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अलवर सहित प्रदेश के सभी जेल में शुरू हुई 'ई-मुलाकात', VC के जरिए परिजन कैदियों से करेंगे बात - alwar news

प्रदेश के सभी जिलों में ई-मुलाकात सिस्टम शुरू किया गया है. इसके तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंदी मुलाकात और बातचीत कर सकेंगे. अलवर केंद्रीय कारागार में पहले दिन तीन कैदियों ने अपने परिजनों से बातचीत की. लॉक डाउन के दौरान भी जेल में बंदी अपने परिजनों से बातचीत और मुलाकात कर सकेंगे.

E-meeting started in Alwar jail, जेलों में ई मुलाका
जेलों में ई मुलाकात शुरू
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Published : Apr 3, 2020, 12:49 AM IST

अलवर. प्रदेश में जेल मुख्यालय की तरफ से ई-मुलाकात सिस्टम डेवलप किया गया है. इसके तहत लोग जेल में बंदी अपने रिश्तेदारों और परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर सकते हैं. बंदी से बात करने के लिए एनआईसी के माध्यम से जेल विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन साइट पर पंजीयन करना होगा. इस दौरान जिस बंदी से मिलना है. बंदी किस जेल में बंद है सहित बात करने वाले व्यक्ति को अपनी भी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करानी होगी. उसके बाद जेल प्रशासन की तरफ से एक समय निर्धारित किया जाएगा. उस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल में बंद अपने परिजनों से लोग बात कर सकते हैं.

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रामनवमी के मौके पर पूरे प्रदेश में यह सिस्टम शुरू किया गया है. बता दें कि अलवर के केंद्रीय कारागार में करीब 1100 बंदी बंद है. पहले दिन जेल प्रशासन की तरफ से तीन बंदियों को उनके परिजनों से ऑनलाइन बात कराई गई. कई महीनों से जेल प्रशासन की तरफ से इस सिस्टम पर काम किया जा रहा था. लेकिन अब इसको लोग डाउन के दौरान शुरू किया गया है.

ये पढ़ेंः COVID-19 UPDATE: राजस्थान के 3 और जिलों में कोरोना की दस्तक, एक ही दिन में 13 केस आए सामने

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान इस सिस्टम से बंदियों को खासा फायदा मिलेगा. वहीं आने वाले समय में जेल प्रशासन को और बंदियों के परिजनों को राहत मिलेगी. क्योंकि दूरदराज गांव और शहरों से लोगों को बंदियों से मिलने के लिए आना पड़ता है. उसके लिए लाइन लगानी पड़ती है और कई घंटों का समय खराब होता है. इसके अलावा जेल में आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो सकेगी.

अलवर. प्रदेश में जेल मुख्यालय की तरफ से ई-मुलाकात सिस्टम डेवलप किया गया है. इसके तहत लोग जेल में बंदी अपने रिश्तेदारों और परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर सकते हैं. बंदी से बात करने के लिए एनआईसी के माध्यम से जेल विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन साइट पर पंजीयन करना होगा. इस दौरान जिस बंदी से मिलना है. बंदी किस जेल में बंद है सहित बात करने वाले व्यक्ति को अपनी भी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करानी होगी. उसके बाद जेल प्रशासन की तरफ से एक समय निर्धारित किया जाएगा. उस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल में बंद अपने परिजनों से लोग बात कर सकते हैं.

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रामनवमी के मौके पर पूरे प्रदेश में यह सिस्टम शुरू किया गया है. बता दें कि अलवर के केंद्रीय कारागार में करीब 1100 बंदी बंद है. पहले दिन जेल प्रशासन की तरफ से तीन बंदियों को उनके परिजनों से ऑनलाइन बात कराई गई. कई महीनों से जेल प्रशासन की तरफ से इस सिस्टम पर काम किया जा रहा था. लेकिन अब इसको लोग डाउन के दौरान शुरू किया गया है.

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जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान इस सिस्टम से बंदियों को खासा फायदा मिलेगा. वहीं आने वाले समय में जेल प्रशासन को और बंदियों के परिजनों को राहत मिलेगी. क्योंकि दूरदराज गांव और शहरों से लोगों को बंदियों से मिलने के लिए आना पड़ता है. उसके लिए लाइन लगानी पड़ती है और कई घंटों का समय खराब होता है. इसके अलावा जेल में आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो सकेगी.

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