अलवर. पहली बार श्रावण का महीना लोगों का घरों में निकल रहा है. इस बार श्रावण के महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. पहली बार ऐसा देखने में मिल रहा है. जब सावन के महीने में मंदिर बंद हो. भगवान शिव की पूजा लोग नहीं कर पा रहे हो.
बता दें कि, श्रावण के महीने में लोग भगवान शिव की आराधना करते हैं और एक टाइम भोजन करते हैं, जबकि कुछ लोग श्रावण के महीने में अलग-अलग तरह के नियम लेते हैं. उनकी पालना करते हैं. इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पहली बार मंदिर बंद है . वहीं लोग भगवान शिव की पूजा नहीं कर पा रहे हैं.
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दरसअल, कोरोना संक्रमण के चलते सभी मंदिरों को सरकार ने 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए हैं. ऐसे में लोग भगवान की पूजा नहीं कर पा रहे हैं. श्रावण का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए खास होता है. इस दिन भगवान को दूध दही घी शहद से स्नान कराया जाता है. उसके बाद उनको बेलपत्र फल मिठाई आदि चढ़ाए जाते हैं. कहते हैं कि., इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करना कई जन्मों के पाप धोने के बराबर होता है. लेकिन पहली बार कोरोना के चलते मंदिर बंद है, ऐसे में लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. हालांकि भगवान के दर्शन के लिए लोग मंदिर के बाहर पहुंच रहे हैं.
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बता दें कि, अलवर का सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर त्रिपोलिया महादेव मंदिर हमेशा खास रहता है. भगवान शिव के दर्शन के लिए लोग आसपास के राज्यों के शहरों से यहां आते हैं. मंदिर प्रशासन की तरफ से प्रतिदिन अलग झांकी सजाई जाती है. श्रावण के दूसरे सोमवार को बर्फ का शिवलिंग मनाया गया. इस मौके पर विशेष श्रंगार किया गया. बाबा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर के बाहर पहुंचे. मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर के बाहर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने, मास्क पहनने सहित तमाम तरह की गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. इसके अलावा मंदिर प्रशासन की तरफ से ऑनलाइन आरती भगवान के दर्शन अन्य सेवाएं भी शुरू की गई है. जिससे लोग घर में बैठकर भगवान के दर्शन कर सकें.