अलवर. शहर के सरिस्का वन क्षेत्र (Sariska Forest Area) में आए दिन अवैध अतिक्रमण की शिकायत मिलती रहती है. बीते कुछ दिनों से सरिस्का प्रशासन को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद सरिस्का और वन विभाग की टीम ने करीब 3 बीघा सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटवाया. इस दौरान ग्रामीणों की ओर से विरोध किया गया. ऐसे में हालात कंट्रोल में रहने के लिए पुलिस बुलाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में वन विभाग में सरिस्का के कर्मचारी मौजूद रहे.
सरिस्का बाघ परियोजना (Sariska Tiger Project) क्षेत्र के अधीन रेंज बफर जोन अलवर के समीप बसे गांव श्योदानपूरा से लगे हुए क्षेत्र पर अतिक्रमण की शिकायत मिली. इस पर शनिवार को तीन बीघा जमीन से अतिक्रमण को वन कर्मियों की ओर से हटाया गया और वन भूमि को राज्य सरकार के कब्जे में लिया गया.
इस दौरान ग्रामीणों की ओर से विरोध किया गया. जिसके बाद सरिस्का प्रशासन और पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को समझाया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. सरिस्का प्रशासन ने कहा कि सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाएगा. जंगल क्षेत्र में लोगों का कम दखल हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं.
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का के जंगल क्षेत्र में अभी 29 गांव बसे हुए हैं. लोगों का दखल होने के कारण आए दिन शिकार की शिकायतें मिलती हैं. सरिस्का प्रशासन की तरफ से बसे हुए गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है. हाल ही में कुछ गांवों को विस्थापित किया गया, लेकिन उसके बाद भी गांव अभी बसे हुए हैं. जंगल को बचाने के लिए सरिस्का और सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जाते हैं, ग्रामीणों की ओर से आए दिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत मिलती है.
सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर आर एन मीणा ने बताया कि कुछ सालों से अलवर बफर जोन क्षेत्र के सौदान पुरा गांव में वहां के लोगों की ओर से 3 बीघा वन भूमि की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था. जिसको आज वन विभाग के होमगार्ड और वन कर्मियों की ओर से हटाया गया. वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के अभियान में रेंज अलवर बफर जोन के स्टाप वनपाल धर्मेंद्र चंद्र, प्रकाश, वनरक्षक रोशनी गुर्जर, चंचल, एवं अन्य स्टाफ होमगार्ड और वनकर्मी मौजूद रहे.