अलवर. नगर परिषद, यातायात पुलिस और कोतवाली पुलिस सहित प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए शहर के मुख्य बाजार में व्यापारियों द्वारा किए गए अस्थाई अतिक्रमण को हटवाया और व्यापारियों से समझाइश की गई कि वह दुकानों के आगे अतिक्रमण ना करें. इस दौरान नगर परिषद आयुक्त सोहन सिंह नरूका अतिक्रमण हटाने वाली टीम के साथ मौके पर ही मौजूद रहे. शहर के मुख्य बाजार होप सर्कस, बजाजा बाजार, चूड़ी मार्केट, घंटाघर सहित अन्य व्यापारियों को समझा इस कर अतिक्रमण हटाया गया है. कई जगह नगर परिषद अधिकारियों और पुलिस के कर्मचारियों से व्यापारियों की नोकझोंक भी हुई है. इसमें पुलिस द्वारा 2 लोगों को हिरासत में भी लिया गया. इसके बाद भारी संख्या में व्यापारी कोतवाली थाना पुलिस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामला शांत करा दिया.
नगर परिषद आयुक्त सोहन सिंह नरूका और प्रशिक्षु आरपीएस राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर शहर के मुख्य बाजारों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है, ताकि आमजन को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसलिए आज व्यापारियों को समझाइश कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है, लेकिन कल से अतिक्रमण को सख्ती के साथ हटाया जाएगा. नगर परिषद द्वारा अस्थाई अतिक्रमण को चिन्हित कर क्रॉस का निशान लगा दिया गया, जिससे जिन व्यापारियों द्वारा आज दुकान नहीं खोली गई थी. वह अस्थाई अतिक्रमण को जल्द हटा ले. इस दौरान ट्रायल के रूप में फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी बाजार से निकाला गया, जिससे किसी भी प्रकार की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंच सके.
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पहले चरण में अस्थाई अतिक्रमण को हटाया जाएगा. दोबारा अतिक्रमण नहीं हो इसलिए रेगुलर कार्रवाई भी नगर परिषद द्वारा की जाएगी. फिर अगले चरण में स्थाई अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाया जाएगा. अतिक्रमण को हटाते समय और समझाइश करते समय व्यापारियों की पुलिस और नगर परिषद के कर्मचारियों से नोकझोंक वह धक्का-मुक्की हो गई. इसके बाद पुलिस द्वारा दो व्यापारियों को हिरासत में लिया गया और कोतवाली थाने पर लाया गया. पीछे पीछे भारी संख्या में सैकड़ों व्यापारी कोतवाली थाना पहुंच गए, लेकिन पुलिस के समझाइश के बाद मामले को शांत करवा दिया गया. गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा व्यापारियों की बैरिकेड्स हटाने और अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर पिछले दिनों कोतवाली थाने में जिला प्रशासन और पुलिस सहित व्यापारियों की बैठक हुई थी. इस समस्या को देखते हुए जिला कलेक्टर ने नगर परिषद, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.