अलवर. जिले के प्याज की पूरे देश में सप्लाई हो रही है, लेकिन किसान को प्याज के जो दाम मिल रहे हैं उससे किसान खुश नहीं है. अलवर की प्याज मंडी में प्याज बेचने के लिए पहुंचे किसानों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसान को 30 से 35 रुपए किलो प्याज के भाव मिल रहे हैं, जबकि अगर वो भी प्याज लेने के लिए बाहर दुकानों पर जाते हैं तो 70 से 80 रुपए किलो के हिसाब से प्याज बिक रही है.
अलवर मंडी प्याज की बड़ी मंडी है. नासिक के बाद प्याज का सबसे ज्यादा सप्लाई अलवर मंडी से होता है. बीते साल प्याज ने किसानों को मालामाल किया था, लेकिन इस बार भी अन्य राज्यों की प्याज खराब होने के कारण अलवर की प्याज की डिमांड पूरे देश में है. देश के विभिन्न राज्यों से व्यापारी प्याज खरीदने के लिए अलवर आए हुए हैं.
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बीते दिनों थोक मार्केट में प्याज 40 रुपए से अधिक कीमत में बिकी थी, लेकिन इस समय प्याज के दाम 30 से 35 हिसाब से चल रही है. जबकि रिटेल बाजार में अभी प्याज 70 से 80 रुपए किलो के हिसाब से बिक रहा है. अलवर मंडी में प्याज बेचने के लिए पहुंचे किसानों ने कहा कि इस बार प्याज की बुवाई करने में किसान को फसल नुकसान हुआ था. प्याज का बीज खरीद कर लगाया गया था.
किसानों का कहना है कि सरकार को किसान के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे प्याज के बेहतर दाम मिल सके. अगर यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी हो सकती है. व्यापारी खुद का मुनाफा कमाने के लालच में किसान को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं, अलवर मंडी में इन दिनों प्याज की बेहतर आवक हो रही है.
कोरोना गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां...
अलवर में कोरोना को लेकर सरकार की गाइडलाइन मजाक नजर आने लगी है. सरकार की तरफ से प्रतिदिन नई गाइडलाइन निकाली जाती है. लेकिन अलवर की सब्जी व प्याज मंडी में सरकार की गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है. बड़ी संख्या में लोग प्याज बेचने के लिए अलवर मंडी में आ रहे हैं. इन हालातों से साफ है कि आने वाले समय में अलवर में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ सकता है.
व्यापारियों ने कहा कि वे कोरोना गाइडलाइन की पालना कर रहे हैं, लेकिन बाहर से आने वाले किसान लापरवाही कर रहे हैं. किसानों को सावधानी बरतने की जरूरत है. इन सब हालातों को देखने के बाद भी प्रशासन अपनी आंख बंद करके चुपचाप बैठा हुआ है. दूसरी तरफ शादियों के सीजन में सरकार की गाइडलाइन ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है. लोगों को शादी की अनुमति लेने के लिए सरकारी कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.