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अलवर के इस गांव में पानी की कमी के चलते नहीं हो रही थी युवाओं की शादी, अब ये प्रयास लाए रंग - अलवर

गांव में पानी की कमी की वजह से कोई भी अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करना चाहता था. लोग आते थे चले जाते थे. गांव के युवा परेशान थे शादी करना चाहते पर हो नहीं रही थी, और फिर ऐसे में गांव के सरपंच के एक प्रयास से हजारों युवा खुशी से झूमने लगे.

अलवर के इस गांव में पानी की वजह से युवाओं का बढ़ रहा था कुवांरापन...बन रहा है 3.5 किमी लंबा बांध
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Published : Jul 24, 2019, 8:28 PM IST

अलवर. नौकरी के अभाव में विवाह नहीं होना आम बात है. लेकिन अलवर के नीमराणा क्षेत्र के खुदरोट गांव में पानी की कमी के चलते युवाओं के विवाह नहीं होने का मामला सामने आया है. ऐसे में वहां के सरपंच का एक प्रयास हजारों लोगों के लिए नया जीवन बन कर आया है. सरपंच ने आम लोगों और सरकार की मदद से गांव में 3.5 किलोमीटर लंबा बांध बनाया है. इस बात से आसपास के कई गांव में भूमिगत जल स्तर बेहतर होगा व क्षेत्र में खेती बेहतर होगी.

45 लाख से अधिक आबादी वाले अलवर जिले में सतही जल के कोई इंतजाम नहीं है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. आए दिन पुराने ट्यूबवेल खराब होते हैं और नए ट्यूबवेल खोदे जाते हैं. पानी की कमी के चलते नीमराणा क्षेत्र के खुंदरोड गांव व उसके आस-पास के अन्य गांव में युवाओं के लंबे समय से विवाह नहीं हो रहे थे. ऐसे में वहां की सरपंच राजपाल यादव का एक प्रयास गांव के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है.

अलवर के इस गांव में पानी की वजह से युवाओं का बढ़ रहा था कुवांरापन...बन रहा है 3.5 किमी लंबा बांध

राजपाल यादव ने खुंदरोड गांव से हरियाणा बॉर्डर तक करीब 3.5 किलोमीटर लंबा बांध का निर्माण करवाया है. हालांकि बांध का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन इसका असर अभी से नजर आने लगा है. बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ पानी जमा होगा व भूमि का जल स्तर बेहतर होगा. करोड़ों रुपए की लागत से इस बांध का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. खुंदरोड व आस-पास के गांव में पीने के पानी के भी कोई इंतजाम नहीं थे. खारा पानी होने के कारण लोगों को दूर-दूर से टैंकर की मदद से पानी मंगवाना पड़ता था. लेकिन अब गांव में मीठा वैसा पानी आने लगा है तो वही ट्यूबवेल व कुआं का जलस्तर भी बेहतर हुआ है.

बांध के निर्माण के लिए आसपास के गांव के 32 लोगों ने अपनी करोड़ों रुपए की जमीन सरकार को दान दी और उसके बाद बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ. इस प्रक्रिया के लिए सरपंच राजपाल यादव को दर्जनों ग्राम सभा में करनी पड़ी व लोगों को समझाना पड़ा. बांध से होने वाले फायदों की लोगों को जानकारी दी गई व भूमि का जल स्तर बेहतर होने के बारे में बताया गया. इसके बाद लोग जमीन देने के लिए तैयार हुए और बांध का निर्माण हुआ.

बांध का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. लेकिन उससे पहले ही लोगों को बांध का फायदा होने लगा है. शुरुआत की बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ खेतों में पानी जमा होना शुरू हो चुका है. ऐसे में लोगों को तेज बारिश का इंतजार है. दरअसल बांध के दोनों तरफ पहाड़ हैं. बारिश के समय में पहाड़ों का पानी बांध के दोनों तरफ जमा होगा. इससे भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा व लोगों की खेती अच्छी होगी.

इस बांध के निर्माण में 3.5 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया है. सरकार और आम लोगों की मदद से बना यह बांध आसपास क्षेत्र के लिए पर्यटन का केंद्र भी बन रहा है. लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आते हैं. बारिश के बाद लोगों को उम्मीद है कि आप पानी जमा होने से हालात और बेहतर होंगे. राजपाल यादव ने कहा पानी है तो जीवन है. इस सोच के आधार पर गांव में बांध बनाने का फैसला लिया गया. ऐसे में सभी को पानी बचाने वह आने वाले भविष्य को बेहतर करने के लिए एक प्रयास करना चाहिए. जिससे नई पीढ़ी को मिसाल मिल सके साथ ही उनका भविष्य उज्जवल हो सके.

अलवर. नौकरी के अभाव में विवाह नहीं होना आम बात है. लेकिन अलवर के नीमराणा क्षेत्र के खुदरोट गांव में पानी की कमी के चलते युवाओं के विवाह नहीं होने का मामला सामने आया है. ऐसे में वहां के सरपंच का एक प्रयास हजारों लोगों के लिए नया जीवन बन कर आया है. सरपंच ने आम लोगों और सरकार की मदद से गांव में 3.5 किलोमीटर लंबा बांध बनाया है. इस बात से आसपास के कई गांव में भूमिगत जल स्तर बेहतर होगा व क्षेत्र में खेती बेहतर होगी.

45 लाख से अधिक आबादी वाले अलवर जिले में सतही जल के कोई इंतजाम नहीं है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. आए दिन पुराने ट्यूबवेल खराब होते हैं और नए ट्यूबवेल खोदे जाते हैं. पानी की कमी के चलते नीमराणा क्षेत्र के खुंदरोड गांव व उसके आस-पास के अन्य गांव में युवाओं के लंबे समय से विवाह नहीं हो रहे थे. ऐसे में वहां की सरपंच राजपाल यादव का एक प्रयास गांव के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है.

अलवर के इस गांव में पानी की वजह से युवाओं का बढ़ रहा था कुवांरापन...बन रहा है 3.5 किमी लंबा बांध

राजपाल यादव ने खुंदरोड गांव से हरियाणा बॉर्डर तक करीब 3.5 किलोमीटर लंबा बांध का निर्माण करवाया है. हालांकि बांध का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन इसका असर अभी से नजर आने लगा है. बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ पानी जमा होगा व भूमि का जल स्तर बेहतर होगा. करोड़ों रुपए की लागत से इस बांध का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. खुंदरोड व आस-पास के गांव में पीने के पानी के भी कोई इंतजाम नहीं थे. खारा पानी होने के कारण लोगों को दूर-दूर से टैंकर की मदद से पानी मंगवाना पड़ता था. लेकिन अब गांव में मीठा वैसा पानी आने लगा है तो वही ट्यूबवेल व कुआं का जलस्तर भी बेहतर हुआ है.

बांध के निर्माण के लिए आसपास के गांव के 32 लोगों ने अपनी करोड़ों रुपए की जमीन सरकार को दान दी और उसके बाद बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ. इस प्रक्रिया के लिए सरपंच राजपाल यादव को दर्जनों ग्राम सभा में करनी पड़ी व लोगों को समझाना पड़ा. बांध से होने वाले फायदों की लोगों को जानकारी दी गई व भूमि का जल स्तर बेहतर होने के बारे में बताया गया. इसके बाद लोग जमीन देने के लिए तैयार हुए और बांध का निर्माण हुआ.

बांध का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. लेकिन उससे पहले ही लोगों को बांध का फायदा होने लगा है. शुरुआत की बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ खेतों में पानी जमा होना शुरू हो चुका है. ऐसे में लोगों को तेज बारिश का इंतजार है. दरअसल बांध के दोनों तरफ पहाड़ हैं. बारिश के समय में पहाड़ों का पानी बांध के दोनों तरफ जमा होगा. इससे भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा व लोगों की खेती अच्छी होगी.

इस बांध के निर्माण में 3.5 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया है. सरकार और आम लोगों की मदद से बना यह बांध आसपास क्षेत्र के लिए पर्यटन का केंद्र भी बन रहा है. लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आते हैं. बारिश के बाद लोगों को उम्मीद है कि आप पानी जमा होने से हालात और बेहतर होंगे. राजपाल यादव ने कहा पानी है तो जीवन है. इस सोच के आधार पर गांव में बांध बनाने का फैसला लिया गया. ऐसे में सभी को पानी बचाने वह आने वाले भविष्य को बेहतर करने के लिए एक प्रयास करना चाहिए. जिससे नई पीढ़ी को मिसाल मिल सके साथ ही उनका भविष्य उज्जवल हो सके.

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अलवर।
नौकरी के अभाव में विवाह नहीं होना आम बात है। लेकिन अलवर के नीमराणा क्षेत्र के खुदरोट गांव में पानी की कमी के चलते युवाओं के विवाह नहीं होने का मामला सामने आया है। ऐसे में वहां के सरपंच का एक प्रयास हजारों लोगों के लिए नया जीवन बन कर आया है। सरपंच ने आम लोगों व सरकार की मदद से गांव में 3.5 किलोमीटर लंबा बांध बनाया है। इस बात से आसपास के कई गांव में भूमिगत जल स्तर बेहतर होगा व क्षेत्र में खेती बेहतर होगी।


Body:45 लाख से अधिक आबादी वाले अलवर जिले में सतही जल के कोई इंतजाम नहीं है। पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है। आए दिन पुराने ट्यूबवेल खराब होते हैं व नए ट्यूबवेल खोदे जाते हैं। पानी की कमी के चलते नीमराणा क्षेत्र के खुंदरोड गांव व उसके आस-पास के अन्य गांव में युवाओं के लंबे समय से विवाह नहीं हो रहे थे। ऐसे में वहां की सरपंच राजपाल यादव का एक प्रयास गांव के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।

राजपाल यादव ने खुंदरोड गांव से हरियाणा बॉर्डर तक करीब 3.5 किलोमीटर लंबा बांध का निर्माण करवाया है। हालांकि बांध का निर्माण कार्य जारी है। लेकिन इसका असर अभी से नजर आने लगा है। बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ पानी जमा होगा व भूमि का जल स्तर बेहतर होगा। करोड़ों रुपए की लागत से इस बांध का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। खुंदरोड व आस-पास के गांव में पीने के पानी के भी कोई इंतजाम नहीं थे। खारा पानी होने के कारण लोगों को दूर-दूर से टैंकर की मदद से पानी मंगवाना पड़ता था। लेकिन अब गांव में मीठा वैसा पानी आने लगा है तो वही ट्यूबवेल व कुआं का जलस्तर भी बेहतर हुआ है।


Conclusion:बांध के निर्माण के लिए आसपास के गांव के 32 लोगों ने अपनी करोड़ों रुपए की जमीन सरकार को दान दी व उसके बाद बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ। इस प्रक्रिया के लिए सरपंच राजपाल यादव को दर्जनों ग्राम सभा में करनी पड़ी व लोगों को समझाना पड़ा। बांध से होने वाले फायदों की लोगों को जानकारी दी गई व भूमि का जल स्तर बेहतर होने के बारे में बताया गया। इसके बाद लोग जमीन देने के लिए तैयार हुए व बांध का निर्माण हुआ।

बांध का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। लेकिन उससे पहले ही लोगों को बांध का फायदा होने लगा है। शुरुआत की बारिश के दौरान बांध के दोनों तरफ खेतों में पानी जमा होना शुरू हो चुका है। ऐसे में लोगों को तेज बारिश का इंतजार है। दरअसल बांध के दोनों तरफ पहाड़ हैं। बारिश के समय में पहाड़ों का पानी बांध के दोनों तरफ जमा होगा। इससे भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा व लोगों की खेती अच्छी होगी।

इस बांध के निर्माण में 3.5 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया है। सरकार व आम लोगों की मदद से बना यह बांध आसपास क्षेत्र के लिए पर्यटन का केंद्र भी बन रहा है। लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आते हैं। बारिश के बाद लोगों को उम्मीद है कि आप पानी जमा होने से हालात और बेहतर होंगे। राजपाल यादव ने कहा पानी है तो जीवन है। इस सोच के आधार पर गांव में बांध बनाने का फैसला लिया गया। ऐसे में सभी को पानी बचाने वह आने वाले भविष्य को बेहतर करने के लिए एक प्रयास करना चाहिए। जिससे नई पीढ़ी को मिसाल मिल सके व उनका भविष्य उज्जवल हो सके।

बाइट- राजपाल यादव, सरपंच
बाइट-अजीत यादव, ग्रामीण
पीटीसी-हिमांशु शर्मा
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