अलवर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाने का विवाद गरमाता जा रहा है. इस विवाद को लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा भी सरकार को घेर रही है. इसी बीच जिले में भाजपा अध्यक्ष की मौजूदगी में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार की ओर से ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने का विरोध जताया. जिसके चलते मंगलवार को नंगली सर्किल पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया.
भाजपा नेताओं ने बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार की ओर से आरबीएसई 10वीं की कक्षा की पुस्तक में महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में बदलाव किया गया है. जिसके तहत युद्ध में अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तत्व हटाए गए हैं. साथ ही यह भ्रम पैदा किया गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई थी. हल्दीघाटी के युद्ध में देश की आन बान शान के पर्याय महाराणा प्रताप की जीत पर कोई संशय नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह भारत के स्वाभिमान के प्रतीक हैं. कांग्रेस सरकार की ओर से वोट बैंक के लिए शिक्षा का राजनीतिकरण और पाठ्यक्रम को तोड़ मरोड़ कर पेश करना मेवाड़ के शौर्य गाथाओं पर सीधा प्रहार है, जो बहुत निंदनीय है. इस मामले को लेकर युवा मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. बता दें कि इस मौके पर भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी में मौजूद रहे.
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हल्दीघाटी का युद्ध
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप का समर्थन करने वाले घुड़सवारों और धनुर्धारियों और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था. जिसका नेतृत्व आमेर के राजा मान सिंह प्रथम ने किया था. लड़ाई का स्थल राजस्थान के गोगुन्दा के पास हल्दीघाटी में एक संकरा पहाड़ी दर्रा था.