अलवर. देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले होटल, मैरिज गार्डन और लॉन कोरोना काल में तालों में बंद हैं. इनसे जुड़े हुए लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. इनके अलावा कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, लाइट डेकोरेशन, डीजे साउंड, फ्लावर डेकोरेशन, टेंट और हलवाई का काम करने वाले लोग पांच महीने से घर में बैठे हुए हैं. सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, ऐसे में 5 लाख से भी अधिक लोग भूखे मरने को मजबूर हैं. यही हालात रहे तो आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं.
अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता है. एनसीआर का हिस्सा होने के कारण राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में अलवर में जनसंख्या घनत्व ज्यादा है और सभी क्षेत्रों में अलवर अन्य शहरों से आगे है. अलवर से हजारों लोग रोजगार के लिए दिल्ली और जयपुर आते-जाते हैं. देशभर से लोग रोजगार के लिए अलवर आते हैं और यहां की देशी-विदेशी कंपनियों में नौकरी करते हैं. पूरे देश में मार्च महीने से शादी, विवाह, बर्थडे पार्टी और शादी की सालगिरह सहित अन्य मांगलिक कार्य बंद हैं.
400 से अधिक मैरिज गार्डन पर लटका है ताला
ऐसे में अलवर के 400 से अधिक मैरिज गार्डन पर ताला लटका हुआ है. इसी तरह से जिले के 300 से अधिक होटल बंद हैं. अलवर में नामी रिसॉर्ट, फोर्ट और पांच सितारा होटल है, जिनमें साल भर लोगों की आवाजाही होती है. साथ ही लोग दूर-दूर से घूमने के लिए अलवर आते हैं. मांगलिक कार्य बंद होने के कारण होटल के अलावा कैटरिंग, फास्ट फूड, इवेंट मैनेजमेंट, डीजे साउंड, इलेक्ट्रिशियन, फ्लावर डेकोरेशन और डेकोरेशन सहित अन्य काम भी बंद हैं.
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5 लाख से अधिक लोग बेरोजगार
ऐसे में इन व्यवसायों से जुड़े हुए प्रदेश के करीब 5 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं. यह व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें छोटे से छोटा लेबर और बड़े से बड़ा व्यापारी जुड़ता है. यह काम शुरू होते ही बाजार में रौनक बढ़ने लगती है. लोगों को काम मिलता है, तो वहीं देश की अर्थव्यवस्था का यह एक अहम हिस्सा है. लेकिन इसके बाद भी सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है.
खुद मदद की दरकार
ईटीवी भारत से खास बातचीत में व्यापारियों ने कहा कि हालत बद से बदतर हो रही है. इस समय उनके पास मरने की स्थिति है. लोग परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं और अपना व्यवसाय बदल रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा शादी विवाह और मांगलिक कार्य बंद हैं. इन पर देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है. 5 महीने से लोग सरकार और आमजन की मदद करने में लगे हैं, लेकिन इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को अब खुद मदद की दरकार है.
सरकार वसूल रही टैक्स
व्यापारियों का कहना है कि बंद होटल, मैरिज गार्डन, लॉन और बैंक्विट हॉल का सरकार टैक्स वसूल रही है. नगर परिषद, प्रदूषण विभाग, फायर विभाग सहित कई सरकारी विभागों को हर महीने टैक्स देना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इन व्यापारियों के साथ जुड़े हुए सैकड़ों लोगों की मदद भी करनी पड़ रही है क्योंकि इस व्यापार से जुड़े हुए लोगों के साथ बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग जुड़ा रहता है.
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सरकार से मांग
इन व्यापार से जुड़े मजदूर साल भर कम पैसे में काम करते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन 5 महीने से कामकाज ठप है, ऐसे में व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ रही है. हालांकि, व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल सरकार से इस क्षेत्र को भी खोलने की मांग कर रहा है. वहीं सरकार की तरफ से भी पूरा आश्वासन दिलाया गया है, लेकिन उसके बाद भी कामकाज ठप है. व्यापारियों ने कहा कि जल्द ही अगर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो आने वाला समय बहुत ही खतरनाक हो सकता है.
लाखों लोग हुए बेरोजगार
अलवर सहित पूरे प्रदेश में 50 हजार ऐसे लोग हैं, जो होटल, मैरिज गार्डन, लोन, बैंक्वेट्स हॉल, कैटरिंग, मैरिज इवेंट, इलेक्ट्रीशियन, डीजे साउंड, फ्लावर डेकोरेशन और डेकोरेशन सहित विभिन्न काम में सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इनसे जुड़े हुए करीब 5 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं.