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भाई दूज पर बहनों ने जेल में बंद भाइयों के लगाया तिलक, बांधा रक्षा सूत्र

अलवर सेंट्रल जेल में मंगलवार को भाई दूज का त्यौहार मनाया गया. इस दौरान बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधा. इसके लिए जेल प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए थे. बहनों को कोई परेशानी न हो, उसका भी ध्यान रखा गया.

Bhai Dooj in Jail, अलवर न्यूज
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Published : Oct 30, 2019, 12:03 AM IST

अलवर. जिले के केंद्रीय कारागार में मंगलवार को भाई दूज मनाई गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में बहनों ने जेल में पहुंचकर अपने कैदी भाइयों को तिलक लगाया व रक्षा सूत्र बांधा. इस दौरान जेल प्रशासन ने कैदियों के खाने को लेकर विशेष इंतजाम किए. सभी सामानों की जांच की गई व बहन भाइयों के मिलने की पर्याप्त व्यवस्था थी.

अलवर जेल में मनाई गई भाई दूज

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि जेल में करीब पौने नौ सौ बंदी हैं. जिनके लिए आज खुली मुलाकात करवाई जा रही है. इस दौरान बहनों द्वारा तिलक और रक्षा सूत्र बंधवाया जा रहा है. साथ ही उनके मुलाकात के समय में उनकी मुलाकात करवाई जा रही है. इसके लिए जेल प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए हैं. बहनों को कोई परेशानी न हो, उसका भी ध्यान रखा गया है.

पढ़ें- अलवरः श्रमिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन

सनातन धर्म में रक्षाबंधन की तरह भाई दूज के पर्व को विशेष महत्व है. दीपावली के 2 दिन बाद यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भाई दूज मनाई जाती है. इस पर्व का भाई बहन को बड़ी उत्सुकता से इंतजार रहता है. बहनें जहां इस दिन अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना से पूजा करती हैं. वहीं भाई अपनी बहनों को उनका साथ निभाने का न सिर्फ वचन देते हैं, बल्कि कुछ उपहार भी देते हैं.

अलवर. जिले के केंद्रीय कारागार में मंगलवार को भाई दूज मनाई गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में बहनों ने जेल में पहुंचकर अपने कैदी भाइयों को तिलक लगाया व रक्षा सूत्र बांधा. इस दौरान जेल प्रशासन ने कैदियों के खाने को लेकर विशेष इंतजाम किए. सभी सामानों की जांच की गई व बहन भाइयों के मिलने की पर्याप्त व्यवस्था थी.

अलवर जेल में मनाई गई भाई दूज

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि जेल में करीब पौने नौ सौ बंदी हैं. जिनके लिए आज खुली मुलाकात करवाई जा रही है. इस दौरान बहनों द्वारा तिलक और रक्षा सूत्र बंधवाया जा रहा है. साथ ही उनके मुलाकात के समय में उनकी मुलाकात करवाई जा रही है. इसके लिए जेल प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए हैं. बहनों को कोई परेशानी न हो, उसका भी ध्यान रखा गया है.

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सनातन धर्म में रक्षाबंधन की तरह भाई दूज के पर्व को विशेष महत्व है. दीपावली के 2 दिन बाद यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भाई दूज मनाई जाती है. इस पर्व का भाई बहन को बड़ी उत्सुकता से इंतजार रहता है. बहनें जहां इस दिन अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना से पूजा करती हैं. वहीं भाई अपनी बहनों को उनका साथ निभाने का न सिर्फ वचन देते हैं, बल्कि कुछ उपहार भी देते हैं.

Intro:अलवर
अलवर की केंद्रीय कारागार में मंगलवार को भाई दूज मनाई गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में उन्हें बहनों ने जेल में पहुंचकर अपने भाइयों को तिलक लगाया व रक्षा सूत्र बांधा। इस दौरान जेल प्रशासन की तरफ से खाद्य सुरक्षा इंतजाम किए गए। सभी सामानों की जांच की गई व बहन भाइयों के मिलने की पर्याप्त व्यवस्था थी।


Body:सनातन धर्म में रक्षाबंधन की तरह भाई दूज के पर्व को विशेष महत्व दिया गया है। दीपावली के 2 दिन बाद यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भाई दूज मनाई जाती है। इस पर भाई बहन को बड़ी उत्सुकता से इंतजार रहता है। बहने जहां इस दिन अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना से पूजा करती है। वही भाई अपनी बहनों को उनका साथ निभाने का न सिर्फ वचन देते हैं। बल्कि तोहफा भी देकर उनके चेहरों पर भी मुस्कान देते हैं। दअरसल भाई दूज के दिन बहने को सुबह सवेरे स्नान करके यम देवता की पूजा करती है। उसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देती है। विद्वानों के अनुसार पूजा करते समय यह प्रार्थना बहने करती है। कि यमदेव आप मेरे भाई को लंबी आयु प्रदान करें। अलवर के प्रत्येक घर में महिला युवती सहित सभी ने भाई दूज मनाई। सुबह से ही महिलाएं पूजा करने में जुट गई व दोपहर बाद तिलक लगाने में रक्षा सूत्र का सिलसिला चला।


Conclusion:अलवर के बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर लो की खासी भीड़ नजर आई। बहने अपने भाइयों के गई तो वही भाई भी तिलक लगवाने के लिए अपनी बहनों के पास गए। यह कार्यक्रम सालों से देश के अलावा अन्य देशों में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी अब इस त्योहार को मनाने लगे हैं। अलवर जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए हैं । बहनों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो उसका भी विशेष ध्यान रखा गया है।

बाइट- राजेंद्र सिंह, जेल अधीक्षक, अलवर
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