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अलवर: प्याज की अच्छी बिक्री से किसानों और व्यापारियों के खिले चेहरे

अलवर जिले के किसानों के लिए लाल सोने के रूप में नगदी फसल की पहचान बनाने वाली प्याज की इस बार बंपर पैदावार हुई है. मंडी में प्याज की 50 हजार से 55 हजार कट्टों की रोजाना आवक हो रही है. इस बार प्याज के दाम अच्छे होने से किसानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है.

अलवर, good sales of onions
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Published : Nov 18, 2019, 7:28 PM IST

अलवर. प्याज मंडी में नई प्याज 30 से 45 रुपये किलो के भाव बिक रही है, जिससे किसानों को मुनाफा हो रहा है. कई जहगों पर भारी बारिश के चलते प्याज की फसल चौपट हो गई थी. इसी वजह से इस बार अलवर के प्याज की मांग देश में सबसे ज्यादा है.

लाल सोने के रूप में नगदी फसल की पहचान बनाने वाली प्याज की इस बार बंपर पैदावार

अलवर की प्याज हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, बिहार और बंगाल सहित देश के ज्यादातर हिस्से में सप्लाई हो रही है. बाहर से व्यापारी अलवर में प्याज की खरीद के लिए डेरा डाले हुए हैं. बता दें कि अलवर मंडी में प्याज की अधिक आवक होने के कारण मंडी में जाम के हालात बने रहते हैं. भाव अधिक होने के कारण किसान जल्द से जल्द अपनी उपज मंडी में पहुंचा कर कीमत वसूलने की कोशिश में रहते हैं.

इस बार एक बीघा खेत में 25 से 30 क्विंटल प्याज की पैदावार हुई है, जो प्याज मंडी में आना शुरू हो गई है. आलम ये है कि किसान रात में ही अगले दिन बेचने के लिए प्याज भरकर मंडी में पहुंचा जाते हैं. किसानों की माने तो 1 बीघा खेत में प्याज लगाने में करीब 20 से 30 हजार खर्चा आता है.

पढ़ें: अलवरः बानसूर कस्बे में बदबूदार पीने के पानी की सप्लाई से ग्रामीण परेशान

लेकिन, मंडी में इस बार प्याज के भाव अच्छे हैं, जससे अच्छा मुनाफा भी हुआ है. किसानों ने बताया कि पिछले साल प्याज 10 से 15 रुपये किलो बिका था, जिससे किसानों को नुकसान हुआ था. लेकिन इस बार प्याज के भाव अच्छे रहने से पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई हो गई है.

अलवर. प्याज मंडी में नई प्याज 30 से 45 रुपये किलो के भाव बिक रही है, जिससे किसानों को मुनाफा हो रहा है. कई जहगों पर भारी बारिश के चलते प्याज की फसल चौपट हो गई थी. इसी वजह से इस बार अलवर के प्याज की मांग देश में सबसे ज्यादा है.

लाल सोने के रूप में नगदी फसल की पहचान बनाने वाली प्याज की इस बार बंपर पैदावार

अलवर की प्याज हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, बिहार और बंगाल सहित देश के ज्यादातर हिस्से में सप्लाई हो रही है. बाहर से व्यापारी अलवर में प्याज की खरीद के लिए डेरा डाले हुए हैं. बता दें कि अलवर मंडी में प्याज की अधिक आवक होने के कारण मंडी में जाम के हालात बने रहते हैं. भाव अधिक होने के कारण किसान जल्द से जल्द अपनी उपज मंडी में पहुंचा कर कीमत वसूलने की कोशिश में रहते हैं.

इस बार एक बीघा खेत में 25 से 30 क्विंटल प्याज की पैदावार हुई है, जो प्याज मंडी में आना शुरू हो गई है. आलम ये है कि किसान रात में ही अगले दिन बेचने के लिए प्याज भरकर मंडी में पहुंचा जाते हैं. किसानों की माने तो 1 बीघा खेत में प्याज लगाने में करीब 20 से 30 हजार खर्चा आता है.

पढ़ें: अलवरः बानसूर कस्बे में बदबूदार पीने के पानी की सप्लाई से ग्रामीण परेशान

लेकिन, मंडी में इस बार प्याज के भाव अच्छे हैं, जससे अच्छा मुनाफा भी हुआ है. किसानों ने बताया कि पिछले साल प्याज 10 से 15 रुपये किलो बिका था, जिससे किसानों को नुकसान हुआ था. लेकिन इस बार प्याज के भाव अच्छे रहने से पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई हो गई है.

Intro:
अलवर जिले के किसानों के लिए लाल सोने के रूप में नगदी फसल की पहचान बनाने वाली प्याज की बंपर पैदावार शुरू हो गई है। आज अलवर मंडी में प्याज के 50 हजार से 55 हजार कट्टे रोजाना आवक हो रही है। इस बार प्याज के दाम अच्छे होने से किसानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है।


Body:अलवर प्याज मंडी में नई प्याज 30 से 45 रुपये किलो के भाव बिक रही है। जिससे किसानों को मुनाफा हो रहा है। अलवर में इस बार देश में बारिश की वजह से ज्यादातर जगहों पर प्याज की फसल चौपट हो गई थी। इसकी वजह से अलवर में प्याज की मांग देश में सबसे ज्यादा है। अलवर की प्याज हरियाणा, दिल्ली पंजाब, बिहार, बंगाल सहित देश के ज्यादातर हिस्से में सप्लाई हो रही है। बाहर से व्यापारी अलवर प्याज की खरीद के लिए डेरा डाले हुए हैं।

अलवर मंडी में प्याज की आवक अधिक होने के कारण मंडी में जाम के हालात बने रहते हैं। किसान भाव अधिक होने के कारण जल्द से जल्द अपनी उपज मंडी में पहुंचा कर कीमत वसूलने की कोशिश कर रहा है।

अलवर जिले में इस बार प्याज की बंपर पैदावार हुई है। एक बीघा खेत में 25 से 30 क्विंटल प्याज की पैदावार हुई है। जो प्याज मंडी में आना शुरू हो गई है। किसान रात में ही अगले दिन बेचने के लिए प्याज भरकर मंडी में पहुंच जाते हैं।


Conclusion:किसानों का कहना है कि 1 बीघा खेत में प्याज लगाने में करीब 20 से 30 हजार खर्चा आता है। लेकिन मंडी में इस बार प्याज के भाव अच्छे हैं। उससे तो प्याज का खर्चा निकालने के साथ अच्छा मुनाफा भी हुआ है। किसानों ने कहा कि पिछले साल 10 से 15 रुपये किलो प्याज बिका था। जिससे किसानों को नुकसान हुआ था। लेकिन इस बार प्याज के भाव 30 से 45 रुपये किलो बिकने से पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई हो गई है।

बाईट- छोटे खां किसान

बाईट- सतीश किसान

बाईट- कैलाश व्यापारी

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