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अलवरः दो वक्त की रोटी के लिए बेच रहे सब्जी, कलम हाथ से नदारद

लॉकडाउन के दौरान एक तरफ बच्चे घर में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं और स्वादिष्ट भोजन खा रहे हैं. तो दूसरी तरफ अलवर में कुछ ऐसे बच्चे और परिवार हैं, जो दो वक्त की रोटी के लिए भी दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे ही एक परिवार से ईटीवी भारत की टीम ने बात की. इस परिवार में तीन लोग हैं, परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है. इसलिए दो बच्चे दो वक्त की रोटी के लिए मजबूरी में सब्जी बेचकर पेट भर रहे हैं.

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दो वक्त की रोटी के लिए अलवर में बच्चे बेच रहे हैं सब्जी
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Published : Apr 23, 2020, 8:38 PM IST

अलवर. शहर के दिल्ली दरवाजा में रहने वाले दो बच्चे इन दिनों पेट भरने के लिए सब्जी बेच रहे हैं. कुछ साल पहले पिता की मौत हो गई, ऐसे में मां घर में काम करती है. घर का बड़ा बच्चा एक गारमेंट की दुकान पर नौकरी करता है.

दो वक्त की रोटी के लिए अलवर में बच्चे बेच रहे हैं सब्जी

बता दें, कि लॉकडाउन के दौरान मां और बड़े बच्चे का रोजगार छूट गया है. ऐसे में दोनों बच्चे मजबूरी में पेट भरने के लिए गली-गली रिक्शा चलाकर सब्जी बेच रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने गलियों में घूमते हुए इन बच्चों को देखा. इस पर दोनों से बात की इनमें एक की उम्र 15 साल है, तो दूसरे की उम्र 11 साल के आसपास है. दोनों ने कहा कि घर में कोई कमाने वाला नहीं है. लॉकडाउन के दौरान 5 किलो राशन किसी की तरफ से मिला था, लेकिन वो भी अब समाप्त हो चुका है. ऐसे में पेट भरने के लिए पैसे की आवश्यकता है. इसलिए मजबूरी में रिक्शा किराए पर लेकर दोनों भाई सब्जी बेच रहे हैं.

पढ़ेंः रियलिटी चेक: अलवर में दुकानों पर कम पहुंच रहा गेहूं, सामने आई ये बात...

हजारों सैकड़ों संस्थाएं जरूरतमंद का पेट पढ़ने का दावा कर रही है. सरकार और प्रशासन की तरफ से भी लगातार दावे किए जा रहे हैं, इन सब दावों के बीच अलवर में यह बच्चे सरकार और प्रशासन के सभी दावों को झुठलाते हुए नजर आ रहे हैं. इस तरह के हालात एक परिवार के नहीं है. अलवर में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो पुराने मोहल्लों की गलियों में रहते हैं और दो वक्त की रोटी के लिए लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं.

अलवर. शहर के दिल्ली दरवाजा में रहने वाले दो बच्चे इन दिनों पेट भरने के लिए सब्जी बेच रहे हैं. कुछ साल पहले पिता की मौत हो गई, ऐसे में मां घर में काम करती है. घर का बड़ा बच्चा एक गारमेंट की दुकान पर नौकरी करता है.

दो वक्त की रोटी के लिए अलवर में बच्चे बेच रहे हैं सब्जी

बता दें, कि लॉकडाउन के दौरान मां और बड़े बच्चे का रोजगार छूट गया है. ऐसे में दोनों बच्चे मजबूरी में पेट भरने के लिए गली-गली रिक्शा चलाकर सब्जी बेच रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने गलियों में घूमते हुए इन बच्चों को देखा. इस पर दोनों से बात की इनमें एक की उम्र 15 साल है, तो दूसरे की उम्र 11 साल के आसपास है. दोनों ने कहा कि घर में कोई कमाने वाला नहीं है. लॉकडाउन के दौरान 5 किलो राशन किसी की तरफ से मिला था, लेकिन वो भी अब समाप्त हो चुका है. ऐसे में पेट भरने के लिए पैसे की आवश्यकता है. इसलिए मजबूरी में रिक्शा किराए पर लेकर दोनों भाई सब्जी बेच रहे हैं.

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हजारों सैकड़ों संस्थाएं जरूरतमंद का पेट पढ़ने का दावा कर रही है. सरकार और प्रशासन की तरफ से भी लगातार दावे किए जा रहे हैं, इन सब दावों के बीच अलवर में यह बच्चे सरकार और प्रशासन के सभी दावों को झुठलाते हुए नजर आ रहे हैं. इस तरह के हालात एक परिवार के नहीं है. अलवर में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो पुराने मोहल्लों की गलियों में रहते हैं और दो वक्त की रोटी के लिए लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं.

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