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नगर परिषद की बोर्ड बैठक में अपने ही सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा, भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सदन में सुनाया ऑडियो - बोर्ड बैठक में सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

अलवर नगर परिषद में रविवार को बोर्ड की बैठक में कांग्रेस के पार्षदों ने अपनी ही पार्टी की सभापति के खिलाफ जमकर हंगामा किया. सभापति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सदन में पैसे के लेनदेन की ऑडियो सुनाई. इस दौरान पार्षद ने गीता पर हाथ रखकर कहा कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया. उसके बाद सभापति को गीता पर हाथ रखकर कसम खाने के लिए कहा. इस दौरान सभापति बीना गुप्ता ने मामले को शांत कराने के लिए सदन के भीतर से ही सरकार के मंत्री टीकाराम जूली को फोन लगाना पड़ा. इसके बावजूद भी मामला शांत में नहीं हुआ.

बोर्ड बैठक में सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा, Councilors opened a front against chairman in the board meeting
बोर्ड बैठक में सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा
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Published : Mar 22, 2021, 8:47 AM IST

अलवर. नगर परिषद के सभापति ने पिछली बोर्ड की बैठक में 3 पार्षदों के खिलाफ अवैध काम नहीं रोकने को लेकर दबाव बनाने का बयान दिया था, जिसका उस समय भी खूब विरोध हुआ था. उसके बाद अब दूसरी बोर्ड की बैठक होने लगी तो इसी मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान सभापति ने माफी तो नहीं मांगी लेकिन, उन्हें 9 सदस्यों की कमेटी बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

बोर्ड बैठक में सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

अलवर नगर परिषद बोर्ड की बैठक करीब सवा 11 बजे शुरू हुई. जैसे ही सभापति बीना गुप्ता ने सफाई के ठेके के प्रस्ताव रखने की शुरुआत की. पार्षद विक्रम यादव ने खड़े होकर यही मुद्दा उठाया कि पार्षदों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा. पहले पिछली बैठक में लगाए गए आरोप सिद्ध करें। एक महीने से अधिक समय में भी उनके पर लगे आरोप सभापति सिद्ध नहीं कर सकी हैं.

पढ़ें- बीकानेर: खेलते-खेलते अनाज की टंकी में बंद हुए 5 बच्चे, दम घुटने से हुई मौत

नगर परिषद अलवर के सभागार में उस समय सन्नाटा छा गया और सभी 63 पार्षद उस ऑडियो को सुनने लगे, जो पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पार्षद नरेन्द्र मीणा ने सदन में चलाया. इस ऑडियो में पार्षद नरेन्द्र मीणा के पास नगर परिषद अलवर के सहायक लेखा अधिकारी का फोन आता है. इस ऑडियो में एएओ मांगीलाल मौर्य नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता का बिना नाम लिए उनके बारे में बता रहे हैं.

चौथी बार पार्षद चुनकर आए, अजय पूनिया ने कांग्रेस के पार्षद अजय मेठी का नाम लेकर कहा कि मैं आत्महत्या कर लूं, यदि अजय मेठी ने एक रुपया भी खाया हो तो. यही बात दूसरे पार्षदों ने विक्रम यादव और प्रीतम को लेकर कही गई. बीच-बीच में पार्षद अजय पूनिया और अन्य पार्षद आयुक्त सोहन सिंह नरूका पर भी बरसे. आरोप लगाते रहे कि नगर परिषद आयुक्त के कहने पर सभापति काम करती हैं. इस कारण यह सब हो रहा है.

पार्षद सतीश यादव ने सफाई के ठेकों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले वाले ठेकेदारों ने सफाई नहीं की, अब आगे क्या गारंटी है कि शहर में सफाई होगी. सदन में ऐसा पहली बार देखा गया कि उप सभापति घनश्याम गुर्जर को लेकर पक्ष और विपक्ष के पार्षद सहमत नजर आए. सभापति के खिलाफ ज्यादातर पार्षद विरोध में दिखे. वहीं उप सभापति के पक्ष में. तभी तो उप सभापति ने सभापति के बयान से नाराज हुए पार्षदों की मांग पर कमेटी बनाई.

पढ़ें- झालावाड़: भील समाज ने मांगा एसटी में 6% अलग से आरक्षण...एनएच 52 किया जाम, सरकार को चेतावनी

शुरुआत में सभापति कमेटी बनाने से भी इनकार करती रहीं. आखिर में दबाव में कमेटी बनाकर जांच कराने को तैयार हो गईं। सभापति ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो कर्मचारी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा, उन्होंने कहा कि इसके अलावा वो सभी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

अलवर. नगर परिषद के सभापति ने पिछली बोर्ड की बैठक में 3 पार्षदों के खिलाफ अवैध काम नहीं रोकने को लेकर दबाव बनाने का बयान दिया था, जिसका उस समय भी खूब विरोध हुआ था. उसके बाद अब दूसरी बोर्ड की बैठक होने लगी तो इसी मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान सभापति ने माफी तो नहीं मांगी लेकिन, उन्हें 9 सदस्यों की कमेटी बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

बोर्ड बैठक में सभापति के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

अलवर नगर परिषद बोर्ड की बैठक करीब सवा 11 बजे शुरू हुई. जैसे ही सभापति बीना गुप्ता ने सफाई के ठेके के प्रस्ताव रखने की शुरुआत की. पार्षद विक्रम यादव ने खड़े होकर यही मुद्दा उठाया कि पार्षदों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा. पहले पिछली बैठक में लगाए गए आरोप सिद्ध करें। एक महीने से अधिक समय में भी उनके पर लगे आरोप सभापति सिद्ध नहीं कर सकी हैं.

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नगर परिषद अलवर के सभागार में उस समय सन्नाटा छा गया और सभी 63 पार्षद उस ऑडियो को सुनने लगे, जो पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पार्षद नरेन्द्र मीणा ने सदन में चलाया. इस ऑडियो में पार्षद नरेन्द्र मीणा के पास नगर परिषद अलवर के सहायक लेखा अधिकारी का फोन आता है. इस ऑडियो में एएओ मांगीलाल मौर्य नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता का बिना नाम लिए उनके बारे में बता रहे हैं.

चौथी बार पार्षद चुनकर आए, अजय पूनिया ने कांग्रेस के पार्षद अजय मेठी का नाम लेकर कहा कि मैं आत्महत्या कर लूं, यदि अजय मेठी ने एक रुपया भी खाया हो तो. यही बात दूसरे पार्षदों ने विक्रम यादव और प्रीतम को लेकर कही गई. बीच-बीच में पार्षद अजय पूनिया और अन्य पार्षद आयुक्त सोहन सिंह नरूका पर भी बरसे. आरोप लगाते रहे कि नगर परिषद आयुक्त के कहने पर सभापति काम करती हैं. इस कारण यह सब हो रहा है.

पार्षद सतीश यादव ने सफाई के ठेकों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले वाले ठेकेदारों ने सफाई नहीं की, अब आगे क्या गारंटी है कि शहर में सफाई होगी. सदन में ऐसा पहली बार देखा गया कि उप सभापति घनश्याम गुर्जर को लेकर पक्ष और विपक्ष के पार्षद सहमत नजर आए. सभापति के खिलाफ ज्यादातर पार्षद विरोध में दिखे. वहीं उप सभापति के पक्ष में. तभी तो उप सभापति ने सभापति के बयान से नाराज हुए पार्षदों की मांग पर कमेटी बनाई.

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शुरुआत में सभापति कमेटी बनाने से भी इनकार करती रहीं. आखिर में दबाव में कमेटी बनाकर जांच कराने को तैयार हो गईं। सभापति ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो कर्मचारी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा, उन्होंने कहा कि इसके अलावा वो सभी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

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