार, हजारों लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

शाहजहांपुर किसान आंदोलन को संबोधित करने आज रविवार को योगेंद्र यादव पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार और उसके दरबारियों ने किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन वो सफल नहीं हो सके. किसानों पर उपद्रवी पत्थर फेंक रहे थे और आरपीएफ खड़ी हुई देख रही थी. योगेंद्र यादव ने किसानों पर गंभीर आरोप लगाए.

उन्होंने कहा कि बीते 4 दिनों से लगातार सरकार की तरफ से किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में किसानों पर पत्थर बरसाए. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही. योगेंद्र यादव ने कहा कि उपद्रवियों ने जाते समय पुलिस के अफसरों से हाथ भी मिलाया.

यादव ने कहा कि सरकार का चेहरा लोगों के सामने आ गया है. सरकार के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है. सरकार झूठे वादे कर लोगों को झूठे आश्वासन दिए जा रही है. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती.

अलवर. पिछले लगभग 2 महीने से किसान नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं. अलवर में भी हरियाणा सीमा पर शाहजहांपुर में किसान धरने पर बैठे हैं. गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन सवालों के घेरे में था. सरकार भी किसानों को हटाने का मन बना चुकी थी. लेकिन एक बार फिर से किसान सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में जमा हो गए और सरकार को वापस हटना पड़ा.

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शाहजहांपुर किसान आंदोलन को संबोधित करने आज रविवार को योगेंद्र यादव पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार और उसके दरबारियों ने किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन वो सफल नहीं हो सके. किसानों पर उपद्रवी पत्थर फेंक रहे थे और आरपीएफ खड़ी हुई देख रही थी. योगेंद्र यादव ने किसानों पर गंभीर आरोप लगाए.

उन्होंने कहा कि बीते 4 दिनों से लगातार सरकार की तरफ से किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में किसानों पर पत्थर बरसाए. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही. योगेंद्र यादव ने कहा कि उपद्रवियों ने जाते समय पुलिस के अफसरों से हाथ भी मिलाया.

यादव ने कहा कि सरकार का चेहरा लोगों के सामने आ गया है. सरकार के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है. सरकार झूठे वादे कर लोगों को झूठे आश्वासन दिए जा रही है. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती.

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