अलवर. जिले सहित पूरे देश में कैंसर विकराल रूप धारण कर रही है. कैंसर के मरीजों की संख्या भी पहले के मुकाबले कई गुना तेजी से बढ़ी है. यही हालात रहे तो साल 2025 तक कैंसर महामारी का रूप ले सकती है. इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी आवश्यक है.
अलवर पहुंचे विशेषज्ञों ने कहा कि लोगों को अपने खानपान रहन-सहन में बदलाव करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि लीवर का फैटी होना खतरनाक है. यह परेशानी आगे जाकर लीवर को खराब कर सकती है.
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की तरफ से अलवर में डॉक्टरों को मरीजों के इलाज में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही नई तकनीक के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान मौजूद लिवर ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ. सारस्वत सरीन ने कहा कि लिवर ट्रांसप्लांट हो सकता है.
18 साल से अधिक उम्र का सदस्य लीवर परिवार में किसी भी सदस्य को दे सकता है. लिवर हमेशा परिवार के सदस्य का लिया जाता है. शराब शरीर के लिए हानिकारक है. शराब के अलावा कई अन्य कारण भी है. जो लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर शुरुआती जांच पड़ताल में लीवर फैटी दर्ज हुआ है तो सावधान होने की आवश्यकता है क्योंकि आगे चलकर लीवर खराब होने की शिकायत हो सकती है.
नीमराना के डॉ. अजय यादव ने कहा कि कैंसर एक महामारी का रूप ले सकती है. लगातार कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. यही हालात रहे 2 साल 2025 तक देश में कैंसर के मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि कैंसर का प्रभाव कम रहे. इसके लिए हमें अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करना होगा. हमे अपने रहन-सहन और खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा. हम जितना खाते हैं, उससे ज्यादा हमें मेहनत और वर्कआउट करना होगा. इसके लिए योगा करना सुबह शाम टहलना और साइकिल चलाने के अलावा दौड़ लगाकर या अलग-अलग खेल खेलकर भी हम खुद को फिट रख सकते हैं.
हम जितने फिट होंगे उतना ही हम बीमारियों से दूर रहेंगे और कैंसर जैसी घातक बीमारियां हमारे शरीर से दूर रहेगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में अगर इस बीमारी का पता चलता है तो उसका इलाज संभव है. इसके लिए समय-समय पर हमें अपनी जांच पड़ताल कर आनी चाहिए. महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता रहती है. जिससे कैंसर जैसी बीमारियों से बचा जा सके. यह बीमारी हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ी में भी ट्रांसफर होती है इसलिए अगर हम अपनी पीढ़ी को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो हमें सावधानी बरतनी होगी.