जोधपुर. पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स के साथ हुई हिंसा के विरोध में जोधपुर में भी डॉक्टरों ने रोष जताया. मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. इस विरोध का ज्यादा असर जोधपुर एम्स में नजर आया. यहां डॉक्टरों ने ओपीडी का भी बहिष्कार किया.
बता दें कि बंगाल के नील रतन सिरकर (NRS) मेडिकल कॉलेज कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर तथा इंटर्न 85 साल के बीमार रोगी को बचाने में नाकाम रहे. उनके रिश्तेदारों ने नाराजगी जताते हुए डॉक्टर्स से मारपीट की. इस घटना के बाद से एक डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच आईसीयू में जंग लड़ रहा है. इस घटना से देश भर के डॉक्टर गुस्से में हैं. कोलकाता में 3 दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में शुक्रवार को देशव्यापी विरोध के तहत जोधपुर एम्स और मेडिकल कालेज डॉक्टरों ने सर पर पट्टी बांध हाथों में तख्तियां लेकर पूरे दिन विरोध जताया. साथ ही सीनियर डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज किया.
जोधपुर एम्स के रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे डॉक्टरों की तख्तियां पर लिखा 'अगले जन्म मोहे डॉक्टर न कीजो' तो किसी ने 'हमें मारोगे तो किसके पास जाओगे' इस तरीके के बैनर लिखकर और सिर पर पट्टी बांधकर एक दिन का विरोध सांकेतिक प्रदर्शन किया. इन डॉक्टरों की यह मांग है कि भारत के हर अस्पताल में सुरक्षा की व्यवस्था की जाए. क्योंकि डॉक्टर कोई भगवान नहीं होता है. वह भी एक आम इंसान होता है. वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है की आने वाले मरीज को बचा सके. लेकिन उम्र और बीमारी को देखते हुए कोई मरीज नहीं बच पाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि डॉक्टर के साथ आने वाले परिजन डॉक्टरों को अपने आक्रोश का निशाना बनाएं.
अजमेर में भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया
अजमेर में शुक्रवार को बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर जिला मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की. डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की सुरक्षा के लिए कानून होना चाहिए. ताकि डॉक्टर बिना डर के मरीजों को चेक कर सके और उनका इलाज कर सके. लेकिन देश में जो माहौल बना है. उसके चलते डॉक्टर आज असमंजस की स्थिति में हैं.
डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर कोलकाता मामले में अपना विरोध प्रदर्शन किए. उनकी मांग है डॉक्टरों के साथ मारपीट की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जहां वे एक ओर लोगों की सेवा कर रहे हैं और उनकी जान बचा रहे हैं. लेकिन उनके साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ रही है. इस पर अंकुश लगना जरूरी है.
बंगाल मामले को लेकर अलवर में विरोध
पश्चिम बंगाल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने सामान्य चिकित्सालय में काली पट्टी बांधकर कार्य किया. वहीं चिकित्सालय परिसर स्थित आईएमए हॉल में आईएमए से जुड़े प्राइवेट और सरकारी चिकित्सकों ने मीटिंग की और पीएम और गृहमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि जिस तरह कोलकाता में डॉक्टरों के साथ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की. उससे उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. इसको लेकर आईएमए के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन देकर यह मांग रखी जा रही है कि आए दिन डॉक्टरों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर सरकार चिंतन करे. कोई ऐसा कानून बनाए, जिससे की डॉक्टरों पर इस तरह से हिंसा रोकी जा सके. इस दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता, डॉक्टर मोहन लाल सिंधी, डॉक्टर तैयब खान, डॉक्टर के के शर्मा, डॉक्टर एम एन थरेजा सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे.