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अलवर में मनरेगा योजना के तहत कई साल बाद तालाबों की हुई सफाई - सिंचाई विभाग अलवर

अलवर में कई साल बाद मनरेगा योजना के तहत काम हुआ है. मनरेगा योजना के तहत अब तक 70 हजार से अधिक लोगों को काम मिल चुका है. सबसे ज्यादा काम सिंचाई विभाग से जुड़े हुए कार्य हुए हैं. ऐसे में बारिश के मौसम में इस बार तालाब और बांधों में बेहतर पानी आ सकता है. कई नहर में पक्की जमीन नजर आने लगी है.

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कई साल बाद तालाबों की हुई सफाई
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Published : Jan 13, 2021, 8:16 AM IST

अलवर. मनरेगा योजना के तहत जिले में खासा काम हुआ है. सिंचाई विभाग में बीते साल 57 कार्य मनरेगा योजना के तहत हुए थे. हालांकि इस बार काम की संख्या कम हुई है. एक बार करीब 32 काम मनरेगा योजना में हुए हैं. इसमें एनीकट, बांधों की सफाई, नहरों की सफाई, बांध के बेड़े से मिट्टी निकालना और पेड़ लगाने सहित कई अन्य कार्य मनरेगा योजना के तहत जिले में किए गए हैं.

कई साल बाद तालाबों की हुई सफाई

इसका असर इस साल बारिश के दौरान देखने को मिला. एक ही बारिश में जयसमंद बांध में पानी आया. जयसमंद बांध की पूरी नहर नटनी का बारा से लेकर जयसमंद बांध तक को साफ कराया गया. बांधों की पीचिंग ठीक कराई गई और बांधों की पाल मरम्मत कार्य सहित कई कार्य कराए गए.

यह भी पढ़ें: इटावा क्षेत्र में ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का विधायक ने लिया जायजा, सुनी किसानों की व्यथा

सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो बीते कई साल की तुलना में बांधों पर बेहतर काम हुआ है, जिसका असर आने वाले समय भी नजर आएगा. बारिश के दौरान बांधों में पानी का स्तर बढ़ सकता है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास बजट का अभाव रहता है. वहीं मनरेगा योजना में लोगों को ज्यादा काम मिले, इसके तहत योजना बनाकर काम कराए गए हैं.

जिले में सिंचाई विभाग के पास 22 बड़े बांध हैं. 101 बांध पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. अलवर जिला राजस्थान में जयपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा जिला है. अलवर में 11 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसलिए अलवर में काम की संभावनाएं भी ज्यादा रहती हैं. कोरोना काल के दौरान जहां लोगों के रोजगार छूट गए, लोग वापस अपने घरों को लौटे. ऐसे में मनरेगा योजना हजारों लोगों के लिए खासी मददगार साबित हुई.

अलवर. मनरेगा योजना के तहत जिले में खासा काम हुआ है. सिंचाई विभाग में बीते साल 57 कार्य मनरेगा योजना के तहत हुए थे. हालांकि इस बार काम की संख्या कम हुई है. एक बार करीब 32 काम मनरेगा योजना में हुए हैं. इसमें एनीकट, बांधों की सफाई, नहरों की सफाई, बांध के बेड़े से मिट्टी निकालना और पेड़ लगाने सहित कई अन्य कार्य मनरेगा योजना के तहत जिले में किए गए हैं.

कई साल बाद तालाबों की हुई सफाई

इसका असर इस साल बारिश के दौरान देखने को मिला. एक ही बारिश में जयसमंद बांध में पानी आया. जयसमंद बांध की पूरी नहर नटनी का बारा से लेकर जयसमंद बांध तक को साफ कराया गया. बांधों की पीचिंग ठीक कराई गई और बांधों की पाल मरम्मत कार्य सहित कई कार्य कराए गए.

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सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो बीते कई साल की तुलना में बांधों पर बेहतर काम हुआ है, जिसका असर आने वाले समय भी नजर आएगा. बारिश के दौरान बांधों में पानी का स्तर बढ़ सकता है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास बजट का अभाव रहता है. वहीं मनरेगा योजना में लोगों को ज्यादा काम मिले, इसके तहत योजना बनाकर काम कराए गए हैं.

जिले में सिंचाई विभाग के पास 22 बड़े बांध हैं. 101 बांध पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. अलवर जिला राजस्थान में जयपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा जिला है. अलवर में 11 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसलिए अलवर में काम की संभावनाएं भी ज्यादा रहती हैं. कोरोना काल के दौरान जहां लोगों के रोजगार छूट गए, लोग वापस अपने घरों को लौटे. ऐसे में मनरेगा योजना हजारों लोगों के लिए खासी मददगार साबित हुई.

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