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अलवर में बीते साल प्याज से छुड़ाए कर्ज, इस साल भी किसानों को प्याज से आस

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Published : Sep 13, 2020, 10:41 PM IST

प्याज के भाव में उतार-चढ़ाव हमेशा सुर्खियों में रहता है, क्योंकि बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा इसके दामों की ही रहती है. हमेशा से प्याज के भाव सरकार में विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा रहा है. लेकिन सभी की आंखों में आंसू लाने वाली प्याज ने पिछले साल अलवर के किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी थी. पिछले साल अलवर में प्याज की बंपर पैदावरी हुई. जिससे किसानों को लाखों-करोड़ों का फायदा हुआ था. इस बार भी किसान अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में खेतों में प्याज की बुवाई कर रहे हैं. देखें यह खास रिपोर्ट...

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
अलवर में प्याज की हो रही बम्पर बुवाई

अलवर. प्याज का तड़का लगते ही सब्जी का स्वाद बदल जाता है. प्याज चाहे कितना भी लोगों को रूला ले, लेकिन इसकी डिमांड हमेशा ही मार्केट में बनी रहती है. यही वजह है कि अलवर में बीते साल किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. जिले कई किसानों की प्याज ने मालामाल कर दिया. सालों के कर्ज प्याज की फसल ने एक ही साल में खत्म कर दिया. जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली. बीते साल प्याज की अच्छी बिक्री को देखते हुए किसान इस साल भी अलवर में प्याज की बंपर बुवाई कर रहे हैं. अलवर की मंडी प्याज की देश में दूसरी बड़ी मंडी है. नासिक के बाद सबसे ज्यादा प्याज अलवर की मंडी में आता है और यहां से देश-विदेशों में सप्लाई होता है. अलवर से हर साल पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान सहित आसपास के कई अन्य देशों में भी प्याज सप्लाई होती है.

अलवर में प्याज की हो रही बंपर बुवाई

100 रुपए किलो तक बिका प्याज

अलवर में हर साल 14,000 हेक्टेयर भूमि पर प्याज की खेती होती है. बीते साल प्याज 100 रुपए किलो तक मंडी में बिका. वहीं अगर देशभर की बात की जाए तो अलवर का प्याज उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों में सप्लाई होता है. प्याज की आवक शुरू होते ही देश के विभिन्न हिस्सों से व्यापारी अलवर में आते हैं और करीब 2 महीने तक रुकते हैं. कुछ व्यापारी सीधे मंडी से माल खरीदते हैं, तो कुछ व्यापारी सीधे किसान से प्याज खरीद कर विभिन्न राज्यों में लेकर जाते हैं.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
देश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी

पढ़ें: Special: श्री द्वारिकाधीश मंदिर पर कोरोना की मार, आर्थिक संकट से जूझ रहा मंदिर प्रशासन

बीते साल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में प्याज की फसल पूरी तरह से बारिश के चलते खराब हो गई थी, इसलिए पूरे देश में प्याज की कमी हो गई. ऐसे में अलवर के किसानों को काफी फायदा हुआ. जिलेभर के किसानों ने प्याज की खेती की थी. ऐसे में पूरे देश में प्याज सप्लाई हुई. किसानों को पहली बार प्याज के बेहतर दाम मिले. प्याज से किसानों को लाखों-करोड़ों की आय हुई. जिससे सभी ने अपना कर्ज चुकाया और बोझ से खुद को आजाद किया. बीते साल प्याज से हुई आय को देखते हुए किसान इस बार भी प्याज की बंपर बुवाई कर रहे हैं. लोग बाजरे की कटाई कर प्याज को ही प्राथमिकता दे रहे हैं. हालांकि आने वाले समय में प्याज के दाम कैसे रहते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
अलवर के लोगों को प्याज के मिले बेहतर दाम

बीज के बढ़े दाम

वर्तमान में प्याज का बीज महंगा हो चुका है. 6 हजार रुपए क्विंटल के हिसाब से किसानों को प्याज का बीज मिल रहा है, जबकि पहले 1500 से 2000 रुपए के हिसाब से प्याज का बीज मिलता था. इसके अलावा मजदूर नहीं मिलने के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में अन्नदाता खुद ही खेतों में बुवाई कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार भी बेहतर दाम की उम्मीद है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा प्याज की बुवाई कर रहे हैं.

बच्चे कर रहे हैं खेत में काम

कोरोना वायरस की वजह से कई महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं. बच्चे घर पर ही बैठे हुए हैं. ऐसे में बच्चे भी अपने माता-पिता का हाथ खेतों में बंटा रहे हैं.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
खेतों में प्याज की बुवाई करते किसान

पैदावार में लगता है 3 से 4 महीने का वक्त

प्याज की फसल तैयार होने में 3 से 4 माह का समय लगता है. इस दौरान 5 से 6 बार फसल को पानी दिया जाता है. फसल में यूरिया सहित अन्य दवाइयां भी डाली जाती हैं. बेहतर प्याज की फसल के लिए कई तरह के रसायनों का भी इस्तेमाल किया जाता है.

पढ़ें: Special: कजोड़ मल बगड़िया के हैरतअंगेज कारनामें आपको देखने चाहिए...

एक बीघा फसल पर खर्च होते हैं हजारों रुपए

एक बीघा प्याज की फसल में 30 से 40 हजार रुपए खर्च होते हैं. प्याज के बीज से लेकर पानी खाद दवाई सहित सभी कार्य पर मोटा खर्चा होता है. प्याज की बेहतर फसल की पैदावार के लिए उसके आसपास होने वाली घास और अन्य पौधों को नष्ट करने के लिए भी दवा का छिड़काव किया जाता है.

अलवर. प्याज का तड़का लगते ही सब्जी का स्वाद बदल जाता है. प्याज चाहे कितना भी लोगों को रूला ले, लेकिन इसकी डिमांड हमेशा ही मार्केट में बनी रहती है. यही वजह है कि अलवर में बीते साल किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. जिले कई किसानों की प्याज ने मालामाल कर दिया. सालों के कर्ज प्याज की फसल ने एक ही साल में खत्म कर दिया. जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली. बीते साल प्याज की अच्छी बिक्री को देखते हुए किसान इस साल भी अलवर में प्याज की बंपर बुवाई कर रहे हैं. अलवर की मंडी प्याज की देश में दूसरी बड़ी मंडी है. नासिक के बाद सबसे ज्यादा प्याज अलवर की मंडी में आता है और यहां से देश-विदेशों में सप्लाई होता है. अलवर से हर साल पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान सहित आसपास के कई अन्य देशों में भी प्याज सप्लाई होती है.

अलवर में प्याज की हो रही बंपर बुवाई

100 रुपए किलो तक बिका प्याज

अलवर में हर साल 14,000 हेक्टेयर भूमि पर प्याज की खेती होती है. बीते साल प्याज 100 रुपए किलो तक मंडी में बिका. वहीं अगर देशभर की बात की जाए तो अलवर का प्याज उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों में सप्लाई होता है. प्याज की आवक शुरू होते ही देश के विभिन्न हिस्सों से व्यापारी अलवर में आते हैं और करीब 2 महीने तक रुकते हैं. कुछ व्यापारी सीधे मंडी से माल खरीदते हैं, तो कुछ व्यापारी सीधे किसान से प्याज खरीद कर विभिन्न राज्यों में लेकर जाते हैं.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
देश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी

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बीते साल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में प्याज की फसल पूरी तरह से बारिश के चलते खराब हो गई थी, इसलिए पूरे देश में प्याज की कमी हो गई. ऐसे में अलवर के किसानों को काफी फायदा हुआ. जिलेभर के किसानों ने प्याज की खेती की थी. ऐसे में पूरे देश में प्याज सप्लाई हुई. किसानों को पहली बार प्याज के बेहतर दाम मिले. प्याज से किसानों को लाखों-करोड़ों की आय हुई. जिससे सभी ने अपना कर्ज चुकाया और बोझ से खुद को आजाद किया. बीते साल प्याज से हुई आय को देखते हुए किसान इस बार भी प्याज की बंपर बुवाई कर रहे हैं. लोग बाजरे की कटाई कर प्याज को ही प्राथमिकता दे रहे हैं. हालांकि आने वाले समय में प्याज के दाम कैसे रहते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
अलवर के लोगों को प्याज के मिले बेहतर दाम

बीज के बढ़े दाम

वर्तमान में प्याज का बीज महंगा हो चुका है. 6 हजार रुपए क्विंटल के हिसाब से किसानों को प्याज का बीज मिल रहा है, जबकि पहले 1500 से 2000 रुपए के हिसाब से प्याज का बीज मिलता था. इसके अलावा मजदूर नहीं मिलने के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में अन्नदाता खुद ही खेतों में बुवाई कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार भी बेहतर दाम की उम्मीद है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा प्याज की बुवाई कर रहे हैं.

बच्चे कर रहे हैं खेत में काम

कोरोना वायरस की वजह से कई महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं. बच्चे घर पर ही बैठे हुए हैं. ऐसे में बच्चे भी अपने माता-पिता का हाथ खेतों में बंटा रहे हैं.

राजस्थान में प्याज की खेती,  Onion cultivation in Rajasthan,  Onion cultivation in alwar
खेतों में प्याज की बुवाई करते किसान

पैदावार में लगता है 3 से 4 महीने का वक्त

प्याज की फसल तैयार होने में 3 से 4 माह का समय लगता है. इस दौरान 5 से 6 बार फसल को पानी दिया जाता है. फसल में यूरिया सहित अन्य दवाइयां भी डाली जाती हैं. बेहतर प्याज की फसल के लिए कई तरह के रसायनों का भी इस्तेमाल किया जाता है.

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एक बीघा फसल पर खर्च होते हैं हजारों रुपए

एक बीघा प्याज की फसल में 30 से 40 हजार रुपए खर्च होते हैं. प्याज के बीज से लेकर पानी खाद दवाई सहित सभी कार्य पर मोटा खर्चा होता है. प्याज की बेहतर फसल की पैदावार के लिए उसके आसपास होने वाली घास और अन्य पौधों को नष्ट करने के लिए भी दवा का छिड़काव किया जाता है.

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