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झोलाछाप डॉक्टर ने खुद को लगाया इंजेक्शन, ओवरडोज होने से हुई मौत...परिवार का यह है तर्क

अलवर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर की मौत हो गई. परिजन के मना करने पर भी पुलिस ने उसका पोस्टमार्टम कराया है. पुलिस और डॉक्टर्स ने बताया कि झोलाछाप नशे का आदी था और नशे के इंजेक्शन भी खुद को लगाता था. ओवरडोज से उसकी मौत होने का अनुमान है. इसलिए, परिवार के मना करने पर भी पोस्टमार्टम किया गया है. पुलिस ने इस संबंध में मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. हालांकि, परिजनों की तरफ से अभी कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है.

death due to intoxication in alwar
झोलाछाप डॉक्टर ने खुद को लगाया इंजेक्शन
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Published : Apr 2, 2021, 12:35 PM IST

अलवर. जिले के कीथूर गांव निवासी झोलाछाप डॉक्टर भगवान सिंह मूल रूप से हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है. वो कई सालों से कीथूर गांव में परिवार के साथ रह रहा था. शव लेने आए उसके परिजनों ने मृतक भगवान को नशे की लत होने से मना किया. उन्होंने कहा कि उसके पैरों में दिक्कत रहती थी. पहले एक्सीडेंट भी हो चुका था. एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि नशे की लत थी. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

झोलाछाप डॉक्टर ने खुद को लगाया इंजेक्शन...

मृतक का शव लेने आए परिजन बोले कि बुधवार को तीन बजे भगवान सिंह की मौत हुई है. जबकि, शव दूसरे दिन करीब साढ़े 11 बजे दिया गया. इस बीच शव लेने के लिए सांसद बालकनाथ और श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली को फोन किए हैं, फिर भी शव दूसरे दिन ही मिला है.

पढ़ें : कोरोना का खौफ : गुजरात पुलिस की सख्ती, राजस्थान से सटे रतनपुर और मांडली उड़वा बॉर्डर को किया सील

पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक मनोज ने बताया कि मृतक नशे का आदी था. इसलिए पोस्टमार्टम करना जरूरी था. पहले दिन परिजन के आने में देरी हुई व दूसरे दिन पुलिस थोड़ी देर से आई. पुलिस के पहुंचने के बाद मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया व शव परिजनों के हवाले किया गया शुरुआती जांच पड़ताल में मौत का कारण ओवरडोज माना गया है.

अलवर. जिले के कीथूर गांव निवासी झोलाछाप डॉक्टर भगवान सिंह मूल रूप से हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है. वो कई सालों से कीथूर गांव में परिवार के साथ रह रहा था. शव लेने आए उसके परिजनों ने मृतक भगवान को नशे की लत होने से मना किया. उन्होंने कहा कि उसके पैरों में दिक्कत रहती थी. पहले एक्सीडेंट भी हो चुका था. एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि नशे की लत थी. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

झोलाछाप डॉक्टर ने खुद को लगाया इंजेक्शन...

मृतक का शव लेने आए परिजन बोले कि बुधवार को तीन बजे भगवान सिंह की मौत हुई है. जबकि, शव दूसरे दिन करीब साढ़े 11 बजे दिया गया. इस बीच शव लेने के लिए सांसद बालकनाथ और श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली को फोन किए हैं, फिर भी शव दूसरे दिन ही मिला है.

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पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक मनोज ने बताया कि मृतक नशे का आदी था. इसलिए पोस्टमार्टम करना जरूरी था. पहले दिन परिजन के आने में देरी हुई व दूसरे दिन पुलिस थोड़ी देर से आई. पुलिस के पहुंचने के बाद मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया व शव परिजनों के हवाले किया गया शुरुआती जांच पड़ताल में मौत का कारण ओवरडोज माना गया है.

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