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अलवर में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही, परिजनों को दिया दूसरे का शव, हंगामा

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Published : May 6, 2020, 11:40 PM IST

Updated : May 24, 2020, 3:21 PM IST

अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय के मोर्चरी से शव बदलने का मामला सामने आया है. जहां अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मृतक पप्पू राम प्रजापत के शव को मृतक राजमोहन के पजिनों को दे दिया गया. वहीं राजामोहन के परिजनों से पहचानने में गलती करके शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. गड़बड़ी की जानकारी के बाद पप्पू राम प्रजापत के परिजनों ने हंगामा शुरु कर दिया साथ ही दूसरा शव लेने से इंकार दिया है.

dead Body swapped in Alwar, Dead body exchange in alwar, अलवर में बदल गया शव, अलवर में शव में अदला बदली
अलवर में शव में अदला बदली

अलवर. शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में शव बदलने का मामला उजागर होने से हड़कंप मच गया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके परिजन पप्पू राम प्रजापत के शव को राजमोहन के परिजन को दे दिया गया है. उत्तराखंड से 10 साल बाद आए राजमोहन बेटे को पप्पू राम प्रजापत के शव दे दिया गया, वहीं को राजमोहन बेटे ने को पहचानने में गलती की और उसे लेकर चले गए. इस मामले में अस्पताल प्रशासन कुछ भी नहीं बोल रहा है. साथ ही परिजनों पर दूसरी डेड बॉडी को ले जाने का दबाव बना रहा है, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है.

ये है पूरा मामला

बता दें कि, जिले की कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी 50 साल के व्यक्ति पप्पू राम प्रजापत की 3 दिन पहले मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोरोना पोजेटिव मानते हुए शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया था. इसलिए परिजन 3 दिन से परेशान हो रहे हैं. लेकिन मृतक का कोरोना रिपोर्ट नहीं आने तक पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर परिजनों ने विरोध जताया. वहीं बुधवार को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद परिजन मृतक पप्पू राम प्रजापत के शव को लेने अस्पताल पहुंचे. आवश्यक खानापूर्ति के बाद जब उन्हें शव दिखाया तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि शव पप्पू प्रजापत की जगह किसी और व्यक्ति का रखा हुआ था. उसके बाद पता चला कि 5 मई को किसी उत्तराखंड से आए व्यक्ति को पप्पू का सब दे दिया गया. उत्तराखंड से आए उस व्यक्ति के पिता का शव मोर्चरी में रखा रह गया.

ये पढ़ें: अलवर: बंधक बनाकर लूट करने की वारदात का खुलासा, दो गिरफ्तार

मृतक के भाई संजीव प्रजापत ने बताया कि 3 मई रात को उसके भाई पप्पू राम प्रजापत को अचानक बीमार होने पर अलवर के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया. जहां इलाज के कुछ देर बाद ही उसकी मृत्यु हो गई. चिकित्सा विभाग के ने पहले ही मृतक का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए और शव को मोर्चरी में रखवा दिया. उसके बाद 3 दिन तक उन्हें शव नहीं दिया. साथ ही उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए भी मना कर दिया था.

वहीं कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम करवाने के दौरान शव बदलने की जानकारी लगने के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. इसके साथ ही मृतक के शव को दूसरे व्यक्ति के ले जाने को लेकर चिकित्सा विभाग कोई भई जवाब नहीं दे रहा है. ऐसे में मृतक पप्पू राम प्रजापत के परिजनों का आरोप है कि चिकित्सा विभाग की लापरवाही के कारण शव बदला गया और अब उनके घर में मातम फैला हुआ है. साथ ही परिजनों का कहना है कि वे दूसरे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

ये पढ़ें: जयपुर: शराब की दुकानें खुलने के बाद पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने किया शहर का दौरा

इधर सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि दूसरे मृतक राजमोहन के परिजन आए थे. वे मृतक की डेड बॉडी को पहचान कर ले गए. साथ ही स्थानीय भूरा सिद्ध श्मशान पर उसका दाह संस्कार कर दिया. ये लोग यह देहरादून से आए थे. उनके सामने जब इस बात का खुलासा हुआ कि डेड बॉडी गलत चली गई है. तो उन्होंने भी कबूल किया है कि गलती से गलत पहचान की है. साथ ही उनके परिजनों को अस्पताल बुलाया गया है. इस मामले में चिकित्सा विभाग की और जांच बैठा दी गई है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन ही कोई भी कार्रवाई करेगा और उनका निर्णय ही अंतिम होगा.

अलवर. शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में शव बदलने का मामला उजागर होने से हड़कंप मच गया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके परिजन पप्पू राम प्रजापत के शव को राजमोहन के परिजन को दे दिया गया है. उत्तराखंड से 10 साल बाद आए राजमोहन बेटे को पप्पू राम प्रजापत के शव दे दिया गया, वहीं को राजमोहन बेटे ने को पहचानने में गलती की और उसे लेकर चले गए. इस मामले में अस्पताल प्रशासन कुछ भी नहीं बोल रहा है. साथ ही परिजनों पर दूसरी डेड बॉडी को ले जाने का दबाव बना रहा है, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है.

ये है पूरा मामला

बता दें कि, जिले की कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी 50 साल के व्यक्ति पप्पू राम प्रजापत की 3 दिन पहले मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोरोना पोजेटिव मानते हुए शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया था. इसलिए परिजन 3 दिन से परेशान हो रहे हैं. लेकिन मृतक का कोरोना रिपोर्ट नहीं आने तक पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर परिजनों ने विरोध जताया. वहीं बुधवार को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद परिजन मृतक पप्पू राम प्रजापत के शव को लेने अस्पताल पहुंचे. आवश्यक खानापूर्ति के बाद जब उन्हें शव दिखाया तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि शव पप्पू प्रजापत की जगह किसी और व्यक्ति का रखा हुआ था. उसके बाद पता चला कि 5 मई को किसी उत्तराखंड से आए व्यक्ति को पप्पू का सब दे दिया गया. उत्तराखंड से आए उस व्यक्ति के पिता का शव मोर्चरी में रखा रह गया.

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मृतक के भाई संजीव प्रजापत ने बताया कि 3 मई रात को उसके भाई पप्पू राम प्रजापत को अचानक बीमार होने पर अलवर के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया. जहां इलाज के कुछ देर बाद ही उसकी मृत्यु हो गई. चिकित्सा विभाग के ने पहले ही मृतक का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए और शव को मोर्चरी में रखवा दिया. उसके बाद 3 दिन तक उन्हें शव नहीं दिया. साथ ही उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए भी मना कर दिया था.

वहीं कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम करवाने के दौरान शव बदलने की जानकारी लगने के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. इसके साथ ही मृतक के शव को दूसरे व्यक्ति के ले जाने को लेकर चिकित्सा विभाग कोई भई जवाब नहीं दे रहा है. ऐसे में मृतक पप्पू राम प्रजापत के परिजनों का आरोप है कि चिकित्सा विभाग की लापरवाही के कारण शव बदला गया और अब उनके घर में मातम फैला हुआ है. साथ ही परिजनों का कहना है कि वे दूसरे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

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इधर सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि दूसरे मृतक राजमोहन के परिजन आए थे. वे मृतक की डेड बॉडी को पहचान कर ले गए. साथ ही स्थानीय भूरा सिद्ध श्मशान पर उसका दाह संस्कार कर दिया. ये लोग यह देहरादून से आए थे. उनके सामने जब इस बात का खुलासा हुआ कि डेड बॉडी गलत चली गई है. तो उन्होंने भी कबूल किया है कि गलती से गलत पहचान की है. साथ ही उनके परिजनों को अस्पताल बुलाया गया है. इस मामले में चिकित्सा विभाग की और जांच बैठा दी गई है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन ही कोई भी कार्रवाई करेगा और उनका निर्णय ही अंतिम होगा.

Last Updated : May 24, 2020, 3:21 PM IST
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