अलवर. राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लंबे समय से साइड लाइन किया जा रहा है. दूसरी तरफ वसुंधरा के करीबी भाजपा नेता लगातार बयान दे रहे हैं. वसुंधरा के समर्थन में बयान देना और वसुंधरा रसोई की शुरुआत करना पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को भारी पड़ा.
भाजपा ने 6 साल के लिए रोहिताश शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसके बाद से वे लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. जाहिर है कि उनके निशाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ही हैं. उन्होंने कहा कि मैंने जिन लोगों को बनाया वे 'उधर वालों' की जय बोल रहे हैं. लेकिन चार महीने बाद सब कुछ बदलने वाला है. जो लोग उनकी जय बोल रहे हैं वो मेरे पाले में आ जाएंगे.
उन्होंने कहा कि राजस्थान के सियासी संकट के दौर में सतीश पूनिया अशोक गहलोत की सरकार नहीं हिला पाए. उन्होंने इशारों में सतीश पूनिया को कच्चा खिलाड़ी करार दे दिया. शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत एक पक्के लीडर हैं. 30 साल उन्होंने राजनीति की है. अगर विपक्ष में वसुंधरा राजे होतीं तो गहलोत सरकार पक्का गिर जाती.
भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी जैसी हालत होने के सवाल पर डॉ. रोहिताश शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी पढ़े लिखे समझदार व्यक्ति हैं.
अलवर में एक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में डॉ. रोहिताश शर्मा ने दबी जबान में कहा कि जो लोग आज मुझसे दूर हैं, वो चार माह बाद मेरे ढोक लगाते हुए नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि चार माह बाद बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि बदलाव किस तरह के होंगे.
लेकिन उनके इशारे से साफ है कि पार्टी में वसुंधरा राजे की वापसी हो सकती है. इसके अलावा भाजपा आलाकमान की तरफ से कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. ऐसे में लगातार चर्चाओं का दौर जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर बीते दिनों कई तरह के सवाल खड़े हुए. उनकी कार्यशैली विवादों में आई. भाजपा नेताओं के सवाल उठाने के बाद उन्होंने आनन-फानन अलवर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा शुरू किया.
इस दौरे के दौरान भी कई तरह की विवाद देखने को मिले. ऐसे में देखना होगा कि आने वाले चार माह में प्रदेश की राजनीति में किस तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं.